विधायकों ने उड़ाए नियमों की धज्जियां: उल्टे धोया वित्त कर्मियों को…।

जेटी न्यूज़।

पटना::- सचमुच बिहार का राजा ईमानदार हो जाए तो देश दुनिया में बिहार का नाम रोशन हो जाएगा. बिहार के जनप्रतिनिधियों ने भी नियम कानून को धज्जियां उड़ाते रहे हैं बिहार के उच्च शिक्षा में अंगूठा छाप या विवेकहीन जनप्रतिनिधियों को सदस्य बना दिए जाने के कारण तमाम महाविद्यालयों के शासी निकाय नियमों को धज्जियां उड़ाते रहे हैं. बिहार के 225 संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों का वेतनमान देना तो दूर की बात है l

मुख्यमं के द्वारा की गई घोषणा को भी लागू करना 15 साल होने के बावजूद पूरा नहीं हो सका. इसका कारण यह है कि सत्तारूढ़ के शिक्षा माफिया विधायक सरकार पर हावी है. जिन्होंने कई महाविद्यालय खोलकर लाखों लाख रुपए की अवैध कमाई का जरिया बनाए हुए हैं.

विधायक मंत्री को महीने के अंत में वेतन के रूप में लाखों लाख आ जाते हैं ,तो ऐसे शिक्षक कर्मचारी का हाल क्या जानेंगे विधायक.जिन शिक्षकों ने मां बाप बाल बच्चे को 2 जुन की रोटी दवा ठीक से नहीं उपलब्ध करा सकते हैं. यह सुशासन राज की सुव्यवस्था का देन.

यहां तक कि कई प्रोफेसरों ने अपना दवा के अभाव में जीवन लीला खो दिया है, इन दिनों बिहार के तमाम जिलों में वित्त रहित शिक्षक कर्मी द्वारा क्षेत्र के विधायकों को अपने दुर्दशा से अवगत कराने के लिए घेराव कर रहे हैं तो वहीं के सत्ता- विपक्ष के विधायक अपने-अपने तरह से शिक्षकों को समझाते हैं ,

और अपनी हालत पर रोते भी हैं यह कहते हैं कि यह तो मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री का मामला है, और यह मामला मुख्यमंत्री जी को देखना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रहे हैं यह दुखद बात है परंतु बिहार के समस्तीपुर जिले के मोरवा प मोरवा विधानसभा के जदयू का लाडला विधायक विद्यासागर निषाद ने तमाम शिक्षकों को धोया ही नहीं बल्कि अपमानित होने और करने से बाज नहीं आए.

इसकी चर्चा तो जिले में ही नहीं बल्कि बिहार में गुजरने लगा है चर्चा यह भी है कि संपूर्ण बिहार में सत्तारूढ़ दलों के जनप्रतिनिधियों ने दी गई अनुदान की राशि वितरण में भी भारी गड़बड़ी की है और कमीशन लिए बिना भुगतान अनुदान की राशि वितरण पंजी पर हस्ताक्षर तक नहीं किए.कब तक यह गोरखधंधा चलता रहेगा .यह बात तो बिहार के मुख्यमंत्री ही बताएंगे .कि इन के शासनकाल में बिना हत्या किए स्विंग आत्महत्या कर लेते हैं कर्मी ।

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