एनडीए और महागठबंधन के बीच आमने-सामने का मुकाबला। रमेश शंकर झा/विनय भूषण की रिपोर्ट, समस्तीपुर बिहार।

 

 

रमेश शंकर झा/विनय भूषण की रिपोर्ट,
समस्तीपुर बिहार।

समस्तीपुर/उजियारपुर:- जिले के उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए चौथे चरण में आगामी 29 अप्रैल को मतदान की तिथि निर्धारित है। यह तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, अपनी जीत के प्रति सभी प्रत्याशी और उनके समर्थकों के बीच बेचैनी बढती जा रही है। इसका मुख्य कारण अब तक मतदाताओं का चुप्पी साधे रहना है। इस लोकसभा क्षेत्र से एनडीए और महागठबंधन के बीच आमने-सामने का मुकाबला होने का दृश्य अब पूरी तरह से स्पष्ट होता दिख रहा है। हालांकि माकपा अपने कार्यकर्ताओं के बल पर मुकाबला को त्रिकोणीय बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लोक सभा चुनाव को लेकर लोगों में जहां एक तरफ उत्सुकता है। वहीं उनके पास वोट के समीकरण के लिए अपने-अपने गणित भी हैं। कोई घटक दलों के समीकरण के वोट, कोई जातीय समीकरण के वोट को अपना आधार मान रहे हैं, तो इनमें से कोई व्यक्तित्व, विकास और सेवा के साथ-साथ कुनबाई वोटों पर भरोसा जता रहा है। इसके अलावा चुनावी माहौल में बनने वाले हवा का भी सहारा है। लेकिन, इन तमाम कयासों के बीच मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं की परेशानी दिनों दिन बढ़ाए जा रही है। एक तरफ मौसम ने पूरी तरह से गर्मी का एहसास करा दिया है। वहीं दूसरी तरफ चुनावी तापमान भी अपना कोई कसर छोडने को तैयार नहीं है। इस आलम में अपने काम के प्रति लोग भले ही लीन हों, लेकिन एक जगह पर जमा होते हीं चुनावी चर्चा और वाकयुद्ध शुरू हो हीं जाती है। एक दूसरे से हालचाल जानने के बजाय पूछ बैठते हैं-आपके तरफ की हवा कैसी है ? इस बार लोग किस तरफ मतदान को रूख करने जा रहे हैं ? सामने वाला जो कुछ बताए, अपनी दो टिप्पणी दाग हीं देते हैं। लोगों में हो रही चर्चाओं के बीच देखते हैं।

उजियारपुर लोक सभा सीट पर हार और जीत का गणित…. उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र पर एक नजर:-
एनडीए:-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सीटिंग सांसद नित्यानंद राय एनडीए की ओर से चुनाव मैदान में हैं। मोदी इफेक्ट पर भरोसा जता रहे है। इनके समर्थकों में कोई कहीं जाने या भाजपा से इतर कुछ मानने को तैयार नहीं है। ग्रामीण इलाके में भी कार्यकर्ताओं की टोली राष्ट्रवाद की बातें करने लगे हैं। अपना वोट राष्ट्र के नाम देने की बातें कहते हैं। एनडीए में जदयू, भाजपा और लोजपा घटक दल हैं। जदयू और भाजपा साथ-साथ है। पिछले लोक सभा चुनाव में दोनों दल अलग-अलग प्रत्याशी के साथ चुनाव मैदान में दो-दो हाथ करते दिखे थे।

महागठबंधन:- इसका अपना एक चुनावी समीकरण है। जो लोगों को प्रभावित कर रहा है। रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। इनके लिए राजद और कांग्रेस वोट का समीकरण सबसे मजबूत आधार वोट कह सकते हैं। इस बात में कोई कितु-परंतु नहीं है। साथ में मांझी वाला वोट, मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी वाला वोट और कुशवाहा समुदाय को नेतृत्व मिल जाने से इस जाति के लोगों का विशेष झुकाव को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।

वामदल:- भारत की कम्युनिष्ट पार्टी मार्क्सवादी के राज्य सचिव मंडल सदस्य अजय कुमार चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। युवा और क्रांतिकारी हैं। मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं। इसके पास जो अपना कैडर वोट है, वो तो है हीं। भाकपा और भाकपा माले का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा इस प्रत्याशी का भी अपना प्रभाव हर तबके के लोगों पर कुछ न कुछ बना हुआ है।

बहरहाल उजियारपुर लोक सभा क्षेत्र में चुनावी रंग हर किसी पर परवान चढने लगा है। लेकिन हकीकत क्या है ? वह तो आगामी 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद हीं कुछ पता चल पाएगा। तब तक लोगों को इसी तरह कयासों के दौर से गुजरना होगा।

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