रामगढ़वा के चम्पापुर नरीरगिर चौक के समीप चिमनी का बम्मा ब्लास्ट होने से लगभग 20 लोगों की मौत, दर्जनों लोग घायल

रामगढ़वा के चम्पापुर नरीरगिर चौक के समीप चिमनी का बम्मा ब्लास्ट होने से लगभग 20 लोगों की मौत, दर्जनों लोग घायल

दो चिमनी मालिक नूरूल हक एवं इरशाद की भी हुई मौत
जेटी न्यूज

डी एन कुशवाहा

रामगढ़वा पूर्वी चंपारण- स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के चांपापुर रोड स्थित नरीरगिर गांव के पास नवनिर्मित चिमनी का बम्मा ब्लास्ट होने से लगभग 20 लोगों की मौत एवं दर्जनों लोगों के घायल होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार आज ही दिनांक 23 दिसंबर 2022 रोज शुक्रवार को चिमनी का पूजा कराकर चिमनी फूंका गया था। जहां चिमनी शुरू होने की खुशी में चिमनी के दोनों मालिक (पार्टनर) व अमोदेई गांव निवासी मोहम्मद यूनुस के पुत्र मोहम्मद नूरूल हक एवं स्वर्गीय मोहम्मद अजीजुल हक के पुत्र मोहम्मद इरशाद अपने सगे संबंधियों, शुभचिंतकों एवं चिमनी के मिस्त्री तथा मजदूरों के साथ खुशी का जश्न मना रहे थे, वही चिमनी का बंम्मा ऐन वक्त पर ब्लास्ट कर गया। बम्मा ब्लास्ट करते ही भगदड़ मच गया। जिसमें लगभग 20 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और बहुत सारे लोग बम्मा फटने से जख्मी हो गए। वही कुछ लोग चिमनी के म्यान में गिर जिंदा जलकर मरे तो कुछ लोग दिवाल से दबकर।

उक्त घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने एंबुलेंस भेजकर जख्मी लोगों को रामगढ़वा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एवं एसआरपी हॉस्पिटल में उपचार हेतु भेजा। जिसमें से कुछ लोगों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया और कुछ लोग हॉस्पिटल पहुंचकर दम तोड़ा। मृतकों में दोनों चिमनी मालिक के अलावा नरीरगिर गांव निवासी रुस्तम देवान के 25 वर्षीय पुत्र और एक बच्चे के पिता इरशाद देवान एवं नरीरगिर गांव निवासी हरी बैठा के 25 वर्षीय पुत्र अनिल बैठा के अलावा अन्य लोग शामिल हैं। वहीं दर्जनों लोग दोनों हॉस्पिटल के अलावा अन्य हॉस्पिटलों में इलाजरत हैं। सिर्फ एसआरपी हॉस्पिटल रक्सौल में इलाजरत लोगों में ऐहसानुल्लाह, आलमगीर, अमरेश कुमार, अब्दुल हक, राकेश कुमार, अजय कुमार, उमेश राम तथा नूरूल हक शामिल हैं।

वही 5 मृतकों का डेड बॉडी हॉस्पिटल में पड़ा है जिसका नाम का अता पता नहीं चल सका है। उक्त घटना से जहां मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है, वही पूरे रामगढ़वा प्रखंड क्षेत्र में मातमी सन्नाटा छा गया है। समाचार प्रेषण तक चिमनी के दीवाल से दबे लोगों की तलाश हो रही थी। उक्त घटना में बाहर के भी कुछ मजदूर और मिस्त्री मरे एवं घायल हुए हैं, जिनका नाम पता समाचार प्रेषण तक पता नहीं चल सका था। जिंदगी और मौत के बीच में जूझ रहे जख्मी लोग अपना नाम पता बताने में अभी सक्षम नहीं थे।

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