कागजों पर हो रहा जिला अस्पताल में काम,जिलाधिकारी कराये जांच तो हो सकता है बड़ा खुलासा।
जेटी न्यूज / आर के राय
समस्तीपुर: जिले के स्वास्थ्य महकमे से बड़ी खबर सामने आ रही है । मामला स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है ।समस्तीपुर सदर अस्पताल में कोरोना वायरस के नाम पर लूट का धंधा जारी है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार समस्तीपुर सदर अस्पताल के कैदी वार्ड के बगल में पांच बेड के वेंटीलेटर और एक बेड के कार्ड लॉजिक मॉनिटर आनन-फानन में व्यवस्था की गई है जो वास्तव में छोटे नवजात बच्चों के लिए सरकार द्वारा व्यवस्था की गई है।
परंतु कोरोना वायरस के मरीज के लिए इसी कोटे का एक बेड आईटीओ के ऊपर बनाया गया है। जिसमें एक वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है ।
अस्पताल के खस्ता हालत से किरकिरी होने के चलते समस्तीपुर स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष सह जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल में पत्रकारों को जाने पर रोक लगा दी । यह कह कर कि कोरोना वायरस के मरीज के कारण गेट पर ड्यूटी लगाया गया है ।
कहा कि आम लोग इसके अंदर नहीं आ सके अस्पताल में आपातकालीन सेवा के रूप में महिला गृह प्रसव को छोड़कर तमाम मरीजों का इलाज पर पाबंदी लगाते हुए आउटडोर में ताला लटका दिया गया है।
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इन छह 7 बेड जो बच्चे के लिए बनाए गए थे इसे कोरोना वायरस से निपटने की बात बताया जा रहा है।
जबकि जानकार सूत्र बताते हैं कि एक भी सिस्टम चालू हालत में नहीं है । इसी मामले में जब जिले के सीएस सियाराम मिश्र से दूरभाष पर संयोर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि सारे वेल्टीनेटर चालू कर दिये गए हैं सारे अभी वर्तमान में काम कर रहे हैं।
साथ ही ये पूछे जाने पर ये सारे वेल्टीनेटर नए हैं या पुराने तो उन्होंने बताया कि सारे नए हैं बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया है।
किन्तु जमीनी हकीकत पर गौर करें तो कहानी कुछ और ही बया करती है । अगर सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो जिले के जिलाधिकारी अगर जांच करे तो एक बड़ा खुलासा हो सकता है ।
सवाल यह उठता है कि क्या ज़िले के डीएम जांच करेंगे ? बरहाल यह एक बहुत बड़ा मामला सावित हो सकता है अगर जांच हो जाय। यह तो अब जिलाधिकारी महोदय के विवेक पर निर्भर करता है कि वो क्या करेंगे ।ये तो आने वाला समय ही तय करेगा ।