महिलाओं और दलितों के प्रति हमेशा से दोहरा चरित्र रहा है भाजपा का : मंजू
महिलाओं और दलितों के प्रति हमेशा से दोहरा चरित्र रहा है भाजपा का : मंजू
जे टी न्यूज, समस्तीपुर : नारी सशक्तिकरण, नारी संरक्षण, दलितों को बराबरी का सम्मान आदि मौजूदा सरकार के लिए सिर्फ महिलाओं व दलितों को सान्त्वना देने वाले जुमले से ज्यादा कुछ नहीं हैं। इन मुद्दों पर मोदी सरकार हमेशा से दोहरा रवैया अपनाती रही है। विभूतिपुर विधानसभा से माले के केंद्रीय कमिटी की सदस्य सह किसान सभा की वर्तमान उपाध्यक्ष सह बिहार महिला की प्रथम अध्यक्ष भाकपा माले नेत्री मंजू प्रकाश ने संवाददाता के साथ बातचीत के दौरान उक्त बातें कही। उन्होंने कहा की अखबार उठा कर देख लीजिए, आये दिन महिलाओं व बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार और दुष्कर्म के मामले सुर्खियों में रहते हैं, मगर आरोपी आम आदमी हो तो सजा होती है, कुलदीप सेंगर, चिन्मयानंद, ब्रजभूषण जैसे रसूखदार लोगों के बचाव में सरकार स्वयं खड़ी हो जाती है। पहलवान बेटियों का मामला, मणिपुर और कर्नाटक मामला इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। बिलकिस बानों मामले में आरोपियों को जमानत मिलना, उनके रिहाई पर भव्य स्वागत और तो और इस प्रकरण पर सरकार की चुप्पी क्या साबित करता है? सरकार की पालतू मीडिया भी इन रसूखदार लोगों के खिलाफ आश्चर्य जनक चुप्पी ओढ लेती है। सरकार दलित को राष्ट्रपति बनाती है मगर संसद भवन के शिलान्यास में राष्ट्रपति को औपचारिक निमंत्रण भी नहीं देती, दलित महिला को राष्ट्रपति बनाती है मगर संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं बुलाती है।
अयोध्या में रामलला के प्रतिमा अनावरण समारोह में भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण नही देना क्या साबित करता है? ये दो उदाहरण काफी हैं यह समझाने केलिए कि भाजपा दलितों को हिन्दू भी नहीं मानती, बराबरी का दर्जा देना तो दूर की बात है। बातों बातों में वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में नैतिक पतन केलिए श्रीमती प्रकाश ने राजनीति में बढ़ते पूंजीवादी व्यवस्था को दोष दिया। उन्होंने कहा कि आज राजनीति में सेवा भाव कम और अमीर बनने, और पद प्रतिष्ठा की हनक को प्राथमिकता दी जाने लगी। विपक्षी को कोसने, उसे नीचा दिखाने, सरकार बनाने और लगातार सत्ता में बने रहने के लिए तिकड़मी उपाय किए जाने लगे हैं। राजनीतिक सुचिता तो समाप्त ही हो गई है। इसमें सुधार हेतु विधायक, सांसद बनने के लिए एक शैक्षणिक, चारित्रिक मानक तय होना चाहिए। साथ ही समाज सेवा से जुड़े आम आदमी के बीच से नये लोगों को आगे लाने की आवश्यकता है। अगामी विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका पर श्रीमती प्रकाश ने कहा कि विभूतिपुर विधानसभा में स्व रामदेव वर्मा के लगभग 22 वर्षो के कार्य काल में आम आवाम की आवाज बन, विकाश पुरुष के रूप में प्रसिद्ध रहे। उनके निधन से उपजी शून्यता को भरने और स्व. वर्मा के सयनो को पूरा करने की जिम्मेदारी मै महसूस करती हूं, मगर सबकुछ आपके हाथ में नहीं होता। ये तो पार्टी आलाकमान और क्षेत्र के मतदाताओं पर निर्भर है। मौका मिला तो अपने पति के संकल्प व सपनो को पूरा करते हुए अपने क्षेत्र के लोगो की आशा और अपेक्षाएं पूरी करने को सदैव तत्पर रहेंगे।