*पश्चिम चम्पारण को बाढ़ग्रस्त घोषित करो* *31 जुलाई को बेतिया में जिला कन्वेंशन*


कार्यालय, जेटी न्यूज
बेतिया। बिहार का पश्चिम चम्पारण जिला नेपाल के सीमा पर अवस्थित है । पहाड़ों पर। भारी वर्षा होने के बाद पहाड़ी नदियों से होते नारायणी, मसान , पंडई , गंडक , सीकरहना जैसी नदियों के सहारे पश्चिम चम्पारण में बाढ़ की विभीषिका प्रलय का रुप धारण कर लेती है । ऐसा प्रत्येक साल होता है । नेपाली नदी नारायणी का जल वेग अनियंत्रित होते ही गंडक बराज को खोल दिया जाता है और शुरु हो जाता है बाढ़ का प्रलय लीला । इन नदियों के जद में हजारों गांव , लाखों लोग और मवेशी जीवन और मौत से जूझते रहते हैं ।

पश्चिम चम्पारण जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग बिहार सरकार के निर्देश पर बाढ़ से मुकाबला करने को पूरी तरह तैयार बतलाती है, किन्तु हो जाती असफल। इस साल यह जिला कोरोना , बाढ़ तथा लॉक डाउन के मार से जूझ रहा है । 2018 के 15 अगस्त को चनपटिया प्रखण्ड में भारी बाढ़ आ। जिले के सारे आवागमन बन्द हो गए थे । पहली बार थानाध्यक्ष के गोपालपुर थाना में नहीं पहुंचने पर स्वतंत्रता दिवस का झण्डा नहीं फहराया जा सका।

बेतिया बड़ा रमना में मुख्य झण्डा फहराने के बाद प्रभारी मंत्री मदन सहनी के साथ जिला पदाधिकारी रामचंद्र देवढे बाढ़ का जायजा लेने चनपटिया की ओर गए । मुझे सुचना मिली कि चनपटिया अंचल के बकुलहर पंचायत के छरदवाली गांव का एक वृद्ध व्यक्ति बाढ़ की पानी में डूब रहा था । यह देख दो उत्साहित युवक उसे बचाने के लिए पानी में कूद गए । उस वृद्ध तक नहीं पहुंच कर आगे निकल गए और गन्ने के खेत में पहुंच कर जीवन और मौत से जूझने लगे ।

पानी की रफ्तार इतनी तेज की बचाने को कोई हिम्मत न कर रहा था । मैंने जिला पदाधिकारी को फोन कर उन बच्चों को बचाने की गुहार की । उन्होंने मुझे एन डी आर एफ का नम्बर दिया । मैंने एन डी आर एफ से संपर्क साधा उन्होंने जल्द ही बचाने का आश्वासन दिया । देखते देखते 5.30 बज गए । यानी शाम होने को चला , तब बेचैन होकर जिला पदाधिकारी से बात की । उन्होंने साफ कहा कि उन दोनों बच्चों को बचा लिया गया है । आपको जानकारी नहीं है । मैंने छरदवाली के साथियों से कहा कि शाम होने को चला ।

आप लोग जितना जल्दी हो सके रस्सी की ब्यवस्था कर किसी जीवठ युवक को रस्सी एवं बांस के सहारे पानी में उतारो और उसको हिम्मत दो । जान की परवाह किए बिना वह दोनों बच्चों के पास पहुंच गया और बांस के सहारे दोनों को खींच लिया । फिर रस्सी को गांव वाले खींच कर सबको बचा लिया। इस साल भी बाढ़ में अबतक चनपटिया नोनेया टोली के उज्जवल कुमार सहित दर्जन भर लोग एवं मवेशी बाढ़ के चपेट में आ चुके हैं। घर छोड़ कर तटबंध पर शरण लिए लोगो के पास लगातार हो रही वर्षा में उनके सर पर छत नहीं है और न पेट में दाना। गांवों में जाने का कोई रास्ता नहीं है ।

पीपरासी, मधुबनी, भितहा, ठकराहा उस पार के अंचल सहित बगहा -1, योगपट्टी, बैरिया, नौतन, नरकटियागंज, चनपटिया, सिकटा, मझौलिया अंचल के अधिकांश हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गए है। जिन्हें किसी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिल रहा है। भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने पश्चिम चम्पारण जिला को बाढ़ग्रस्त घोषित करने के लिए 31 जुलाई को बेतिया में जिला कन्वेंशन करने का निर्णय लिया है । अगर जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित नहीं किया गया तो ऐतिहासिक दिन 9 अगस्त को बेतिया में जिला पदाधिकारी के समक्ष जेल भरो आन्दोलन होगा। यह जानकारी एक संवाददाता सम्मेलन में सीपीएम जिला मंत्री प्रभुराज नारायण राव ने दिया है ।

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