एस एस बी 52 वीं वाहिनी व विज्ञान केन्द्र के साझा प्रयास से 03 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शुभारंभ 

एस एस बी 52 वीं वाहिनी व विज्ञान केन्द्र के साझा प्रयास से 03 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शुभारंभ

शारीरिक शक्ति कम लगने के कारण महिलाएं भी इस व्यवसाय को आसानी से कर सकती है:कमांडेंट

जे टी न्यूज़, अररिया : भारत सरकार के तत्वाधान में 52वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, अररिया व कृषि विज्ञान केन्द्र अररिया के साझा प्रयास से “नागरिक कल्याण कार्यक्रम” के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केंद्र अररिया में 03 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया ।

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि महेंद्र प्रताप, कमांडेंट 52वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल अररिया व विनोद कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र अररिया ने साझा रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

जिसमें कुल 30 सीमावर्ती पुरुष और महिलाएं भाग ले रही हैं। महेन्द्र प्रताप कमांडेंट 52वीं वाहिनीं ने बताया कि एसएसबी द्वारा समय समय पर सीमावर्ती लोगों को इस प्रकार के प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है,

जिसका मुख्य उद्देश्य है कि बेरोजगार सीमावर्तीय ग्रामीणों को स्वरोजगार की ओर अग्रसर किया जा सके और अपने परिजनों का भरण पोषण कर सके।

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कमांडेंट महोदय ने कहा कि मधुमक्खी पालन एक सरल तकनीक है जो कि गरीबी दूर करने के लिए उपयुक्त व्यवसाय है।

यह गरीब, भूमिहीन व छोटे किसानों, बेरोजगार युवकों के लिए आजीविका का अच्छा साधन है। शारीरिक शक्ति कम लगने के कारण महिलाएं भी इस व्यवसाय को आसानी से कर सकती है।

शहद के अलावा मधुमक्खी मोम, मधुमक्खी गोंद से भी धन कमाया जा सकता है। इस डॉ० संजीत कुमार, डॉ० अजय कुमार मौर्य,

श्री पी० एन० सिंह, स० उ ० नि ० सुरेंद्र कुमार, मु० आ० जगत नारायण सिंह सहित अन्य जवान मौजूद रहे।

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