बिहार के गंगा पुत्रों को किया गया “पर्यावरण समर्थ अलंगकरण से सम्मानित”

बिहार के गंगा पुत्रों को किया गया “पर्यावरण समर्थ अलंगकरण से सम्मानित”
रीना/जे टी न्यूज

जबलपुर/मध्यप्रदेश :-
जवाहरलाल नेहरू क़ृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्यप्रदेश के समर्थ राष्ट्रीय पर्यावरण चिंतन शिविर सभागार में आयोजित प्रकृति -पर्यावरण संसद में समस्तीपुर के पर्यावरण सामाजिक कार्यकर्ता एवं जिला स्वयंसेवी संस्था संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजीव गौतम संघ के सचिव सह प्रगति आदर्श सेवा केंद्र के संस्थापक सचिव पर्यावरण योद्धा अधिवक्ता संजय कुमार बबलू, युवा शौर्य के सचिव दीपक कुमार पूसा वैनी उच्च विद्यालय की शिक्षिका अमृता कुमारी संजना संकल्प फाउंडेशन की सचिव संजू शर्मा एलिट सोसाइटी के जितेंद्र कुमार ट्रेड यूनियन नेता संतोष कुमार निराला सामाजिक कार्यकर्त्ता आदर्श उत्थान सेवा संस्थान की की संयुक्त सचिव रीना कुमारी एकता युवा मंडल के मोहम्मद ऐयाज अंकित कुमार आयुष कुमार प्रयास सेवा केंद्र के विकास कैब को ” पर्यावरण समर्थ अलंकरण सम्मान ‘ से सम्मानित किया गया।
नर्मदा मिशन, सेव नर्मदा और सेव

बक्सवाहा फारेस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित अंतराष्ट्रीय स्तरीय प्रकृति पर्यावरण संसद में नर्मदा मिशन के सूत्रधार भैया जी सरकार, अध्यक्ष नीलेश रावल ने कहा कि नर्मदा की माटी पर बिहार के गंगा पुत्रों को पर्यावरण समर्थ अलंकरण से अलंकृत करते हुए हम प्रकृति के प्रति अपना फ़र्ज़ पूरा कर रहे हैं। साथ ही पुनः पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए इस पर्यावरण महाकुम्भ में संकल्प – शपथ लेते हैं। इस संसद में गोल्डेन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के इंडिया प्रमुख ने नर्मदा नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए 290 दिनों से मात्र पानी पर जीने वाले पर्यावरण पुरोधा भैया जी सरकार को वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र देते हुए सम्मानित किया। संसद में अमेरिका, इंग्लैंड समेत कई देशों के पर्यावरण कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिको के आलावा देश के बिहार, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, केरल तमिलनाडु, राजस्थान, छतीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र आदि राज्यों से पर्यावरण कार्यकर्त्ता आये हुए थे। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में श्री भूपेंद्र सिंह भोपाल की करुणा रघुवंशी कमलेश कुमार एडवोकेट मंजूषा गौतम रोहित कुमार युवा नेता अभय नंदन पांडे आदि कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मध्य प्रदेश के बक्सवाहा जंगल में जाकर पेड़ों की सुरक्षा के लिए रक्षा सूत्र भी बांधे गए |

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