साठी को अब तक नही मिला प्रखण्ड का दर्जा। ••••• शुसासन बाबु के द्वारा कई बार चुनावी मौसम में की गई है घोषणा।
जेटी न्यूज
साठी(पश्चिम चम्पारण):- पश्चिम चंपारण जिला का साठी क्षेत्र अंग्रेजी शासन काल से हीं अपनी उपलब्धि के लिए जाना जाता रहा है। साठी कोठी का नाम आज भी सरकारी पन्नों में शुमार है।भारत को आजाद कराने में साठी सतवारिया के पंडित राज कुमार शुक्ला हों या चाँद बरवा के शेख गुलाब का नाम स्वतंत्रा संग्राम के सेनानी में गिना जाता है। इतने महान स्वतंत्रता सेनानियों का साठी अपनी दुर्दशा पर आँसु बहा रहा है।साठी के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के द्वारा तो देश को आजाद करा दिया गया लेकिन अफसोस की बात है की साठी को प्रखंड का दर्जा आज तक नसीब नही हुआ। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के समय बड़े बड़े नेताओं के द्वारा ऊँचे मंच से किया गया वादा जमीन के नीचे दफन हो जाता है।पिछले विधानसभा चुनावी दौरा के समय सुशासन बाबु नितीश कुमार के द्वारा भरे मंच से घोषणा की गयी थी की अगर हमारी सरकार बनेगी तो मै साठी को ब्लॉक का दर्जा दिलाऊँगा। पांच साल तो बीत गया लेकिन प्रखण्ड का दर्जा साठी को नही मिला। किस जुबान से नितीश कुमार अबकी बार साठी की जनता से वोट की माँग करेंगे समझ से परे है। अगर नरकटियागंज और लौरिया के कुछ पंचायतों को काट कर साठी में जोड़ दिया जाए तो साठी सरकारी मानकों और भौगोलिक दृष्टिकोण से प्रखण्ड बन सकता है। लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण प्रखण्ड का दर्जा पाने से वंचित है। लोगों को दस और बारह किलोमीटर की दूरी तय कर के लौरिया, नरकटियागंज जाना पड़ता है। बरवाकला गाँव के रिटायर्ड आर्मी अफसर शेख सुलेमान, सामाजिक संस्था जर्नी ऑफ चेंज के सुप्रिमों नासिर जमाल, राजद नेता मजहर आलम, धोबनि धर्मपुर पंचायत के भावी मुखिया प्रत्याशी मोहम्मद नेजामुद्दीन,आदि लोगों के द्वारा साठी को प्रखण्ड बनाने की माँग वर्षों से की जा रही है। लेकिन अब तक सरकारी प्रशासन का ध्यान इस तरफ नही जा रहा है।।