परिपक्व नागरिक व उत्कृष्ट शिक्षा से महाशक्ति बनेगा भारत

 


  • जेटी न्युज
    मोतिहारी/ पु०च०
    ज्ञान सीरीज़ के अंतर्गत वाणिज्य विभाग में सातवें व अंतिम व्याख्यान का आयोजन हुआ जिसमें प्रोफ़ेसर संजय कुमार भारद्वाज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय मुख्य वक्ता रहें । कार्यक्रम की शुरूआत कार्यक्रम के संचालक डॉ डॉ शिवेंद्र द्वारा सभी का स्वागत करके की गई तत्पश्चात् वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष व कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रोफ़ेसर त्रिलोचन शर्मा ने मुख्यातिथि का परिचय दिया व वर्तमान संकट में भारत अपने अंतरराष्ट्रीय संबंध कैसे रखेगा व विभिन्न देशों द्वारा चीन से मांगे जाने वाले हर्जाने पर विचार व्यक्त किया l
  • कार्यक्रम के को-चेयरपर्सन डॉ श्याम नंदन ने भारत के विभिन्न देशों से सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला| उसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर संजय भारद्वाज नेअति महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड परियोजना पर प्रकाश डाला | उन्होंने बताया कि कैसे चीन वस्तु एवं लोन निर्भरता की डिप्लोमेसी खेल रहा है| चीन द्वारा इटली व ईरान में किए गए भारी भरकम पूंजी व तकनीकी निवेश के द्वारा अमेरिका से प्रतिद्वंद्विता लेने पर प्रकाश डाला l
  • प्रोफेसर भारद्वाज ने सुरक्षा की अवधारणा को विध्वंसक हथियारों से शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्रों की मजबूती में परिवर्तित होने की प्रबल संभावना बताई| उन्होंने समझाया आने वाला समय डी ग्लोबलाईज का होगा जिसमें समस्त देश अपनी देश की आर्थिक सीमाओं की सुरक्षा करते हुए आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करेंगे|
  • कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में प्रतिभागियोंद्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में प्रो भारद्वाज ने बताया डब्ल्यूटीओ की आवश्यकता पर प्रश्नचिन्ह उठेगा व देश अपनी भौगोलिक सीमाओं की घेराबंदी और मजबूती से करेंगे| इसके पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर प्राणवीर सिंह ने वर्तमान में घटित हो रही विभिन्न वैश्विक गतिविधियों पर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया|
  • कार्यक्रम केअंत में संचालक डॉ शिवेंद्र ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया व बताया कि इ-ज्ञान सीरीज का यह प्रथम चरण था व आगे भी इसके चरण आते रहेगे। इस सीरीज में कुल 700 से अधिक प्रतिभागियों ने श्रवण का लाभ लिया।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रो राजीव, डॉ सुब्रत, श्री अवनीश, डॉ सुमिता,डॉ रवीश, डॉ नरेंद्र,प्रशांत शुभेंद्र व छात्र छात्राओं के साथ अन्य विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर शोध छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे । कार्यक्रम में 90 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया जिसमें 6 राज्यों के प्रतिभागी शामिल हुए ।

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