बोधगया में दलाईलामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एंसीएन्ट विजडम की भूमि का शिलान्यास: बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा

बोधगया में दलाईलामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एंसीएन्ट विजडम की भूमि का शिलान्यास: बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा
जे टी न्यूज

गया: बोधगया मैं दलाईलामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एंसीएन्ट विजडम की बनने वाली बिल्डिंग का बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा ने शिलान्यास किया. मंत्रोच्चारण के बीच इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग के मॉडल पर पुष्प अर्पित कर शिलान्यास किया गया. इस दौरान बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा मंत्रोच्चारण कर रहे थे. बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि हम तिब्बती लोग भारत में शरणार्थी हैं, लेकिन यह सौभाग्य की बात है. क्योंकि आर्य देश भारत में हैं, जहां अहिंसा और सर्व धर्म समभाव की बात कही जाती है। इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत आदि मौजूद थे.


भारत में अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की बात की जाती है
शिलान्यास के बाद अपने संबोधन में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि भारत में अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की बात कही जाती है*, जो इसे अन्य देशों से अलग बनाती है. कहा कि दुनिया के लोगों के लिए अध्ययन का केंद्र बोधगया में बनेगा. अहिंसा का जो सिद्धांत है, उसका पालन करना चाहिए. बौद्ध धर्म गुरु ने कहा कि भारत की बात करें, तो यहां हमेशा हिंसा से मना किया जाता है. बौद्धधर्म धर्म निरपेक्ष का सिद्धांत है. भारत में हम तिब्बती लोग शरणार्थी हैं, लेकिन सौभाग्य है कि हम आर्य देश भारत में है, जहां अहिंसा की बात की जाती है. सर्वधर्म समभाव की भी बात कही जाती है. भारत के लोग जिस प्रकार प्राचीन काल में अहिंसा का पालन करते आए हैं, वह अभी भी करते रहे हैं।
दिन के 6 पहर करें करुणा का अभ्यास
बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने बौद्ध श्रद्धालुओं को कहा कि सुख शांति व विकास के लिए पहले बुराइयों को नष्ट करें.* मन में मौजूद स्वार्थ ही दुखों का कारण है. मन-चित्त शांत नहीं रहने पर शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है. सुख, शांति चाहते हैं, तो दूसरे का हित करें। कहा कि हमें करुणा का अभ्यास दिन के सभी 6 पहर में और प्रज्ञा का इस्तेमाल करना चाहिए।
2550 साल पहले भगवान बुद्ध ने बोधगया में बौद्ध धर्म को विश्व का केंद्र बनाया था।


केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2550 साल पहले भगवान गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म को बोधगया में विश्व का केंद्र बनाया था.* आज उसी परम्परा को दलाईलामा आगे बढ़ा रहे हैं और वो खुद हमारे बीच उपस्थित हैं। जो बड़ी बात है. बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा ने भारतीय लोकाचार को पूरे विश्व मे जीवित रखा है. भारत सरकार व देश की 135 करोड़ से अधिक जनता बौद्ध धर्म गुरु की ऋणी व कृतज्ञ है. भारत विश्व गुरु है, दलाईलामा विश्व गुरु हैं।
बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदेश को पढ़ कर कहा कि धर्म के बिना प्रेम, करूणा, दया, क्षमा और शांति व ज्ञान सम्भव नहीं है।* मुख्यमंत्री के संदेश में कहा कि यह विद्या का केंद्र आने वाले दिनों में तिब्बत व भारतीय परंपरा को विकसित करने में अहम भूमिका अदा करेगा।

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