प्राथमिक विद्यालय बाभनगामा में शत प्रतिशत बच्चे स्कूल ड्रेस में आते हैं विधालय में 82 प्रतिशत नितमित आते है
कमजोर बच्चों को चिन्हित कर मिशन दक्ष कक्षा संचालन किया जाता है:प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय बाभनगामा में शत प्रतिशत बच्चे स्कूल ड्रेस में आते हैं
विधालय में 82 प्रतिशत नितमित आते है
कमजोर बच्चों को चिन्हित कर मिशन दक्ष कक्षा संचालन किया जाता है:प्रधानाध्यापक
जे टी न्यूज, कटिहार(प्रवीण कुमार): प्राथमिक विद्यालय बभनगामा में शत प्रतिशत बच्चे स्कूल ड्रेस में आते हैं। मिशन दक्ष कक्षा का संचालन अक्षर से किया जाता है। वर्ग एक तीन से पांच के कमजोर बच्चों को चिन्हित कर मिशन दक्ष कक्षा संचालन के लिए नामांकित किया गया है। मिशन निपुण के तहत बच्चों द्वारा एफ एल एन किट कक्षा में उपयोग किया जा रहा है। सभी शिक्षक 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर बच्चों के बीच गतिविधि के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिया जा रहा है।ई- शिक्षा कोष में शिक्षकों के द्वारा उपस्थिति दर्ज कराई जाती है। स्कूली ड्रेस में छोटे-छोटे बच्चे एवं बच्चियों सुबह अपने अपने घरों में उठकर समय से पूर्व विद्यालय पहुंच जाते हैं। यह परिवर्तन बहुत ही खास माना जाता है। इस तरह का दृश्य जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत गैठौरा पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय बभनगामा में देखने को मिला। बच्चे एवं बच्ची की पीठ पर कोपी,किताब,कलम से भरा बैंग तथा गले में लाल रंग की पानी का बोतल टंगा हुआ सड़क पर चलते हुए स्कूल आने का नियमित रूटीन बन गया है। यह सब व्यवस्था को बहाल करने में प्राथमिक विद्यालय बभनगामा के प्रधानाध्यापक मो0 महमूद आलम का विशेष रूप से योगदान है। प्रधानाध्यापक मोहम्मद महमूद आलम प्रत्येक दिन विद्यालय पहुंच जाते हैं। विद्यालय में नंदिनी वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड नरियल टंगी, मुजफ्फरपुर के द्वारा एक पुरुष हाउस कीपर की प्रतिनियुक्ति की है। प्रधानाध्यापक हाउस कीपर के द्वारा विद्यालय परिसर एवं शौचालय की नियमित रूप से सफाई करवाते हैं।सभी शिक्षक-शिक्षिका समय से पहले विद्यालय पहुंच जाते हैं।
प्रधानाध्यापक मोहम्मद महबूब आलम ने बताया कि सबसे पहले चेतना सत्र चलाया जाता है।चेतना सत्र में बच्चों को प्रार्थना, बिहार गीत,संविधान का प्रस्तावना, समाचार वाचक,प्रेरक प्रसंग, योगा,राष्ट्रीय गान सिखाया जाता है। प्रथम पाली में कक्षा का संचालन होता है। बच्चों सभी छात्र-छात्राओं के बीच मीनू के अनुसार भोजन परोसा जाता है। दूसरी पाली में कक्षा का संचालन किया जाता है। कमजोर बच्चों को विशेष कक्षा का संचालन किया जाता है। अगले दिन की तैयारी में पाठ योजना पार्टी का संधारण किया जाता है। सभी शिक्षक शिक्षिका 4:30 के बाद विद्यालय से अपने घरों के लिए प्रस्थान करते हैं। प्रधानाध्यापक मोहम्मद महबूब आलम ने बताया कि विद्यालय में पांच शिक्षक-शिक्षिका है।जिसमें प्रियमवदा देवी, लक्ष्मी कुमारी, रंजना कुमारी, पिंकू कुमारी, मोहम्मद गालिब विद्यालय संचालन में काफी सहयोग करते हैं। सभी शिक्षक-शिक्षिका समय पर विद्यालय पहुंचकर अपनी-अपनी जिम्मेवारी का बखूबी निर्वाह कर रहे हैं। प्रधानाध्यापक मोहम्मद महबूब आलम ने बताया कि विद्यालय में वर्ग 1 से 5 तक की पठन-पाठन की जाती है। विधालय में 84 बच्चे का नामांकन विद्यालय में है। जिसमें 80% बच्चे नियमित रूप से विद्यालय पहुंचते हैं। विद्यालय 15 डिसमिल जमीन पर 6 कमरे का मकान है। एक कमरा जर्जर है। शेष कमरे में पठन-पाठन किया जाता है। विद्यालय के छात्राओं को मध्यान भोजन मीनू के अनुसार प्रतिदिन दिया जाता है। मध्यान भोजन तीन रसोईया के द्वारा गैस चूल्हे पर भोजन पका कर परोसा जाता है। विद्यालय में बच्चों की नियमित उपस्थिति के लिए प्रतिदिन प्रधानाध्यापक, शिक्षक के साथ गांव-गांव घूम कर बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए अभिभावक को प्रेरित करते हैं। सप्ताह में एक दिन अभिभावक और शिक्षक के साथ संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। संगोष्ठी में बच्चों को विद्यालय भेजना तथा पठन-पाठन स्वच्छता पर विशेष रूप से चर्चा की जाती है।जिसके कारण छात्रों की उपस्थिति 80% बनी रहती है।प्रधानाध्यापक मोहम्मद महबूब आलम ने बताया कि विद्यालय में सभी कक्षा में बिजली की व्यवस्था की गई है।कार्यालय सहित तीन कमरे में बिजली पंखा लगाया गया है, ताकि गर्मी के मौसम में बच्चों को गर्मी से राहत मिल सके। प्रधानाध्यापक अपने कार्य कुशलता के कारण बच्चों छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों से काफी घुल मिल गए हैं और विद्यालय का सर्वांगीण विकास करने के लिए कृत संकल्पित हैं।
प्रधानाध्यापक मोहम्मद महबूब आलम ने बताया कि विद्यालय में भवन का निर्माण कराया है।विधालय की साफ सफाई नियमित रूप से कराई जाती है। बच्चों को पेयजल के लिए दो चापाकल विद्यालय परिसर में लगाया गया है।विधालय में दो शौचालय बनाया गया है। विद्यालय में चारदीवारी का निर्माण किया गया है।विधालय के एक कमरा को बाल दृश्य कमरा बनाया गया।प्रधानाध्यापक मोहम्मद महबूब आलम ने बताया कि विधालय संचालन की वयस्था से छात्र तथा अभिभावकों में हर्ष व्याप्त है।