अध्यापक नियमावली 2023 में समायोजित करते राजकर्मी का दर्जा दिलाने का अनुरोध

अध्यापक नियमावली 2023 में समायोजित करते राजकर्मी का दर्जा दिलाने का अनुरोध

जे टी न्यूज़, विभूतिपुर :

आज दिनांक 12 दिसंबर 2023 को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य कार्यकारिणी समिति सदस्य अरविंद कुमार दास प्रखंड अध्यक्ष प्रिया रंजन ठाकुर बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के सचिव राकेश कुमार अध्यक्ष संजीव कुमार सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षक संघ के रविंद्र कुमार सिंह तथा राजेश ने माननीय सचेतक सह माकपा विधायक दल के नेता कामरेड अजय कुमार से मिलकर पांच सूत्री मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सोपा जिसमें माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा आश्वासन और घोषणा के अनुसार सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों को बिहार अध्यापक नियमावली 2023 में समायोजित करते हुए सीधे तौर पर बिना शर्त राज कमी का दर्जा दिलाने का अनुरोध किया साथ ही शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के की पाठक द्वारा शिक्षकों की निर्धारित छुट्टियों में कटौती कार्य करने की अवधि में बढ़ोतरी तथा संघ बनाने या संघ की सदस्यता ग्रहण करने पर कार्रवाई करने जैसे आदेशों को शिक्षकों और कर्मचारियों के संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन करार देते हुए उक्त तुगलक की फरमान को वापस करवाने का अनुरोध किया उक्त ज्ञापन में अंकित किया गया है कि पूरे देश में विद्यालयों का संचालन सोमवार से शुक्रवार 10:00 बजे से 4:00 बजे तक तथा शनिवार को डेड बजे तक होता है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी प्रति सप्ताह 29 घंटे क्लास आयोजित करने का प्रावधान है

मा के दो शनिवार को दो से ढाई घंटे कक्षा संचालित होंगे तथा दो शनिवार को अवकाश रहेगा उपयुक्त प्रावधानों की अभेलना कर मनमानी और तानाशाही पूर्वक रवैया अपनाया जा रहा है 5:00 बजे तक विद्यालय में रहने के कारण इस ठंड और कुहासे में खासकर शिक्षिकाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है सभी कोटि के शिक्षकों तथा शिक्षिकाओं को तनाव और अवसाद से गुजरना पर रहा है

गौरतलब हो आजादी के पूर्व 1925 से ही बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ स्थापित है इसी तरह पूरे देश भर में प्रत्येक स्तर पर शिक्षक और कर्मचारी संगठन बने हुए हैं जो अपने संवर्ग की समस्याओं को विधिवत तथा लोकतांत्रिक तरीके से उठते रहे हैं फल स्वरुप सरकार और कर्मचारियों के बीच सामंजस भी स्थापित होता रहा है इस तरह से जनतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन करने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समानता के अधिकार संघ बनाने के अधिकार जैसे मौलिक अधिकारों को नजरअंदाज कर भारतीय संविधान की भी अब मानना करने का प्रयास किया जा रहा है राज्य सरकार से मांग है कि इस और लोकतांत्रिक और संवैधानिक और अधिनायक वादी आदेशों को वापस ले तथा शिक्षक संगठनों शिक्षक प्रतिनिधियों एवं सहयोगी राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श कर शिक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर जनतांत्रिक संवाद के जरिए समस्याओं के निदान की दिशा में आगे बढ़े उक्त प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की संबोधित करते हुए माननीय सचेतक सह माकपा विधायक दल के नेता कामरेड अजय कुमार ने कहा कि वह सदन से लेकर सड़क तक लगातार शिक्षकों के सवालों को उठाते रहे हैं उन्होंने अशवासन दिया कि इस ज्ञापन में वर्णित मांगों को लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी से शीघ्र मुलाकात कर सभी समस्याओं के समाधान हेतु हर संभव प्रयास किया जाएगा

Pallawi kumari

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