*सावधान: नीचे गिरा छह डिग्री तापमान, प्रदेशवासियों से सतर्कता की अपील*

*सावधान: नीचे गिरा छह डिग्री तापमान, प्रदेशवासियों से सतर्कता की अपील*

*पछुआ हवा के तेज प्रवाह के कारण राजधानी में सुबह-शाम बढ़ रही ठंड*

*सूर्योदय के पहले तक वातावरण में महसूस की जा रही काफी ठंड, दिन में धूप निकलने के बाद लोगों को थोड़ी राहत*

जेटी न्यूज।

पटना::- बिहार में पछुआ हवा की गति में तेजी से अगले तीन दिनों तक प्रदेश के न्यूनतम तापमान में गिरावट होने की संभावना है। राज्‍य की राजधानी पटना में एक ही दिन में न्‍यूनतम तापमान करीब छह डिग्री सेल्‍स‍ियस तक नीचे गिर गया है। शनिवार को प्रदेश में न्यूनतम तापमान सिवान के जीरादेई में दर्ज किया गया। वहां का तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। पटना का शनिवार को न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री तथा अधिकतम 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं रविवार की सुबह पांच बजे पटना का न्‍यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्‍सियस तक पहुंच गया।

पटना में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 9.0 डिग्री सेल्सियस था। राजधानी और उसके आसपास आंशिक बादल होने के कारण तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में कोहरा छाया रहा, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। शनिवार को प्रदेश में औसत न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं औसतन अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।

पछुआ हवा के तेज प्रवाह के कारण सूर्योदय के पहले तक वातावरण काफी ठंडा रह रहा है। दिन में धूप निकलने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है। वहीं शाम को सूर्यास्त के बाद तापमान में अचानक गिरावट देखी जा रही है। पटना मौसम विज्ञान केन्द्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि प्रदेश का मौसम काफी तेजी से बदल रहा है। फिलहाल देश के पश्चिमी हिस्से से ठंडी हवा आ रही है। इससे वातावरण में कनकनी काफी बढ़ गई है।

न्‍यूनतम तापमान सात डिग्री तक पहुंच जाने पर शीतलहर का प्रभाव माना जाता है। जिस तरह से पछुआ हवा रफ्तार पकड़ रही है, बिहार के कई हिस्‍सों में अगले दो से तीन दिनों के अंदर ही ऐसी स्थिति आ सकती है। केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि सात डिग्री से कम तापमान होने पर सुबह की शिफ्ट में स्‍कूलों का संचालन बंद कर दिया जाए। साथ ही जरूरत महसूस होने पर स्‍कूलों को बंद भी किया जाए।

पीएमसीएच के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि वर्तमान में वातावरण में ठंड काफी बढ़ गई है। ऐसे में बुजुर्गों को तड़के सुबह खुले वातावरण में निकलना नुकसानदायक साबित हो सकता है। सूर्योदय के बाद वातावरण में गर्मी आने के उपरांत ही बुजुर्ग घरों से बाहर निकले। घर के अंदर ही आजकल योगाभ्यास एवं बयान कर ले तो जायदा सुविधाजनक होगा। हाथी बीपी का दवा समय से सेवन करते रहें जरूरत पड़े तो बीपी के मरीज एवं बुजुर्ग अपने चिकित्सक से मिलकर दवाओं का डोज ठीक कर लें ताकि भविष्य में किसी तरह की असुविधा ना हो मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण दवाओं की डोज अनियंत्रित हो जा रही है।

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