नहीं थम रहा है औरतों पर अत्याचार बलात्कारी करते हैं पीड़िता की बर्बर हत्या भी

हेमलता म्हस्के

वेलेंटाइन डे के पूर्व के दस बारह दिन देश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के रूप में याद किए जा सकते हैं। क्योंकि इन दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं पर अत्याचार की अनेक घटनाएं घटी हैं, जो गवाह बन गई हैं कि अपने देश में अब ना कोई बच्ची सुरक्षित है और न कोई बुजुर्ग महिला ही। किसी को भी बलात्कारी नहीं छोड़ते। बलात्कारी पहले बलात्कार करते हैं,बाद में फिर शिकार महिला की बर्बरता से हत्या भी कर देते हैं। महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर बने कानून,तैनात पुलिस, आश्वासन देती सरकारें, वीरता और शौर्य का गुणगान करने वाला समाज भी कोई काम नहीं आता।

2017 के सर्वे के अनुसार भारत में हर रोज औसतन 90 से अधिक बलात्कार की घटनाएं होती हैं। बलात्कार की घटनाएं बढ़ ही रही हैं लेकिन अब बलात्कार के बाद शिकार महिलाओं की बर्बर हत्या की घटनाओं में बेहिसाब बढ़ोतरी हो रही है। बलात्कार कैसे रुके इसके लिए पूरी गंभीरता से उपाय तलाशने की जरूरत है। नहीं तो संविधान में समानता के अधिकार की धज्जियां उड़ती रहेंगी। बलात्कार की शिकार महिलाओं में ज्यादातर को इंसाफ नहीं मिलता। 2017 तक देश की अदालतों में एक लाख 27 हजार 800 मामले लंबित थे। इनमें से मात्र 18 हजार 300 मामलों पर फैसला हो पाया था। न्यायिक व्यवस्था इतनी जटिल है कि फैसले होने में सालों लग जाते हैं।

ऐसे में इंसाफ की आस में इंतजार कर रही पीड़ित महिलाएं आत्महत्या कर लेती हैं। समस्या सिर्फ दोषियों को सजा मिलने का बाद भी ख़तम नहीं होती। महाराष्ट्र के बीड जिले की एक महिला पांच सालों से बलात्कारियों को सजा दिलाने के लिए संघर्ष कर रही थी। पिछले साल उससे बलात्कार करने के जुर्म में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब उसे गांव से बहिष्कार किया जा रहा है। खासकर बलात्कार के मामले में पीड़िता को भी दोषी मान कर उसके साथ हेय बर्ताव किया जाने लगता है। यही कारण है कि बहुत सी महिलाएं ऐसी घटनाओं पर पर्दा डालने को विवश होती है।
हम भले विश्व गुरु बनने का दावा करें लेकिन महिलाओं को सम्मान देने के मामले में हम बहुत पीछे हैं। बहुत शर्मनाक हालत में हैं। भारत दुनिया के दस ऐसे देशों की कतार में हैं जहां सबसे ज्यादा बलात्कार होते हैं। ऐसे देशों में अमेरिका के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है बाकी देश दक्षिण अफ्रीका,ब्रिटेन,स्वीडन,जर्मनी,फ्रांस,कनाडा, आस्ट्रेलिया और डेनमार्क है।

अब दो सप्ताह बाद देश और दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की जोर शोर से तैयारियां शुरू हो जाएंगी और अनेक मंचों से महिला सशक्तिकरण के दावे दोहराए जाएंगे, लेकिन हकीकत यह है कि महिलाओं के मामले में भारतीय समाज अभी भी पूरी तरह से संवेदना शून्य है, बर्बर है बल्कि बर्बरता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। यहां तक कि बलात्कारी यौन उत्पीडन का विरोध करने वाली महिला की नवजात बच्ची तक को आग में फेंक देता है। महीनों एक नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार होता रहता है किसी को पता तक नहीं होता। पिता, पति या भाई अगर रक्षा के लिए सामने आता है तो उसे भी मौत के घाट उतार दिया जाता है। यहां तक कि कई जगहों पर पूरे परिवार को बंधक बना कर बलात्कार किया जाता है। अस्पताल में बेहोशी की सुई देकर बलात्कार कर लिया जाता है। महिलाओं के लिए आज कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है।

शौच के लिए या खेत पर जाती महिलाओं और बच्चियों को भी नहीं बख्शा जाता है। महिलाओं के हित में सख्त से सख्त कानून बनने लगे तो यह उम्मीद हुई थी कि भविष्य में निर्भया जैसा कोई कांड नहीं होगा। लेकिन यह उम्मीद खोखली साबित हुई है, क्योंकि निर्भया कांडों का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। इस महीने की पहली तारीख को बिहार के मुजफ्फरपुर के बोचहा गांव में एक महिला जब शाम को अपने घर के आगे आग सेक रही थी तो एक व्यक्ति आया और उसका यौन उत्पीड़न करने लगे। महिला ने जब विरोध किया तो उसकी तीन महीने की नवजात बच्ची को आग में फेक दिया। 4 फरवरी को कोलकाता में एक बलात्कारी ने नौ साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया। बाद में उसके दांत तोड़े। गला घोंट कर उसकी जान ली और सिर को धड से अलग भी कर दिया।

तीन फरवरी को पंजाब के फिरोजपुर झिरका में पशुओं के लिए चारा लेने खेत गई युवती के साथ पांच युवाओं ने सामूहिक बलात्कार कर दिया। इसी दिन एक और घटना के मुताबिक हरियाणा के जींद में शौच के लिए निकली नाबालिग लड़की के साथ चार युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया। इस घटना के दो दिन बाद मध्य प्रदेश के मुरैना के सबलगढ़ इलाके में एक पांच साल की लड़की की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। इस खौफनाक घटना का आरोपी इस बच्ची की चाची के साथ बलात्कार करने के जुर्म में जेल काट कर जमानत पर बाहर आया था। कर्नाटक के चिकमगलूर इलाके में 15 साल की लड़की से महीनों 17 युवक बलात्कार करते रहे। उनमें से 8 इस महीने गिरफ्तार किए गए, बाकी 9 की तलाश की जा रही है। उत्तर प्रदेश के महोबा में दो युवकों ने 80 साल की महिला से बलात्कार किया। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक बुजुर्ग महिला के साथ बलात्कार किया गया फिर पत्थर मार कर उसकी हत्या भी कर दी गई।

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