कोरोना से पत्रकारों की हुई मौत पर 20 लाख मुआवजा व सरकारी नौकरी दे सरकार: आर.के.राय, संपादक

आर.के.राय

संपादक

बिहार : झंझट टाइम्स के संपादक आर.के.राय ने आपदा की इस घड़ी में आए दिन लगातार कोरोना संक्रमण की वजह से पत्रकारों की हो रही मौत पर दुख जताते हुए चिंता जाहिर की है।
एक प्रेस रिलीज जारी कर उन्होंने कहा ने कोरोना संक्रमण से हुए पत्रकारों के मौत पर पत्रकारों के परिजनों को कम से कम 20 लाख मुआवजा दिए जाने के साथ ही उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की ।
और साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने कि माँग राज्य सरकार और केंद्र सरकार से की है।
आगे उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी के दौरान पत्रकार भाई भी केन्द्र सरकार और बिहार सरकार के अन्य कर्मचारियों की तरह जान-जोखिम में डालकर कदम से कदम मिलाकर कोरोना वारियर्स का काम कर रहे हैं। आम लोगों तक पल पल का ताजा रिपोर्ट को पहुंचाने के लिए दिन रात मेहनत करते है। इस दौरान कई पत्रकार साथियों की कोरोना की चपेट में आने के कारण मौत हो चुकी है।


बीते दिनों भी प्रभात खबर मधेपुरा के पत्रकार पिंटू भगत और शुक्रवार को आज तक के वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना की कोरोना के कारण मौत हो गई। पूर्व में भागलपुर के दैनिक जागरण के राम बाबु की भी कोरोना से मौत हो गयी है ।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने दुनिया भर में एक बड़ा स्वास्थ्य मसला खड़ा किया है। और आम जनता में जागरूकता पैदा करने में पत्रकार अहम भूमिका निभा रहे हैं। वे अपने पेशेवर कर्तव्यों को निभाने के लिए मुश्किल हालत में काम कर रहे हैं। इसलिए पत्रकारों के मौत पर जिस तरह सरकारी कर्मचारियों का बीमा कराया जा रहा है उनके पेंशन की व्यवस्था कराई जा रही है उसी प्रकार पत्रकारों की गई 50 लाख का बीमा कराया जाए और उनके मौत पर आश्रितो को पेंशन योजना का लाभ दिया जाय। 


वही श्री राय ने सरकार के खामियों को भी कोशा,ना तो देश के पीएम नरेंद्र मोदी और ना ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई सही स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। बिहार सहित पूरे देश मे ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए हाहाकार मचा हुआ है । डॉक्टर अभी कोरोना काल आसीयू के नाम पर जबरदस्त लूट खसोट मचाये हुए हैं। दवाई की कालाबाजारी हो रही है। आखिर ऐसे में हम कोरोना को कैसे मात दे पाएंगे?
वहीं अंत मे श्री राय ने रोहित सरदाना के निधन पर दुख प्रकट किया।

Edited By :- savita maurya

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