*वैश्विक महामारी कोरोना संकट की आड़ में पूंजी की लूट : संजय नायक*
*समस्तीपुर*::-राजद जिला मीडिया प्रभारी प्रवक्ता संजय नायक ने कहां कि भारत वैश्विक महामारी कोरोना के दंश से जूझ रही है वहीं दूसरी तरफ एक बड़ी आबादी भोजन संकट से गुजर रही है। और ऐसे समय में मुकेश अंबानी एशिया के फिर से सबसे अमीर व्यक्ति हो गए हैं।
इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज की शोध पर नज़र मारेंगे तो आपको समझ आ जायेगा कि दाग अच्छे हों न हों दुनिया पर, संकट अच्छे हैं सबसे अमीर लोगों के लिए। 18 मार्च से 20 अप्रैल 1 महीने से कम समय मे इनकी सम्पति मे 10.5% उछाल!!
इससे बेहतर क्या दे सकती है महामारी अमीरों को। संजय नायक ने 2008 की मंदी के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि 2008 के बाद भी सारे राहत पैकेज सबसे अमीर लोगों को ही मिले थे।
पिछली मंदी से उबरने यानी 2016 तक 90% निचली आय वाली आबादी अभी तक नहीं उबर पाई है जबकि 10% अमीरों की सम्पति पहले ही मंदी से पूर्व 2007 कि स्थिति मे आ चुकी है और अब संकट आया तो फिर धन वर्षा!!
अब बताइए कौन अरबपति चाहेगा इस महामारी से जल्दी से पीछा छूटे? और उनके चाहे बिन ये महामारी और भय खत्म होने से रहा। आखिर सरकारें तो वो ही चला रहे पूरी दुनिया मे।
भारत मे भी कर्ज माफ़ी राहत पैकेज की घोषणा जारी हैं उद्योगों को और उद्योग पैसा भी बचाने लगे हैं छटनी, तनख्वाह कटौती करके। कर्मचारी बढ़ा DA न लें डेढ़ साल तक, PM केअर मे सब दान करें, गरीबों का खयाल करें।
आम आदमी घरों मे बन्द रहे चाहे भूखा मरें लेकिन अमीरों के भंडार भरते रहेंगे फिर बताइए संकट महामारी अच्छी है या नहीं अमीरों और सत्ताधारियों के लिए!!
कोरोना प्राकृतिक संकट है या उसकी आड़ मे पूंजी की लूट वो भी भय फैलाकर। आम आदमी तो ये सवाल भी नहीं कर सकता। रोजीरोटी और लोकतांत्रिक हक़ की बात तो दूर की बात है।