रामगढ़वा में महिलाओं ने पारंपरिक ढंग से मनाई भैया दूज का त्योहार,भाई के दीर्घायु होने कि बहनों ने की कामना

रामगढ़वा में महिलाओं ने पारंपरिक ढंग से मनाई भैया दूज का त्योहार,भाई के दीर्घायु होने कि बहनों ने की कामना
जेटी न्यूज

डी एन कुशवाहा

रामगढ़वा पूर्वी चंपारण – स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में महिलाओं ने गुरुवार को हर्षोल्लास एवं श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाई भैया दूज का पर्व। ज्ञात हो कि भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक के रूप में भैया दूज पर्व मनाया जाता है। जो इस वर्ष ग्रहण लगने के कारण दीपावली के दो दिन बाद यह त्योहार मनाया गया। इसी दिन सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश भगवान चित्रगुप्त की पूजा होती है। बिहार में धूमधाम से मनाए जाने वाला यह त्योहार गोधन कूटने के नाम से विख्यात है। इसमें महिलाएं सामूहिक रूप से गोवर्धन पूजा कर गोधन कूटती हैं, और परंपरागत गीत गाती हैं। भैया दूज पर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की। विदित हो कि इस अवसर पर भाई को शाप देने और उन्हें पुनः जिलाने की मंगल की गीत गाने की अनूठी परंपरा है। जिसे महिलाओं ने बखूबी निभाया।

इस अवसर पर बहनों ने भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की। इस अवसर पर एक महिला ने दूसरी महिला का लम्बा मांग बहोर कर उनके पति के दीर्घायु होने की कामना की। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन कराया था। इस अवसर पर यमलोक में उत्सव भी हुआ था। मान्यता है कि इस दिन बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करने व उन्हें यथाशक्ति दान देने से पापियों को भी यमराज छोड़ देते हैं। इस अवसर पर बहनें अपने जिह्वा पर रेंगनी के कांटों को चुभाई। कहा जाता है कि इस दिन बहन का श्राप भाइयों के लिए आशीर्वाद होता है। बहनें इस दिन व्रत रखकर भाई के माथे पर तिलक लगाकर भाई के दीर्घ जीवन की कामना करती हैं।


पुरानी मान्यता है हो कि इस दिन गोवर्धन की पूजा करने से मानव के गौ धन, संतान, धन आदि में वृद्धि होती है।इस अवसर घर पर बनाए गए विभिन्न प्रकार के पकवानों से तैयार अन्नकूट का भोग भगवान श्रीकृष्ण को लगाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इस दिन ब्रज मंडल के श्रीकृष्ण मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के भोग भी लगाए जाते हैं। मौके पर श्रीमती सरिता कुशवाहा, कुमारी रश्मि, घर भरन देवी, अंजू कुशवाहा तथा कुमारी ज्योति सहित अन्य माता बहनें उपस्थित थीं।

Related Articles

Back to top button