आम और खास के बीच की खाई को खत्म करना ही था लोकतंत्र का उद्देश्य: डॉ. प्रमोद कुमार यादव

समस्तीपुर::- सामाजिक कार्यकर्ता सह शिक्षाविद् प्रोफेसर डॉक्टर प्रमोद कुमार यादव ने लॉक डाउन की अवधि के दौरान सरकार और उनके अधिकारियों के द्वारा आम और खास में फर्क किए जाने पर नाराजगी जाहिर की।

उन्होंने कहा वर्तमान परिस्थिति में भी सरकार और उनके अधिकारियों के द्वारा आम और खास के बीच में फर्क किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि एक सामान्य व्यक्ति सैकड़ों बंदिशों के बीच बमुश्किल अपनी जरूरत की चीजें खरीद पाते है

वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक में वहां के पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान मुख्यमंत्री की उपस्थिति में वीआईपी पार्टी का आयोजन करती है। एक तरफ जहां लोग लॉक डाउन में फंसे होने की वजह से अपने परिवारिक रिश्तेदारों के मरणोपरांत कार्यकर्म में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं

तो वहीं दूसरी तरफ बिहार के विधायक और सांसद बगैर सोशल डिस्टेंसिंग की दिल्ली से पटना तो नवादा से कोटा पहुंच जा रहे हैं और फिर लौट भी रहे है। । इतना ही नहीं अररिया के कृषि पदाधिकारी द्वारा पास चेक करने पर होमगार्ड से उठक बैठक करवाना ब्यूरोक्रेसी के सामंती चरित्र का घृणित उदाहरण है।

माननीय डीजीपी को इस मामले का संज्ञान लेकर करोना वारियर्स के गरिमा की मदद करनी चाहिए। इस विपदा काल में भी आम और खास के बीच में फर्क करना दुर्भाग्यपूर्ण है लॉक डॉउन के नियमों के साथ लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत है।

अनैतिक अनाचार के ठेकदार पदाधिकारियों द्वारा लगातार आम आवाम के मान मर्यादाओं का चिर हरण किया जा रहा है और सरकार के मुखिया धृतराष्ट्र बने सब कुछ देख रहे हैं। जनता उचित समय पर इसका भी जवाब देगी।

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