बाल विकास परियोजना कार्यालय समस्तीपुर में भ्रष्टाचार जोरों पर

डीपीओ ममता बर्मा के अधीनस्थ कर्मी का ऑडियो जमकर हो रहा वाइरल

वाइरल ऑडियो में बार-बार डीपीओ का आ रहा नाम, मनचाहा नियुक्ति के लिए देने होंगे रिस्वत

लगातार डीपीओ ममता बर्मा से दूरभाष पर सम्पर्क करने की,
की गयी कोशिश,उनका फोन मिला स्विच ऑफ.

जिलाधिकारी समस्तीपुर से दूरभाष पर बात करने की हुई कोशिश
डीएम साहब ने तो फोन उठाना ही जरूरी नहीं समझा

उक्त मामले की गूंज जिले से निकलकर पहुँची राजधानी पटना

जेटी टाइम्स

*समस्तीपुर* :

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय पोषण योजना के अंतर्गत प्रखंड समन्वयक और प्रखंड परियोजना सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया सूबे के प्रत्येक जिले में जोरों पर है। इसी दौरान इन पदों की नियुक्ति प्रक्रिया समस्तीपुर जिले में भी जारी है।
परंतु इस नियुक्ति में रिस्वत लेने का मामला सामने आ रहा है,वो भी खुलेआम फ़ोन करके पैसा मांगा जा रहा ।

आपको बता दें कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ममता वर्मा के अधिनस्तो द्वारा प्रखंड परियोजना सहायक के पदस्थापन के नाम पर लाखों रुपए वसूले जाने का चर्चा आम होता जा रहा है। हालांकि इस नियुक्ति प्रक्रिया के शुरू में ही जिला अधिकारी शशांक शुभंकर को भ्रष्टाचार की जानकारी मिली थी। जिस पर जिलाधिकारी ने जांच कमेटी बनाकर नियोजन की प्रक्रिया पूरी करवाई।

बावजूद डीपीओ ममता बर्मा के अधिनस्त कर्मचारी द्वारा फ़ोन कर पैसा उगाही का कार्य किया जा रहा । रिस्वत दीजिये और मनमाफिक पोस्टिंग प्राप्त
कीजिये । ये हम नहीं कह रहे एक वायरल ऑडियो में साफ साफ डीपीओ ममता बर्मा का नाम लिया जा रहा है । यहां तक की उम्मीदवार को मिलाने तक की बातें कहीं जा रही है ।
इस मुद्दे को झंझट टाइम्स अखबार प्रमुखता से उठा रही है।

आपको बताते चलें कि मन मुताबिक पोस्टिंग के लिए अवैध राशि वसूलने वाले मोबाइल संख्या 9570703838 है, इसी नो. से उम्मीदवार को फोन कर रिस्वत की मांग की गयी है ,जिसका पिछले दो दिनों से ऑडियो वाइरल है ।

जब इस मसले पर ऑडियो को आधार मान कर जेटीन्यूज़ के प्रबंध संपादक द्वारा बुधवार को डीपीओ ममता बर्मा को दूरभाष पर संपर्क कर इनसे इनका पक्ष जानना चाहा तो इनका फ़ोन लगातार स्विच ऑफ ही मिला।
तत्पश्चात इस मामले में जिले के डीएम शशांक शुभंकर को दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की गई कि आखिर मामला क्या है ,मामले में सत्यता कितनी है,संयोग बस जिलाधिकारी ने भी फोन उठाना जरूरी नहीं समझा ।

बरहाल चुनाव की सरगर्मी बिहार में तेज हो चुकी है । हम ये नहीं कहते कि वायरल ऑडियो सत्य ही है, किन्तु जिस प्रकार से खुलेआम फोन कर रिस्वत की मांग कर रहे है, कटघरे में तो खड़े जरूर खड़ी है पूरी नियुक्ति प्रक्रिया ।

जिले से निकालकर इसकी गूंज राजधानी पटना तक पहुच चुकी है ।
ऐसे में यदि मामला सही पाया जाता है तो इसका असर मुख्यमंत्री की छवि तक को
भी दागदार कर देगी ।
बरहाल अब देखना है इस इस मुद्दे और वाइरल ऑडियो पर जिलाधिकारी जांच के आदेश देते हैं या नहीं ये तो आनेवाला वक्त ही तय करेगा ।

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