विश्वविद्यालय में अनियमितता में शामिल पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाए- अमित,प्रखंड सचिव पूसा,भाकपा माले

विश्वविद्यालय में अनियमितता में शामिल पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाए- अमित,प्रखंड सचिव पूसा,भाकपा माले

जेटी न्यूज़।

 

समस्तीपुर::- जिला अंतर्गत भाकपा माले पूसा के प्रखंड सचिव अमित कुमार ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में पूर्व कुलपति रमेश चंद्र श्रीवास्तव के द्वारा विश्वविद्यालय में नियुक्तियों एवं विकास योजनाओं में की गई धांधली की जांच की मांग की है। जो निम्नवत है-

– विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव नियुक्ति) महेश एवं उप कुलसचिव(स्थापना) रमेश पाठक की नियुक्ति विश्वविद्यालय में वर्ष 2018 में गलत तरीके से की गई। विश्वविद्यालय में इन दो पदों पर नियुक्ति के लिए जो पात्रता होनी चाहिए थी. वो इन दोनों के पास नहीं थी बावजूद इनकी आखिर नियुक्ति कैसे हो गयी? जांच का विषय है।

– वहीं विश्वविद्यालय में 09 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ था, इस हेराफेरी में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रमेश चंद्र श्रीवास्तव व नियंत्रक राधा कृष्ण प्रसाद की मुख्य भूमिका थी। सूचना के अधिकार के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 व 2016-17 के क्लोजिंग बैलेंस व ओपनिंग बैलेंस में 09 करोड़ से अधिक की हेराफेरी की गई है। जिसे किसी भी तरह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व नियंत्रक द्वारा दबाने की कोशिश की गई। भाकपा माले इसकी जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कानूनी कार्रवाई किया जाय।

-डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा एलडीसी एवं जूनियर अकाउंटेट क्लर्क की 07-08 अगस्त 2021 को हुई परीक्षा में शॉर्टलिस्ट के माध्यम से छाटे गए हजारों छात्रों को परीक्षा में शामिल विश्वविद्यालय द्वारा नहीं किया गया विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी थी। पहले विश्वविद्यालय के द्वारा छात्रों से परीक्षा के नाम पर फॉर्म आमंत्रित कराया गया। फिर इसके बाद शॉर्टलिस्ट के माध्यम से हजारों छात्रों को छांटकर परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया जब छांटना ही था तो विश्वविद्यालय को पहले ही तप प्रतिशत जारी करके फॉर्म आमंत्रित करना चाहिए था धन उगाही के लिए पूर्व कुलपति रमेश चंद्र श्रीवास्तव के द्वारा ये छात्र विरोधी हथकंडे अपनाकर हजारों छात्रों के करोड़ों रूपये हजम करने के लिए ऐसा किया गया। एलडीसी व जूनियर अकाउंटेंट क्लर्क की परीक्षा में शॉर्टलिस्ट के माध्यम से छाटे गए हजारों छात्रों का पैसा वापस करने की दिशा में पहल की जाए।

 

– पूर्व कुलपति रमेश चंद्र श्रीवास्तव अपने सगे-संबंधियों व अपने पूर्व के कार्य स्थल के पदाधिकारियों के बेटा, बेटी दामाद आदि की नियुक्ति विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में किए हुए है. इसमें से मुख्य नाम ऋचा श्रीवास्तवा कुलपति की रिश्तेदार, तुषार पाडेय, मनोज कुमार ईशिता सिंह (तीनों प्रोग्राम असिस्टेंट के. वी. के. मनोज कुमार और इशिता सिंह पति-पत्नी), इशिता की बहन (टेक्नीकल असिस्टैंट) आदि है। इससे यह स्पष्ट होता है कि ये तीनों पूर्व कुलपति के बहुत खास है। केवल इनकी ही नियुक्ति 2017 की गई थी और बाकी पद खाली रखे गये थे। इन खास व्यक्तियों के लिए उप कुलसचिव (स्थापना) और पूर्व कुलपति ने मिलकर मनमानी व पद का दुरूपयोग करते हुए ऐसी व्यवस्था की। जिसमें उप कुलसचिव (नियुक्ति) भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है। इसकी जांच अति आवश्यक है। जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की जाए।

– विश्वविद्यालय में करोड़ों रूपये की लागत से लगाए गए सौर ऊर्जा लाइट छह माह के बाद से ही खराब होना शुरू हो गया अब भी अधिकांश सौर ऊर्जा लाइट खराब पड़े हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि सरकारी राशि का बंदरबांट कर योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है , इसकी जाँच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए

-विश्वविद्यालय परिसर में बनें करोड़ों रूपये की लागत से अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। इसमें भी धांधली की गई है। जांच कर कार्रवाई की जाए।

-विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं कैंपस में ही आयोजित की जाती है। जिसके लिए बड़े स्तर पर टैंट की व्यवस्था की जाती है। जिसके लिए कोई टेंडर नहीं मंगाया जाता है तथा एक ही टैट सप्लायर से व्यवस्था की जाती है। जिसमें बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। अगर इसकी भी जांच की जाए तो बड़े घोटाला का पर्दाफाश किया जा सकता है । इस प्रकार से भाकपा माले ने विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रस्टाचार के गंभीर मामले को उठाया है जो कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल मे हुए है अगर इसकी जांच की जाए तो बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है ।

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