भ्रष्टाचारी जुमला पार्टी का घोटालेबाज नेता नरेंद्र मोदी

भ्रष्टाचारी जुमला पार्टी का घोटालेबाज नेता नरेंद्र मोदी
आलेख – प्रभुराज नारायण राव


जे टी न्यूज़
भारतीय जनता पार्टी देश के कालाबाजारियों , देश के भ्रष्टाचारियों की पार्टी शुरू से ही रही है। यह सर्व विदित है कि देश के पूंजीपतियों द्वारा जनता को लूटने का सिलसिला सदियों से कायम है । आज भारतीय जनता पार्टी अपनी चरम अवस्था पर है । 10 साल से इस देश में उसकी सरकार चल रही है और इस बीच में उसने बड़े-बड़े महाघोटाले किए हैं । जिसका ताजा मिसाल चुनावी बांड घोटाला है। इस घोटालेबाजी का मास्टर माइंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं है ।पिछले दिनों 2018 यह शातिर माइंड अपने सटीक दिमाग का इस्तेमाल किया था और देश के बड़े पूंजीपतियों, भ्रष्टाचारियों के द्वारा चुनाव के नाम पर पैसा वसूलने के लिए देश में पहली बार चुनावी बांड की शुरुआत हुई। इस महाघोटाले की जानकारी जनता तक नहीं पहुंचे , इसके लिए भी उन्होंने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल किया । उन्होंने लोकसभा में कानून में संशोधन कर यह पारित कर दिया कि इसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत या किसी भी प्रकार से देश की जनता को नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े इत्मीनान के साथ इस खेल को खेलना शुरू कर दिया ।इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने देश की सार्वजनिक संपत्ति को बेचकर पार्टी की संपत्ति अर्जित करने की एक नई योजना बनाई और उसका नाम दिया प्रधानमंत्री केयर फंड ।

इसके लिए भी उन्होंने कानून में संशोधन कर लिया। इसके बारे में भी किसी को कोई भी जानकारी नहीं दी जाएगी । जबकि प्रधानमंत्री राहत कोष नाम से एक संस्था पहले से कायम है और उसके पहले जितने भी प्रधानमंत्री देश के हुए हैं । उसी कोष के माध्यम से पैसे लिए हैं । जिसकी जानकारी देश की जनता को रहती है । तो प्रश्न उठता है कि देश का इतना ईमानदार प्रधानमंत्री, चाय बेचने वाले गरीब बाप का बेटा नरेंद्र मोदी जो अपने को कभी फकीर, कभी चौकीदार ,कभी सेवक का नाम देता है।आखिर गुप्त रूप से संस्थाओं को बनाने के पीछे कौन सी योजना काम कर रही थी । इस बात को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने समझ लिया और 2018 में ही स्टेट बैंक द्वारा जारी चुनावी बांड की जानकारी को गुप्त रखने की जन विरोधी नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर कर दी । जिसके द्वारा 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को नोटिस दिया और बताया कि इस तरीके के चुनावी बांड निकालना न केवल अवैध है । बल्कि घोर संवैधानिक भी है । इसलिए इसे छुपाने के लिए जो भी नीतियां बनाई गई । उसे खारिज किया जाता है और 6 मार्च तक चुनावी बांड की पूरी जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दे दिया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माथे पर पसीना स्पष्ट दिखने लगे बेचैनी की आलम में उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष को कहा कि इसको चुनाव के पहले किसी भी स्थिति में उजागर नहीं करना है ।इसलिए सुप्रीम कोर्ट से समय मांग कर चुनाव के बाद रिपोर्ट देने का टालमटोल किया जाए।वफादार स्टेट बैंक का अध्यक्ष ने ऐसा ही किया और सुप्रीम कोर्ट में 30 जून के पहले चुनावी बांड की जानकारी देने में असमर्थता जताई । फिर क्या था। सुप्रीम कोर्ट आग बबूला हो गया और स्टेट बैंक के चेयरमैन को कड़े फटकार लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिजिटल दौर में इतने समय की कोई जरूरत नहीं है। इसलिए 6 मार्च तक चुनावी बंद खरीदने वाले लोगों का नाम और किस राजनीतिक दल के खाते में चुनावी बांड जमा हुए इसका पूरा विवरण सुप्रीम कोर्ट को दिया जाए

तब जाकर महा घोटालेबाज नरेंद्र मोदी के काले करतूतों का पर्दाफाश हुआ ।उन्होंने बड़ी संख्या में देश की सार्वजनिक संपत्ति को बेचने के नाम पर पैसे लिए। 140 करोड़ जिस कंपनी से पैसे लिए। उसको 14 हजार करोड रुपए का ठेका का काम दे दिया। घाटे में चल रही कंपनियों से भी पैसे लिए गए। जिस कंपनी का 30 करोड़ की पूरी पूंजी है ।उसे 100 करोड रुपए चंदा लिए गए। ऐसे अनेक कंपनी घोर कालाबाजारी है। जिन पर ई डी और सीबीआई के छापे पड़े और वह डर से भाजपा के खाते में चुनावी बॉन्ड डाल दिया और वह निश्चित हो गया । नरेंद्र मोदी जी आपने जो खेल जनता को चूना लगाने के लिए, जनता की आंखों पर काली पट्टी बांधकर देश को लूटने का आपने जो खेल खेला है। वह अब तेजी से लोगों तक जा रहा है और यही कारण है कि आज आप अपने हर चुनाव में सिर्फ भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं ।ताकि देश की भोली भाली जनता यह समझ सके कि भ्रष्टाचार के खिलाफ नरेंद्र मोदी लड़ाई लड़ रहे हैं। यानी की महाभ्रष्टाचारी और महा घोटालेबाज की कूटनीति लोगों को गफलत में डालने में कामयाब हो जाय । चुनावी बॉन्ड आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी भ्रष्टाचारी पार्टी हैं । यह दूसरे दलों के सारे भ्रष्टाचारियों को चाहे वह शारदा चिट फंड घोटाला हो ,सृजन घोटाला हो ,कोयला घोटाले हो , आदर्श हाउसिंग घोटाला हो,कोपरेटिव घोटाला हो। जिस पर ई डी और इनकम टैक्स के छापेमारी चल रहा था । वह सारे के सारे भाजपा में चले गए । वह असम के मुख्यमंत्री हेमंता विस्वा शर्मा , सुभेंदु अधिकारी, अजीत पवार, प्रफुल पटेल, छगन भुजबल, नारायण राणे हों । सब भाजपा के वाशिंग मशीन में धूल कर साफ सुथरे हो गए और वो सब भाजपा के बड़े नेता हो गए । लेकिन जो विपक्ष के कद्दावर नेता आपके इस घोटालेबाजी की कारगुजारी को चुनौती दे रहे हैं । वैसे सभी लोगों के यहां आप ई डी से छापेमारी करा कर भ्रष्टाचारी साबित करने का काम लगातार कर रहे हैं। मोदी जी चोर हो तो गलगर हो का आप बखूबी अभिनय कर रहे हैं । एक झूठ को सौ बार जनता तक ले जाने का काम देश के आपके सारे गोदी मीडिया कर रहे हैं ।जिधर से भी आवाज आती है ।तो वह आप ही की आवाज सुनाई पड़ती है । हिंदी अखबारों ने तो आपके खिलाफ एक शब्द भी लिखना पसंद नहीं करता । तो फिर आपकी घोटालेबाजी की कहानी जनता तक कैसे पहुंचेगी। विपक्ष की एकता भी आप होने देना नहीं चाह रहे हैं। लेकिन एक बात आप बताओ की आजादी के बाद इस देश के प्रधानमंत्रीयों ने जनता की पैसे से देश में जो बड़ी-बड़ी संस्थाएं बनाई। चाहे वह रेल हो , हवाई जहाज हो ,बीएसएनल हो ,दूर संचार हो ,कोयला खदान हो ,बड़े-बड़े कारखाने चाहे वह रांची की हेवी इंजीनियरिंग हो या भिलाई की हो ,बोकारो इस्पात संयंत्र हो ।आपने सभी को बेचने का काम किया है। यह पैसे कहां गए। उन पैसों का उपयोग किन कामों में किया गया। क्योंकि वह सारे पैसे जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे थे और उस सार्वजनिक संपत्ति को आपने बेच दिया । आपने एक भी सार्वजनिक संपत्ति को बनाने का काम नहीं किया। उसके बाद भी आप लगातार देश में विकास की नदी बहाने की झूठी बात कर रहे हैं। आप अपने चुनावी भाषणों के माध्यम से लगातार जनता के बीच यह संदेश दे रहे हैं कि दुनिया का पांचवी अर्थव्यवस्था हमारा देश हो गया। प्रधानमंत्री जी आपने आई एम एफ तथा विश्व बैंक से 2 लाख ट्रिलियन डॉलर कर्ज लिए हैं ।तब जाकर हमारे देश का कुल अर्थव्यवस्था 5 लाख ट्रिलियन डॉलर की है। आप 2 लाख ट्रिलियन डालर को हटा देते हैं ।

तो 3 लाख ट्रिलियन डॉलर का 76% हिस्सा इस देश के 56 पूंजीपतियों का ही है। बाकी मात्र 24% हिस्से में देश की 140 करोड़ जानता है । फिर भी देश को दुनिया का सबसे बड़ा पांचवी आर्थिक अर्थव्यवस्था बतला रहे हैं।तो इतना तो तय है कि लोग आपको समझने लगे हैं और इस बार की लोकसभा चुनाव में आप 4 सौ पार का मंत्र जपते रहे । तो लोग पेट्रोल 4 सौ पार समझ रहे हैं।देश की जनता अपनी मतों के द्वारा आपको गद्दी से उतारने का मन बना चुकी है ।
दूसरा जो भी सत्ता में आएगा।वह तो देश की सारी पूंजी जिसको आपने बेंच दिया या भारी कर्ज में देश को डुबो दिया। उसका हिसाब तो आपको देना ही होगा। तो उस समय आप कहां रहेंगे ।कहीं ऐसा तो नहीं की अपने मोदी बंधुओं और मेहुल भाई के साथ विदेश की रास्ता नाप ले।

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