शर्मनाक: पारस हॉस्पिटल में एडमिट पीड़ित महिला के साथ हुए रेप मामले में बुधवार को महिला की हुई मौत

पटना: आखिरकार वही हुआ जिसका अंदेशा किया जा रहा था । पारस हॉस्पिटल पटना में कोरोना पीड़ित महिला का बुधवार को मौत हो गयी ।पारस महिला की बेटी ने सोमवार को अपनी मां के साथ रेप की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया था। पिछले दो दिनों से महिला को वेंटिलेटर पर रखा गया था। मां के मौत की खबर मिलने के बाद बेटी के ऊपर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। रो-रो कर उसका बुरा हाल है। महिला आंगनबाड़ी सेविका थीं।

महिला पटना के ही एक इलाके में रह रही थी। कोरोना से बीमार पड़ने पर महिला को बेहतर इलाज के लिए पारस हॉस्पिटल में 15 मई को भर्ती कराया गया था। अचानक सोमवार को दो वीडियो और एक ऑडियो सामने आया था। जिसमें हॉस्पिटल के ICU के अंदर वहीं के 4-5 स्टाफ के ऊपर बेटी ने अपनी मां के साथ हाथ-पैर बांध कर रेप की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया था।

शास्त्री नगर थाना की टीम ने हॉस्पिटल में पहुंचकर जांच की थी और वहां लगे CCTV कैमरे को खंगाला था। हालांकि, उस वक्त जांच में बेटी के लगाए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई थी। वहीं, मंगलवार को बेटी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वो सिर्फ चाहती है कि किसी तरह से उसकी मां ठीक हो जाए। उसके बाद सारे सवालों का जवाब उसकी मां खुद देगी। लेकिन, अब महिला की मौत के बाद ऐसा हो नहीं पाएगा। असलियत क्या है? इस पर पर्दा बना रह गया।
बुधवार को महिला की मौत के बाद शास्त्री नगर थाना की पुलिस ने बेटी का लिखित बयान लिया है। बुधवार को अपने बयान में बेटी ने हॉस्पिटल के ऊपर मां के साथ हाथ-पैर बांधकर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। बेटी ने कहा आरोपियों पर 302 का मुकदमा हो साथ ही कहा कि पारस हॉस्पिटल सील होने चाहिए।
इसके आरोप पर जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिनियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट अपने स्तर से जांच करेंगे और पुलिस की जांच अलग से होगी। इसके बाद ही आगे कोई कार्रवाई होगी।

पारस एचएमआरआई मैनमेंट टीम के पीडी गुप्ता ने कहा कि हम अपने रोगियों के लिए सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम जांच में अपना पूरा समर्थन और सहयोग करेंगे।

बिहार के लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है अभी भागलपुर के ग्लोकल का मामला थमा भी नहॉ था कि आज पारस में सर्वनाक हरकत, आखिर इन मामलों में क्यों प्रदेश की सरकार चुप है,क्या इन बड़े बैनरों पर होगी कोई करवाई? या लीपापोती कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा, हमारे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय क्यों है खामोश?

सौजन्य: संजीव मिश्रा, प्रबंध संपादक, झंझट टाइम्स

संपादिकृत: ठाकुर वरुण कुमार

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