वाक्यार्थ सभा में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कृत की महत्ता पर हुआ विमर्श

वाक्यार्थ सभा में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कृत की महत्ता पर हुआ विमर्श

प्रचार के माध्यम से संस्कृत की महत्ता को रेखांकित किया

 

संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हाल में हुआ आयोजन

 

जे टी न्यूज, दरभंगा(विष्णुदेव सिंह यादव) : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय एवं संस्कृत भारती विद्वत्परिषद् बिहार प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय वाक्यार्थ सभा सह विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के दरबार हाल में आयोजित इस कार्यक्रम को कुलपति प्रो.शशिनाथ झा,अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख शिरीष कुमार एवं स्नातकोत्तर प्रभारी प्रो.सुरेश्वर झा ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।

बतौर मुख्यातिथि संस्कृत भारती के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख शिरीष कुमार ने आधुनिक काल में प्रचार माध्यम से संस्कृत की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डालें। उन्होंने कहा कि सभी संस्कृतानुरागियों को

अपने विशिष्ट व्याख्यान में स्नातकोत्तर प्रभारी डॉ.सुरेश्वर झा ने पाणिनि के प्रथम सूत्र पर व्याख्यान प्रस्तुत किये।

वहीं अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो.शशिनाथ झा ने

भाषा व्यवहार की वस्तु है। दैनंदिन जीवन में जितना इसका प्रयोग किया जाएगा उतनी प्रौढ़ता आएगी।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ.साधन‌ शर्मा के द्वारा लौकिक मंगलाचरण हुआ। आगत अतिथियों का स्वागत वेद विभागाध्यक्ष प्रो.विनय कुमार मिश्र ने किया।

समारोह में संगठन मंत्री श्रवण कुमार, प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ.रामसेवक झा,जिला मंत्री डॉ.त्रिलोक झा, व्याकरण विभागाध्यक्ष प्रो.दयानाथ झा, डॉ.सुनील कुमार,डॉ.उमेश झा, डॉ .निहोरा राय,डॉ.वीर सनातन, डॉ.शम्भु शरण तिवारी, डॉ.वरुण कुमार झा, डॉ.धीरज कुमार पांडे, बालकृष्ण सिंह, अंकित कुमार, विकास कुमार,नीतिश कुमार सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संयोजन डॉ.यदुवीर स्वरुप शास्त्री तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.वरुण कुमार झा ने किया।

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