मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में सिंडीकेट सदस्यों के साथ हुई बैठक में नैक तैयारी की हुई समीक्षा

मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में सिंडीकेट सदस्यों के साथ हुई बैठक में नैक तैयारी की हुई समीक्षा


जे टी न्यूज़, दरभंगा : कोविड महामारी के कारण नैक तैयारी हुई प्रभावित, पर वर्तमान में बिहार के विश्वविद्यालयों में नैक मूल्यांकन में हमारा विश्वविद्यालय अग्रणी- कुलपति। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आगामी 23 से 25 नवंबर, 2023 के बीच होने वाले नैक मूल्यांकन की तैयारी की समीक्षा के उद्देश्य से सिंडीकेट सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक आइक्यूएसी के सभागार में हुई, जिसमें दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर, राज्यसभा सदस्य फैयाज अहमद, वित्तीय परामर्शी डा दिलीप कुमार, कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित, वित्त पदाधिकारी राजन कुमार सिन्हा, सिंडिकेट सदस्य प्रो हरिनारायण सिंह, डा बैजनाथ चौधरी बैजू , कई प्रधानाचार्य, डा अमर कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो विजय कुमार यादव, कुलानुशासक प्रो अजयनाथ झा, इतिहास विभागाध्यक्ष डा नैयर आजम, उप-परीक्षा नियंत्रक डा मनोज कुमार तथा अमित कुमार झा, सैयद मोहम्मद जमाल अशरफ आदि उपस्थित थे।

अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो एस पी सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के कारण विश्वविद्यालय की नैक तैयारी काफी बाधित हुई, पर पुनः तैयारी आगे बढ़ी। वर्तमान में मिथिला विश्वविद्यालय बिहार में नैक कराने वाले विश्वविद्यालय में अग्रणी है। यदि नैक में बेहतरीन ग्रेड प्राप्त होता है तो दूरस्थ शिक्षा केन्द्र का पुनः संचालन हो सकेगा। कुलपति ने सिंडिकेट सदस्यों को नैक तैयारी की जानकारी विस्तार से देते हुए सभी सदस्यों को नैक मूल्यांकन के दौरान आगामी 23 से 25 नवंबर, 2023 के बीच विश्वविद्यालय में आने का आमंत्रण दिया तथा पूर्ण सहयोग का आग्रह किया।


सांसद गोपाल जी ठाकुर ने विश्वविद्यालय के विकास में कुलपति के योगदान की प्रशंसा करते हुए पूर्ण सहयोग का संकल्प व्यक्त किया। वहीं प्रो हरि नारायण सिंह ने सिंडिकेट के सदस्यों की ओर से कुलपति को नैक मूल्यांकन में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कोविड महामारी के बाद नैक करने वाला प्रथम विश्वविद्यालय बनने के लिए कुलपति को अग्रिम बधाई दिया। डा बैजनाथ चौधरी बैजू ने नैक को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिया, जबकि सिंडिकेट के अन्य सदस्यों ने भी अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

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