कृषि तकनीक हस्तांतरण में खाद विक्रेताओं की भूमिका अहम- डॉ. केएम सिंह

जेटी न्यूज

दरभंगा। किसान सबसे पहले खाद विक्रेताओं से मिलते है एवम उनसे जुड़ कर कृषि कार्य मे परामर्श लेते है और उसका अनुसरण भी करते हैं। इसलिए कृषि तकनीकी के हस्तांतरण में खाद बीज विक्रेताओं की भूमिका अहम है। उक्त बातें मंगलवार को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कृषि अधिष्ठाता डॉ. केएम सिंह ने अपने संबोधन में कही। बताते चलें कि दरभंगा के जाले स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में उर्वरक अनुज्ञप्ति हेतु 15 दिवसीय प्रशिक्षण का वर्चुअल विधि से शुभारंभ किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने प्रशिक्षणार्थियो से इस प्रशिक्षण के महत्ता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि किसानो की विक्रेताओं पर निर्भरता को देखते हुए यह आवश्यक है कि विक्रेताओं के पास आधुनिकतम कृषि तकनीकी का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रारम्भ किया है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियो से प्रशिक्षण के बाद भी केविके से जुड़े रहने का अनुरोध किया। इस अवसर पर केवीके के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने बताया कि इस प्रशिक्षण में 30 प्रतिभागी भाग ले रहे है। साथ ही उन्होंने बताया कि केविके के द्वारा अब तक तीन प्रशिक्षण में 90 लोगो को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसमे लगभग 40 लोगो को उर्वरक अनुज्ञप्ति की अनुमति भी जिला कृषि विभाग द्वारा दिया जा चुका है। वहीं प्रशिक्षण के सह प्रभारी एवम मृदा वैज्ञानिक डॉ. एपी राकेश ने बताया कि प्रशिक्षण में 17 प्रखण्ड के प्रतिभागी भाग ले रहे है। इसमे कुल 44 तकनीकी सत्र एवम प्रयोगिक कार्यक्रम भी होंगे। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षणार्थियो को मृदा, फसल, मिट्टी एवम खाद जांच व उर्वरक के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दिया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. आरपी प्रसाद ने प्रशिक्षण के संचालित करने में जिला कृषि अधिकारी एवम मुकेश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. सीमा प्रधान, कुमारी अम्बा, संजीव कुमार, पंकज कुमार, दीपक कुमार आदि मौजूद थे।

Website Editor :- Neha Kumari

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