नेपाल की सबसे बड़ी झूलन पुल का हुआ उद्घाटन

नेपाल की सबसे बड़ी झूलन पुल का हुआ उद्घाटन

जे टी न्यूज़, जयनगर :

जयनगर सीमावर्ती नेपाल के दो जिलों को जोड़ने वाली नेपाल की सबसे बड़ी झूलन पुल का उद्घाटन के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

जयनगर सीमा के 5 किलोमीटर की दूरी पर नेपाल के इनरवा गांव के आगे कमला नदी पर बना 1.6 किलोमीटर लंबा झूलन पुल लगभग 4 फिट चौड़ा 1600 मीटर लंबा लोहे से बना हवा में हिलता-डूलता जमीन से लगभग 40 से 60 फीट ऊपर बना झूलन पुल जो नेपाल के सिरहा जिला एव धनूषा जिला को जोड़ता है।

नेपाल सहित सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र के नागरिक इस झूलन पुल से कमला नदी पार कर सिरहा जिला जा सकते हैं। पुल के निर्माण एजेंसी साइट अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि यह नेपाल का सबसे लंबा एवं इकलौता झूलन पूरा जिसमें लगभग 37 करोड़ नेपाली रुपया से इसका निर्माण किया गया है।

पैदल यात्री एवं साइकिल एवं मोटरसाइकिल वाहनों को को एक जिला से दूसरे जिला जाने में लगभग 30 से 40 किलोमीटर की दूरी एवं नदी के पानी पार करना सहित लगभग 2 घंटे की समय बचत होगी।

महलनिया, कटहाल, सहित एक दर्जन ग्रामीण इलाको को सीधे सिरहा जिला से जोड़ने से इन ग्रामीण इलाकों का वृद्धि एवं विकास होगा, एवं खासकर बरसात के दिनों में कमला नदी के बाढ़ के पानी से राहत होते हुए जरूरतमंद की सीधे सामान ग्रामीण इलाकों में पहुंचेगी।

अंतिम चरण में चल रहा है। नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में कमला नदी पर इस पुल के निर्माण से लगभग दो जिला के लाखों लोगों की आबादी को फायदा होगा।इस झूला पुल पर चढ़ने के लिए दोनो छोर पर लगभग 30 फिट का सीढ़ीनुमा पुल बनया गया है। इस पुल को आधुनिक तरीके जिसमें डेक को ऊर्ध्वाधर सस्पेंडर्स पर सस्पेंशन केबल के नीचे लटका दिया जाता हैसस्पेंशन ब्रिज या झूला पुल में 70 से 75 फीसदी केबल का काम होता है. इनमें हजारों छोटे-छोटे तार लगे होते हैं, जिन्हें जोड़कर बड़ी केबल बनाई जाती है. लॉन्ग स्पैन के लिए इस तरह पुलों का इस्तेमाल किया जाता है।

इस पुल को बनाने का एक मकसद ये भी होता है कि यह हवा की तेज मार को झेल सकें. यह छोटे-मोटे मूवमेंट को आसानी से सहन कर सकता है । पूरा पुल लोहे की केबल पर टिका होता है. सस्पेंशन ब्रिज में डेक, टावर, टेंशन, फाउंडेशन और केबल अहम हिस्से होते हैं. डेक पुल के आखिरी हिस्से, पहले हिस्सा यह जमीन इसी डेक के आगे टावर लगाया जाता है, जो पुल को बेस देने का काम करता है, डेक दोनों किनारे पर बने होते हैं. वहीं टेंशन पुल का वो तार होता है, जो एक टावर से दूसरे टावर पर बंधा होता है. पुल में इस्तेमाल किया जाने वाला केबल इससे ही लगे होते हैं, जो पुल की सड़क को टेंशन से बांधे रखते है

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