महिला शक्ति सम्मान समारोह में सावित्री बाई फुले को भारत रत्न देने की मांग देश की तीस महिलाएं हुई सम्मानित -हेमलता म्हस्के

महिला शक्ति सम्मान समारोह में सावित्री बाई फुले को भारत रत्न देने की मांग देश की तीस महिलाएं हुई सम्मानित -हेमलता म्हस्के


जे टी न्यूज़ ,नई दिल्ली: गांधी शांति प्रतिष्ठान में क्यू भारतीय महिला शक्ति सम्मान समारोह में भारतीय महिलाओं की शक्ति का सही आकलन कर इनको भी समय समय पर सम्मान और सुविधा देने की मांग की गई। सम्मान समारोह में ज्यादातर वक्ताओं ने दुनिया भर में महिलाओं के महान आदर्श के रूप में शुमार की जाने वाली सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने की मांग की गई। क्योंकि उन्होंने देश की महिलाओं के हित में जो काम किया वह आज भी आगे बढ़ती महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। वरिष्ठ साहित्यकार और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित महिला शक्ति सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार अजीज सिद्दीकी, शिक्षाविद डा बाबूलाल मीणा , वरिष्ठ पत्रकार बरखा लकड़ा और चंद्र मोहन पपने ने विभिन्न राज्यों की विभिन्न विधाओं में उल्लेखनीय कार्यों के लिए तीस महिलाओं को सम्मानित किया । समारोह में वरिष्ठ लेखिका और समाज सेविका डा सविता चड्ढा का सार्वजनिक अभिनंदन किया गया। पचास से अधिक पुस्तकों में समाहित डा सविता चड्ढा के फैले लेखन पर चर्चा की गई। सम्मानित की जाने वाली महिलाओं के नामों की घोषणा करते हुए सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन पुणे की सचिव हेमलता म्हस्के ने सावित्रीबाई फुले की कीर्तियों की चर्चा की और कहा कि डेड सौ साल से खंडहर पड़े सावित्रीबाई फुले द्वारा स्थापित देश में लड़कियों की पहली पाठशाला को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में अब विकसित किया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत और अंग जन गण के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा सुधीर मंडल ने समारोह का संचालन किया।

इस मौके पर हेमलता म्हस्के की पुस्तक* सावित्रीबाई फातिमा शेख और अन्य आलेख* का लोकार्पण भी किया गया। पुस्तक में सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख की जीवनी के साथ महिलाओं की समस्याओं पर गंभीर लेख है। पुस्तक का मूल संदेश यही है कि आज समाज को बार-बार यह अहसास दिलाने की जरूरत है कि महिलाएं भी कम नहीं हैं। जिन महिलाओं को भारतीय महिला शक्ति सम्मान प्रदान किया गया, उनमें महिला सशक्तीकरण के लिए नंदिनी जाधव प्रमुख हैं। साहित्य के लिए दिल्ली से अश्रुतपूर्वा डॉट कॉम की संस्थापक संपादक डॉ. सांत्वना श्रीकांत, कल्पना झा, रत्ना भदौरिया, नाजरीन अंसारी कल्पना पांडे नवग्रह, वसुधा कनुप्रिया, डा पूनम जौहरी और बाल कीर्ति तथा दिल्ली से ही स्वतंत्र लेखन के लिए अंजू खरबंदा और पुष्प राय और दिव्या गोयल के नाम शामिल हैं। इन सबके अलावा बच्चों के शिक्षण के लिए दिल्ली की वीना सक्सेना और पंजाब की स्मिता जिंदल को, झारखंड से दीपिका तिर्की को शिक्षा, मध्य प्रदेश से मनीषा धुर्वे को शराबबंदी, नूतन पांडेय को पूर्वोत्तर साहित्य, गुजरात से शारदा बेन मगेरा को लोक गायन के जरिए शिक्षा के लिए यह सम्मान दिया गया। बिहार से डॉ. श्वेता को शिक्षा और प्रतिभा चौहान को साहित्य के लिए, छत्तीसगढ़ से सिनीवाली गोयल को समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश से डॉ. जूही बिरला को शिक्षा और दिल्ली से पुष्पा राय को समाज सेवा के लिए यह सम्मान दिया गया।

दमयंती बेन गमेती को लोक गायन के लिए, अमेरिका से डॉ.अनीता कपूर को साहित्य के लिए, श्रीलंका से डी.एम.एस.मधुभाषिणी कुलसिंह (सुगंधि) को हिंदी के लिए, उत्तराखंड से मधु बेरिया साह को लोक गायन के लिए यह सम्मान दिया गया। मुंबई से संध्या यादव को साहित्य, उत्तराखंड से डॉ. पुष्पा जोशी को महिला सशक्तीकरण, बिहार की डा नम्रता कुमारी और मध्य प्रदेश से मिलन धुर्वे को समाज सेवा के लिए सम्मानित किया गया।

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