स्वर्गीय गोपाल सिंह नेपाली की 58वी पुण्यतिथि पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि !

जे टी न्यूज़/ बेतिया।

सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता ) एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल, चांसलर, प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने कलम के स्वाधीनता के सिपाही सह गीतों के राजकुमार राष्ट्र कवि गोपाल सिंह नेपाली की 58 वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहां कि आज ही के दिन 17 अप्रैल 1963 को अपने जीवन की अंतिम कवि सम्मेलन में कविता पाठ कर लौट रहे भागलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 02 पर हृदय गति रुकने से राष्ट्रकवि गोपाल सिंह नेपाली का निधन हो गया था! कलम की स्वाधीनता के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे, जिला के लाल राष्ट्रकवि गोपाल सिंह नेपाली! लहरों की धारा के विपरीत चल कर हिंदी साहित्य, पत्रकारिता एवं फिल्म उद्योग मे ऊंचा स्थान हासिल करने वाले छायावादोत्तर काल के विशिष्ट कवि एवं गीतकार रहे! महर्षि वाल्मीकि, गौतम बुद्ध, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं सत्याग्रह की जन्मस्थली को उन्होंने राष्ट्रकवि बनकर बेतिया चंपारण को गौरवान्वित किया !1962 भारत चीन युद्ध के समय उन्होंने विभिन्न कविताओं की रचना की!

भारत चीन युद्ध के समय स्वर्गीय गोपाल सिंह नेपाली की कविताओं ने भारतीय सैनिकों ,आम जनमानस एवं भारतीय सत्ता को झकझोर दिया था !राष्ट्र कवि गोपाल सिंह नेपाली ने अपना सारा जीवन सादगी के साथ निर्वाह किया ! आर्थिक तंगी के कारण भी अपने मार्ग पर डटे रहे !अपने मूल्यों एवं आदर्शों से कभी समझौता नहीं किया !राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य अहिंसा एवं आपसी प्रेम के मार्ग पर चलते हुए 1944 में फिल्म जगत के जाने-माने सेठ तुलाराम जालान से मुंबई मे मुलाकात के बाद विभिन्न फिल्मों के लिए गाने तैयार किया! सर्वप्रथम मजदूर फिल्म के लिए गीत लिखे! 1902से 1962 तक लगभग 60 से अधिक फिल्मों में 400 से अधिक गीत लिखे !साथ ही धुन भी खुद तैयार किया!

इस अवसर पर, डॉ0 शाहनवाज अली सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर जाकिर मोहम्मद, शाहीन परवीन ने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना वायरस संक्रमण जूझ रहा है !राष्ट्र कवि गोपाल सिंह नेपाली की कविताओं को स्मरण करते हुए हमें एकजुट होकर इस विश्वव्यापी त्रासदी से बाहर निकलना है! इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद ने कहा कि गीतों के राजकुमार गोपाल सिंह नेपाली ने सत्याग्रह की जन्मस्थली बेतिया पश्चिम चंपारण का मान बढ़ाया! राष्ट्र कवि गोपाल सिंह नेपाली के सम्मान में बेतिया पश्चिम चंपारण में राष्ट्रीय कवि स्मारक सह पुस्तकालय का निर्माण कराया जाए जिससे नई पीढ़ी राष्ट्र के निर्माण में कवियों एवं शायरो के योगदान को जान सकें!

सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्ति के बाद सरकार द्वारा राष्ट्रीय कवि स्मारक सह संग्रहालय का निर्माण कराया जाए यही होगी सरकार द्वारा सच्ची श्रद्धांजलि! वक्ताओं ने नई पीढ़ी के युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि कलम की स्वाधीनता के सिपाही सहार गीतों के राजकुमार स्वर्गीय गोपाल सिंह नेपाली के जीवन दर्शन से प्रेरणा लें नई पीढ़ी ताकि नई पीढ़ी विषम परिस्थिति में भी अपने लक्ष्य को आसानी से पा सके!

Related Articles

Back to top button