मधुबनी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन लोक अदालत में तीन सौ से अधिक मामलों का निष्पादन

जेटी न्यूज मधुबनी

 

मधुबनी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वर्चुअल मोड में व्यवहार न्यायालय में किया गया। इसमें तीन सौ से अधिक मामलों का निष्पादन हुआ। लोक अदालत में बैंको के कुल 270 ऋण वादों का निष्पादन किया गया। वहीं, 34 सिविल, क्रिमीनल सहित अन्य मामलों का निष्पादन हुआ। वर्चुअल मोड के कारण कोर्ट में कहीं कोई भीड़ भाड़ नहीं थी। पक्षकारों से काउंसिलिग के माध्यम से निपटारा हुआ। कुल एक करोड़ 34 लाख 33 हजार 488 रुपये पर समझौता हुआ। लोक अदालत में पंजाब नेशनल बैंक के 146, स्टेट बैंक मधुबनी के आठ, बैंक ऑफ इंडिया के पांच, सेंट्रल बैंक के तीन, बैंक ऑफ बड़ौदा पंडौल के 14, इंडियन बैंक के 16 ऋण वादों का निष्पादन हुआ। इसी तरह तीन क्लेम वाद, 27 क्रिमिनल वाद, दो भरण पोषण वाद, बीएसएनएल के एक वाद का भी निष्पादन हुआ। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकार राकेश पति तिवारी और सचिव अमरजीत कुमार निष्पादन का जायजा लेते रहे। मौके पर बैंक एलडीएम अजय कुमार सिन्हा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बेंच प्रथम के पीठासीन पदाधिकारी एडीजे प्रथम मो. ईशरतुल्लाह, अधिवक्ता सदस्य रानी विक्रमशिला, बेंच दो के पीठासीन पदाधिकारी एडीजे तृतीय जयप्रकाश, सदस्य राम शरण साह, बेंच तीन के पीठासीन पदाधिकारी एडीजे पांच ओम सागर, सदस्य अजय आनंद, बेंच चार के पीठासीन पदाधिकारी एडीजे सात सत्यप्रकाश, सदस्य प्रभात रंजन, बेंच पांच के पीठासीन पदाधिकारी सब जज प्रथम गौतम कुमार यादव और सदस्य सुशील कुमार थे। कोविड को लेकर ऑनलाइन राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन बेनीपट्टी। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देश के आलोक में व्यवहार न्यायालय बेनीपट्टी में अनुमंडल विधिक सेवा समिति के द्वारा ऑनलाइन राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। ऑनलाइन राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल संचालन को लेकर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रीतम कुमार रतन व अधिवक्ता रामसुंदर चौधरी, राजकुमार सिंह, बैंच लिपिक राम कुमार सिंह, एपीओ अखिलेश कुमार सिंह, मो. सलमान, महेंद्र प्रसाद मौजूद थे। राष्ट्रीय लोक अदालत में एसीजेएम ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से आपराधिक मामले जो सुलहनीय प्रकृति के हैं उसका निष्पादन किया गया है। लोक अदालत का यही है नारा न कोई जीता न कोई हारा। न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से आम जनता को त्वरित न्याय मिलती है। आम जनता के सहयोग के लिए सुलह के आधार पर वादों का त्वरित निष्पादन किया जाता है। सरल, सुगम, त्वरित व कारगर न्याय दिलाना ही लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। लोक अदालत के माध्यम से जनता को निश्शुल्क लाभ एवं समाज के कमजोर व वंचित लोगों को न्याय निश्पादन में सहुलियत मिलती है। मौलिक अधिकारों व हकमारी को रोकने के लिए न्याय की व्यवस्था की गई है। लोक अदालत में विद्युत विभाग एवं बैंक से संबंधित मामले का निष्पादन किया गया।

Website Editor :- Neha Kumari

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