वजीरगंज में आयोजित मिशन स्वावलंबन के आयोजित सम्मान कार्यक्रम

वजीरगंज में आयोजित मिशन स्वावलंबन के आयोजित सम्मान कार्यक्रम
जे टी न्यूज़

 

गया: जीविका एक मंच है जिसने महिलाओं को आवाज दी है। उन्हें दीदी के रूप में पहचान दी है। उनका आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्तिकरण किया है। उन्हें वित्तीय समावेशन से जोड़ा है। उक्त सभी बातें जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक मुकेश कुमार सासमल ने वजीरगंज में आयोजित मिशन स्वावलंबन के तहत आयोजित सम्मान कार्यक्रम में कही है। गया में 02 अक्टूबर 2006 से जीविका के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई। इससे पूर्व एक समय था जब किसी ग्रामीण महिला को बैंक से 20 हजार का ऋण मिलना भी मुशकिल था। जीविका समूह के निर्माण होने से ऋण मिलना आसान हो गया है। जीविका दीदियों की सामूहिक बचत, लेखांकन आदि को देख बैंको का विश्वाश बढ़ा। ऋण मिलना आसान हुआ है। आज दीदियों के एक समूह को पांच लाख का ऋण भी बैंक आसानी से दे देता है। दीदियाँ भी ईमानदारी से ऋण वापस कर रही हैं। गया में 44 हजार समूह के माध्यम से जीविका दीदियों ने जिले में 1560 करोड़ रुपये का बैंक लेन-देन किया है। आज दीदियों के पास भी वित्तिय निर्णय लेने की क्षमता है।आज के कार्यक्रम में जिला परिषद पिंकी देवी ने कहा कि सरकार आपलोगों को आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। आपको आगे बढ़ते रहना है। बाबा साहेब ने कहा था।

संगठित रहे, शिक्षति हो और फिर संघर्ष करें। अपने अधिकारों के लिए आप भी ये करें। उन्होंने आगे कहा बिहार सरकार ने जहाँ एक तरफ जीविका के माध्यम से महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम किया, वहीं दूसरी ओर महिला आरक्षण देकर भी महिलाओं को आगे बढ़ाया है। आज मैं स्वयं इसी वज़ह से जिला परिषद का चुनाव लड़ सकी। मुखिया रेखा देवी को भी चुनाव लड़ने का मौका इसी कारण मिला गया है।प्रबंधक सामाजिक विकास ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण को इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि गया के पंचायत चुनाव में कुल 1167 महिला जन प्रतिनिधयों ने चुनाव जीता। ये सभी जीविका से जुड़ी हुई थी।आज के कार्यक्रम में वजीरगंज प्रखंड के 26 सतत जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी जीविका दीदियों को प्रमाण पत्र दे सम्मानित किया गया। सभी ने सतत जीविकोपार्जन योजना से प्राप्त पूंजी में क्रमिक वृद्धि करते हुए निर्धनता से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ी हैं। अर्थात, दीदियों ने अपना जीवन बदला है। इस कार्यक्रम में कुछ दीदियों ने अपनी सफलता की कहानी भी साझा की। भीकमपुर गाँव के नवादा पंचायत की उर्मिला देवी ने कहा कि उन्हें ग्राम संगठन के माध्यम से सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत 2019 में बकरी पालन के लिए चार बकरी उपलब्ध कराई गई। आज उन्होंने इस पूंजी को बढ़ाते हुए 53040 रुपये कर लिया है। उनके पास अभी 26 बकरियां है। बकरी पालन द्वारा ही वह अपने परिवार का भरण पोषण कर पा रही हैं। बिछा गाँव की किरण चौधरी ने कहा कि उन्होंने ताड़ी बेचने का काम छोड़ एसजेवाई की मदद से दुकान खोलने की पूंजी मिली जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो रहा है। आफ़साना खातून ने कहा जीविका के माध्यम से सतत जीविकोपार्जन योजना की मदद से प्राप्त दुकान के माध्यम से ही मेरा जीवन बदला है। इसी प्रकार अन्य दीदियों ने अपनी-अपनी सफलता की कहानी सुनाई। दो वर्ष पूर्व जो दीदी निर्धनता का जीवन जी रही थी आज कम से कम 4 से 5 हजार रुपये का इनकम कर पा रही हैं।

इन दीदियों ने सरकारी योजना जैसे जन वितरण प्रणाली, सुरिक्षत आवास, स्वच्छ पेय जल, घर में शौचालय का उपयोग, बीमा से जुड़ाव आदि का लाभ भी प्राप्त किया है। इसी प्रकार के अनेक बिंदुओं को ध्यान में रख कर सभी को मिशन स्वावलंबन के तहत प्रमाण पत्र दिया गया है।इनके अलावा वक्ताओं के अतिरिक्त इस कार्यक्रम में 100 से अधिक स्थानीय जीविका दीदियों सहित वजीरगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि शंकर कुमार, मुखिया रेखा देवी, जीविका के प्रबंधक संचार दिनेश कुमार, प्रबंधक जीविकोपार्जन संतोष कुमार, प्रखंड परियोजना प्रबंधक संजीव कुमार, नोडल युवा पेशेवर राहुल एवं गुजाली भारती, एसजेवाई कंसलटेंट नीरज कुमार, नोडल अनुपम जाना, जीविकोपार्जन विशेषज्ञ पंकज कुमार एवं वजीरगंज के अन्य प्रखंड कर्मी उपास्थि थे।

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