लॉकडाउन के अन्य विकल्पों पर अब हो विचार।

आर.के.रॉय/संजीव मिश्रा

नई दिल्ली:

देश में लॉकडाउन का आज 15वाँ दिन है।परेशानियां तो बहुत हैं,लेकिन देशहित में सरकार के पास लॉकडाउन के अलावा कोई अन्य विकल्प भी तो नहीं है।जीवित रहे तो बहुत कमा लेंगे, बहुत कुछ बना लेंगे,अपने सपने फिर सजा लेंगे।परंतु जैसे-जैसे एक-एक दिन गुजरता जा रहा है,लोग धैर्य खोते नजर आ रहे हैं।शायद यह मानवीय गुण है,या अवगुण कह लें कि धैर्य से काम लेना मनुष्य के लिए काफी कठिन होता है।इसकी वजह भी है, निम्नवर्गीय परिवार के पास राशन कार्ड,जन-धन योजना और राहत कैंप भी हैं।वो दया का पात्र है,उनकी जरूरतें कम हैं,जो कहीं से भी पूरी हो जा रही है।मुख्य समस्या मध्यमवर्ग के साथ है।

जिसके पास न तो राशन कार्ड की सुविधा है,न जन-धन योजना,न ही वो राहत शिविर जा सकता है।उसकी प्रतिष्ठा का हनन न हो,इसलिए वो दया का पात्र नहीं बन सकता है।ढंग का भोजन,कपड़े,बच्चों की शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा बनाने के लिए, अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वो जी जान से मेहनत करता है।व्यापार करता है,छोटे-छोटे उद्योग धंधे करता है,ट्यूशन पढ़ाता है,निजी संस्थानों में काम करता है,खेती करता है।साथ ही साथ कई अन्य कार्य भी करता है,जो लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह बंद है।उसे अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।इसी श्रेणी में पत्रकार वर्ग भी आते हैं, जो सरकार के कोप भाजन बने हुए हैं।


हमारी सरकार को लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ अन्य परेशानियों को भी समझना होगा।अब जबकि लॉकडाउन के 21 दिन पूरे होने को हैं, इसे आगे भी जारी रखने की चर्चा हो रही है।सरकार को सारे परिस्थितियों को देखते हुए अब लॉकडाउन के अन्य विकल्पों पर भी विचार करने की आवश्यकता है।सरकार को ये समझना होगा कि राशन कार्डधारियों के अलावा भी बहुत बड़ी आबादी है,जो मुसीबत में है।सुरक्षित रह कर लोग अपने काम धंधे कर सकें इसके लिए सरकार को कोई तरकीब अपनानी ही होगी।बिहार जैसे प्रदेश में जहां कोरोना संक्रमण के मामले काफी कम रहे हैं।उसे महाराष्ट्र, राजस्थान,तमिलनाडु,मध्यप्रदेश और उन प्रदेशों के साथ हम नहीं रख सकते जहां तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

क्यों न अब विशेष सतर्कता के साथ राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि राज्य स्तर पर लॉकडाउन पर विचार किया जाए।सतर्कता के साथ उन राज्यों को अब चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन से मुक्त किया जाए,जहां आखिरी सप्ताह में कोरोना संक्रमण के मामले काफी कम हों।ऐसे राज्यों की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया जाए।बाहर का न कोई आ सके,न ही कोई बाहर जा सके।इतना ही नहीं,एहतियात के तौर पर उन राज्यों के अंदर भी प्रखंड वार कोरोना संक्रमितों के आंकड़े लेकर उन प्रखंडों,शहरों और पंचायतों की घेराबंदी कर दी जाए जहां से कोरोना संक्रमण के अधिक मामले मिले हैं।प्रदेश के प्रखंडों की सीमाओं पर 24 घंटे प्रशासन और चिकित्साकर्मियों की टीम रहे,जो आने जाने वाले प्रत्येक नागरिक की जांच करे और जरा भी संदेह होने पर उन्हें अस्पताल भेजे।प्रखंड के अंदर विशेष सतर्कता के साथ लोग अपना-अपना काम कर सकें।प्रखंड के बाहर आने-जाने की इजाजत सिर्फ आपातकालीन सेवाओं को हो।हमारी सरकार को अब इस तरह के अन्य विकल्पों पर विचार शुरू कर देनी चाहिए।हमारे देश की आधी से अधिक आबादी और देश की अर्थव्यवस्था अब लॉकडाउन से कराह रही है।ऐसा नहीं होने की स्थिति में सरकार को अपना खजाना खोलना होगा और मात्र राशन कार्डधारियों के लिए ही नहीं बल्कि सरकारी कर्मचारियों और आयकरदाताओं को छोड़ देश के प्रत्येक नागरिक के लिए शीघ्र व्यवस्था करनी होगी।

BY:- ASHISH ANAND (WEBSITE EDITOR) MOB.NO:- 7903760419 WHATSAPP NO:- 7277483202.

 

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