छठ पूजा की अपनी विशेषता है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से एकजुट होने का जीता जागता उदाहरण है: विजय अमित निदेशक आयाम
छठ पूजा की अपनी विशेषता है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से एकजुट होने का जीता जागता उदाहरण है: विजय अमित निदेशक आयाम
जेटी न्यूज
अरेराज पूर्वी चंपारण- समस्त मानव जाति के साथ सजीव प्राणियों को अपनी ऊर्जा से अनवरत आयुष्य सुख समृद्धि और जीवन देनेवाले कलयुग के साक्षात देव सूर्य की अराधना पूजा करने की परम्परा आदिकाल से ही रही है। लेकिन बिहार में छठ पूजा की अपनी विशेषता है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से एकजुट होने का जीता जागता उदाहरण है। उक्त बातें प्रेस वार्ता के दौरान अरेराज आयाम के निदेशक विजय अमित ने चार दिनों की छठ पूजा के प्रथम दिन सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि छठ पर्व में सबका प्रसाद एक ही तरह का होता है। सभी छठ व्रती चाहे राजा हो या रंक एक साथ जमीन पर ही बैठते हैं और एक-दूसरे का प्रसाद ग्रहण करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्य प्रसाद गुड़ में और मिट्टी के बर्तन तथा चूल्हा पर ही बनता है। इस महान पर्व को यदि यह कहा जाए कि यह समाज को एकजुट करने का महापर्व है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में छठ पर्व की विशेष जरूरत है। क्योंकि 4 दिनों के निर्जला इस त्योहार को करने वाली महिलाओं की सभी मनोकामनाएं छठी मैया पूर्ण करती हैं। श्री अमित ने सभी छठ व्रतियों एवं समस्त देशवासियों को छठ पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।