कोटा से छात्रों को लाने का समुचित प्रबंध करें सरकार: “आप”


कार्यालय संवाददाता

पटना:  कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है। तकरीबन सभी विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार से मांग की है कि वह छात्रों को घर वापसी को लेकर गंभीरता दिखाएं। वहीं सरकार की तरफ से पटना उच्च न्यायालय में कहा गया है कि सरकार किसी की भी प्रदेश वापसी नहीं करा सकती क्योंकि इससे लॉकडाउन का उल्लघंन होगा।

बिहार प्रदेश “आम आदमी पार्टी” के संगठन मंत्री सह प्रवक्ता पंकज प्रियदर्शी का कहना है कि सरकार का यह तर्क ही समझ से परे है। तकरीबन दस से अधिक राज्यों ने अपने यहां के सभी छात्रों को कोटा से घर वापसी करा सकती है तो फिर नीतीश सरकार क्यूं नहीं?  क्या बांकी के राज्यों को नहीं पता कि यह लॉकडाउन का उल्लघंन है या नहीं? असम की सरकार छात्रों को लाने के लिए प्लेन भेज सकती है तो क्या बिहार सरकार बस भी नहीं भेज सकती? दरअसल सरकार की मंशा ही नहीं है छात्रों को लाने की।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सभी प्रवासी लोगों के घर वापसी के पक्ष में हैं। सरकार को ना सिर्फ गंभीरता दिखानी चाहिए अपितु जो लोग घर वापस आना चाहते हैं उनके लिए समुचित व्यवस्था भी करनी चाहिए ताकि लोगों को असुविधा ना हों। हां इस बात का जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी भी प्रकार से केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन ना हो।

गौरतलब है कि कोटा में फंसे छात्रों ने नीतीश सरकार से मौन प्रदर्शन कर यह मांग की है कि उनकी घर वापसी कराई जाए। छात्रों का यहां तक कहना है कि अब कुछ ही प्रदेश के बच्चें यहां बच गए हैं। सभी प्रदेश सरकारों ने अपने-अपने प्रदेश के छात्रों को यहां से ले जा चुके हैं और अब मेस भी बंद हो चुका है तो खाने की भी दिक्कत शुरु हो गई है। ऐसे में यहां रहना ठीक नहीं है। इधर बच्चों के माता-पिता ने भी सरकार से मांग की है कि उनके बच्चें को ��

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