मधुबनी स्वास्थ्य विभाग 18 वर्ष से ऊपर सभी व्यस्कों के टीकाकरण के लिए प्रयासरत

मधुबनी स्वास्थ्य विभाग 18 वर्ष से ऊपर सभी व्यस्कों के टीकाकरण के लिए प्रयासरत

जेटी न्यूज मधुबनी।

मधुबनी स्वास्थ्य विभाग 18 वर्ष से ऊपर के सभी व्यस्कों के टीकाकरण को लेकर प्रयासरत है। इसी संदर्भ में सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण अभियान चलाया गया। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण कराने का निर्देश दिया गया है। इसी क्रम में सोमवार को जिले के ओपीडी में 15 से अधिक गर्भवती महिलाओं ने कोविड-19 का टीका लिया। स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया की पहल से प्रतिदिन 50 गर्भवती महिलाओं को टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया ‘गर्भवती मां के टीकाकरण से मां के गर्भस्थ बच्चे को भी बचाया जा सकता है। अगर मां के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है तो यह बच्चे में भी चली जाएगी। वैक्सीन और मां के शरीर में विकसित रोग प्रतिरोधक क्षमता का असर बच्चे में कम से कम जन्म के समय तक बना रहेगा।’

भ्रांतियों से बचने की है जरूरत:

टीका लेने वाली लाभार्थी संगीता देवी 8 महीने गर्भवती, फिरोज खातून 5 महीने के गर्भवती, मीना कुमारी 6 महीने की गर्भवती सभी ने बताया टीकाकरण करवाने के बाद किसी प्रकार का कोई लक्षण प्रतीत नहीं हुआ। संगीता देवी ने बताया बताया समाज में आस पास बहुत से गर्भवती महिलाएं हैं जो अभी भी टीके लेने से परहेज कर रही हैं उन्हें अभी तक सही जानकारी नहीं मिली है टीका उनके उनके तथा उनके बच्चे को कोई नुकसान नहीं करेगा और इस तरह की भ्रांतियां दूर करने की जरूरत है।

दो जिंदगियों की सुरक्षा का सवाल:

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि हमारे पास भी बहुत तरह के भ्रम की जानकारी मिल रही थी। अभी भी ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से महिलाएं टीका लेने से घबराती हैं। विभाग द्वारा निर्देश दिया गया कि क्षेत्रीय कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती महिलाओं को लाइन लिस्टिंग कर उन्हें टीके के प्रति जागरूक किया जाए। समाज में सभी व्यक्ति तक टीके की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग जागरूक हों। टीका सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं यह गंभीर बीमारियों से ग्रसित व गर्भवती महिला तथा दूध पिलाने वाली माताओं के लिए भी कारगर है। विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि सामुदायिक बैठक के दौरान लोगों को टीके के प्रति जागरूक किया जाए। इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। अब गर्भवती महिलाएं भी आगे बढ़कर टीके लेने के लिए केंद्रों पर आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘दूसरी लहर के दौरान यह देखा गया कि कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिलाओं की मृत्युदर में पहली लहर की तुलना में दो से तीन गुना वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में, यह महसूस किया गया कि गर्भवती महिलाओं को भी कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के मामले में, दो जिंदगियों की सुरक्षा शामिल है मां और उसके गर्भस्थ शिशु। इसीलिए, स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि इस टीके से माताओं को अधिक लाभ होगा।

गर्भवती महिलाओं के लिए टीके सुरक्षित:

केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया गर्भवती माताओं को भी टीका लगाया जाना चाहिए। क्योंकि इससे न केवल मां के शरीर में बल्कि बच्चे के लिए भी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी।’ उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर, टीके सुरक्षित पाए गए हैं। कुछ लोग पहले तीन महीनों में गर्भवती मां को टीका लगाने पर संदेह और भय व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि इस अवधि में बच्चे के अंग विकसित होने शुरू होते हैं। इन शंकाओं को दूर करते हुए, सिंह ने मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी वैक्सीन को सुरक्षित बताया। टीके से मां के गर्भस्थ शिशु पर टीके का कोई बुरा प्रभाव नही पड़ेगा।’ उन्होंने आगे कहा कि टीके लगवाने वाली गर्भवती महिलाओं की निगरानी की जाती है। जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा, ‘सभी गर्भवती महिलाओं को जिन्हें जिले में टीका लगाया जा रहा है, किसी भी तरह की असुविधा के लक्षणों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से देखरेख की जाती है।

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