मोदी जी का आत्म विश्वास,विपक्ष का आत्मघात,जनता है परास्त – खबरीलाल

मोदी जी का आत्म विश्वास,विपक्ष का आत्मघात,जनता है परास्त – खबरीलाल


जे टी न्यूज़, दिल्ली : लोकतंत्र के चुनावी मेले में, चुनावी बान्ड का खेल तो हो गया है लैकिन लोक सभा के चुनाव में खिलाड़ी कौन जीतेगा कौन हारेगा यह अभी अतीत के गर्भ है।इसके 4 जुन का इंतजार हमे व आपको करना होगा । विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ‘भारत की राजधानी में दिल्ली, दिलवालों की शहर दिल्ली इन दिनों सम्पूर्ण विश्व के लिए चर्चा व चिन्तन-मनन का केन्द्र बना हुआ। राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय राजनीतिक मनीषियों के मंथन-मैराथन में व्यस्त है।हो भी क्यूँ नही,दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आम चुनाव 2024 का महापर्व आ चुका है।भारतीय राजनीति के बदलते परिपेक्ष में घटती घटना क्रम में कई बाते छन-छन कर बाहर निकल कर आ रही है। चुनावी मौसम के मेले में चुनावी बान्ड का खेल क्या है।लोकतंत्र के इस महापर्व मे राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव में हिस्सा लेने व चुनावी खर्च के लिए अपने अपने श्रोतो से चंदा लेने की पुरानी प्रथा थी।जिसको लेकर समय के साथ नियम व तौर तरीके में बदलाव किये जाते रहे है।भारतीय राजनीति में परिवर्तन का दौर आया,केन्द्र में भाजपा व एन डी ए की सरकार बनी,भाजपा व उसकी सहयोगी दलों की बनी केन्द्र सरकार पर भरोसा जताया पुनः सन् 2019 में भाजपा व एन डी ए की सरकार केन्द्र की सता पर प्रचंड बहुमत के साथआसीन हुई।इस बार कई परिवर्तन की ऐसी आँघीआई जिसमे कई संविधान संशोधन व कानून में आमूल चूल परिवर्तन किया गया।इसमें राजनीतिक दलों द्वारा चंदा लेने की प्रक्रिया में परिवर्तन किया।ताकि राजनीतिक दान देने वाले-चंदा लेने वाले राजनीतिक दलों के मध्य पारदर्शिता हो।लैकिन यर्थाथ की घरातल पर कुछ अलग ही देखने को मिला।जिसका लाभ राष्ट्रीय चुनावी चंदा लेने में भाजपा ने मारी बाजी, जिसने दिया चंदा उसको भरपूर धंधा मिला।

मेघा इंजीनियरिंग एंड इनफ़्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड को दिया गया था कश्मीर से लद्दाख तक की सुरंग बनाने क़ा ठेका। विपक्षी दलों के द्वारा इस संदर्भ में समय-समय पर आरोप लगाया। सन 2024 के लोकसभा का चुनावी वर्ष आ गया।चुनाव आयोग द्वारा लोक सभा चुनावों की घोषणा हो गई।उधर विपक्ष द्वारा चुनावी चंदे-चुनाव बाण्ड का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंची।देश की सर्वोच्य न्यायलय द्वारा देश के सबसे बैक एस बी आई से वस्तुस्थिति जाननी चाही तो भारतीय स्टेट बैक द्वारा गोल मटोल जबाब दिया गया।इस पर सर्वोच्च न्यायलय द्वारा शक्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि एस बी आई चुनाव आयोग को सारी जानकारी तय सीमा के अन्दर उपलब्ध करायें ताकि चुनाव आयोग इसेअपने आधिकारिक वेबसाइट पर चुनावी वाँन्ड का ब्योरा डाले,अन्तोगत्वा ऐसा हुआ – सारी जानकारी सार्वजिक कर द दी गई।इसके बाद ये अब साबित हो चुका है कि लोकतंत्र के चुनावी मेले में चुनावी बान्ड के खेल मे भाजपा को सबसे बडा दूसरे नम्बर पर चंदा देने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इनफ़्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड है।जिसे उसका इनाम उसे भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा भारत सरकार में सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जोजिला टनल को बनाने के रूप में मिला है।चुनावआयोग ने जैसे ही चुनावी बॉन्ड से जुड़ा डेटा शेयर किया हर कोई इसके विश्लेषण में जुट गया है।विपक्षी खेमा के कान खड़े हो गए। आपको बता दें कि चुनावी चंदा पाने वालों में बीजेपी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपये मिले।इसके बाद तृणमूल कांग्रेस को 1,609.50 करोड़ और तीसरे नंबर कांग्रेस को1,421.9 करोड़ रुपये मिले।भारतीय निर्वाचन आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा जारी कर दिया है।वस्तु स्थिति स्पष्ट करने के लिए पिछले घटनाक्रम पर नजर डालते है । सर्व विदित रहे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने12 मार्च को चुनाव आयोग से इलेक्टोरल बॉन्ड संबंधी डेटा उपलब्ध कराया था।चुनाव आयोग की ओर से डेटा जारी करने के बाद हर कोई ये जानना चाहता है कि किस पार्टी को सबसे ज्यादा चुनावी चंदा मिला,वहीं दूसरे और तीसरे नंबर पर कौन है।इस डेटा के मुताबिक, बीजेपी सबसे ज्यादा चुनावी चंदा हासिल करने वाली पार्टी बनी है।बीजेपी को 60 अरब से ज्यादा का चंदा मिला।हालांकि,दूसरे नंबर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस नहीं है।अब आप ये जानना चाहते होंगे कि दूसरे नंबर पर कौन सी पार्टी है।बीजेपी चुनावी बॉन्ड पाने वाली सबसे बड़ी पार्टी है।उसे12अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी,2024 तक 6,060 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।ये भुनाए गए कुल बॉन्ड का 47.5 फीसदी है।दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस(TMC) रही।टीएमसी ने चुनावी चंदे के तहत1,609 करोड़ रुपये प्राप्त किए।उसके बाद कांग्रेस का नंबर रहा,जिसे1,421करोड़ रुपये मिले।इस लिस्ट में अगला नंबर भारत राष्ट्र समिति है।उन्हें 1214 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के तौर पर मिले।इसके बीजू जनता दल है,जिन्हें 775 करोड़ रुपये मिले।बीजेडी के बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम(डीएमके) है,जिसे 639 करोड़ रुपये चुनावी चंदे में मिला।

भारतीय निर्वाचन आयोग(ECI) की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से साझा की गई डिटेल्स के बाद चुनावी बॉन्ड को लेकर यह डेटा जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च तक भारतीय निवार्चन आयोग की वेबसाइट पर इसे सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।एस बी आई ने अपने रिपोर्ट में बताया कि अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 के बीच अलग-अलग राजनीतिक दलों की ओर से 22,217चुनावी बॉन्ड की खरीद और इस्तेमाल पर पूरा डेटा जारी किया है।इस जानकारी को दो हिस्सों में जारी किया गया है।पहले हिस्से में 336 पन्नों में उन कंपनियों के नाम हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदा है और उसकी राशि की जानकारी भी दी गई है।जबकि दूसरे हिस्से में 426 पन्नों में राजनीतिक दलों के नाम हैं और उन्होंने कब कितनी राशि के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए उसकी विस्तृत जानकारी है।यह जानकारी 12 अप्रैल,2019 से11जनवरी, 2024 के बीच की है।सर्व विदित रहे सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड की ख़रीद से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।अदालत ने चुनाव आयोग से इस जानकारी को15मार्च की शाम पांच बजे तक अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया था।जिसके अनुसार बीजेपी ने इस अवधि में कुल 60 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया है।वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है,जिसने16 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया हैl

वहीं सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी फ़्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ है।इस कंपनी ने कुल 1368 बॉन्ड खरीदे,जिसकी क़ीमत13.6अरब रुपये से अधिक रही।चुनाव आयोग की ओर से जारी चुनावी बॉन्ड इनकैश करवाने वालों की लिस्ट में बीजेपी पहले और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस दूसरे नंबर पर है।इस मामले में तीसरे नंबर पर अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति है जिसने14 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है।इसके बाद भारत राष्ट्र समिति ने 12 अरब रुपये और बीजू जनता दल ने 7 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है।स मामले में पाँचवें और छठे नंबर पर दक्षिण भारत की पार्टियां डीएमके और वाईएसआर कांग्रेस(युवासेना)रहीं।सूची में इन पार्टियों के बाद तेलुगु देशम पार्टी,शिवसेना(राजनीतिक दल),राष्ट्रीय जनता दल,आम आदमी पार्टी,जनता दल (सेक्युलर),सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा,नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी,जनसेना पार्टी,अध्यक्ष समाजवादी पार्टी,बिहार प्रदेश जनता दल(यूनाइडेट),झारखंड मुक्ति मोर्चा,’शिरोमणि अकाली दल,ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम,शिवसेना, महाराष्ट्रवादी गोमन्तक पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ़्रेंस,नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी हैं।वहीं सबसे अधिक कीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ के बाद मेघा इंजीनियरिंग एंड इनफ़्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड दूसरे नंबर पर है। फ़्यूचर गेमिंग ने कुल1368 बॉन्ड खरीदे जिनकी कीमत1368 करोड़ रुपये थी।वहीं मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के कुल 966 बॉन्ड खरीदे।इनके बाद जिन कंपनियों ने सबसे अधिक बॉन्ड खरीदे उनमें क्विकसप्लायर्स चेन प्राइवेट लिमिटेड,हल्दिया एनर्जी लिमिटेड,वेदांता लिमिटेड,एसेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड,केवेंटर फूडपार्क इन्फ़्रा लिमिटेड,मदनलाल लिमिटेड,भारती एयरटेल लिमिटेड,यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,उत्कल अलुमिना इंटरनेशनल लिमिटेड,डीएलएफ़ कमर्शियल डेवलेपर्स लिमिटेड, जिंदल स्टील,आईएफ़बी एग्रो लिमिटेड,डॉ.रेड्डी लैबोरेटरीज़ आदि शामिल हैं।

लोक सभा के चुनाव प्रथम चरण के शाथ कुछ राज्यों के विधान सभा के चुनाव होने में कुछ दिन शेष है।केन्द्र मे सता के सिंधासन पर आसीन भाजपा व एन डी ए गठबन्धन की सरकार मोदी जी के आत्म विश्वास पर400 पार,विपक्ष का आत्मघात व जनता है परास्त लुकाछुपी के इस खेल में जनता जर्नादन को निर्णय लेना। लोकतंत्र के चुनावी मेले में, चुनावी बान्ड का खेल तो हो गया है लैकिन लोक सभा के चुनाव में खिलाड़ी कौन जीतेगा कौन हारेगा यह अभी अतीत के गर्भ है।इसके 4 जुन का इंतजार हमे व आपको करना होगा । लोकसभा चुनाव के इस समर क्षेत्र का भले ही चुनाव आयोग द्वारा शंखनाद कर दिया है,वही भाजपा व एन डी ए व काँग्रेस व गठबन्धन व अन्य राजनीतिक दलों द्वारा अपनी अपनी दलों के उम्मींदवारों की जीत के दावे किये जा रहे हो,लेकिन असली तस्वीर आगामी 4 जुन को मतगणना के दिन ही होगा।इसके लिए आप सभी को प्रजातंत्र के महापर्व में अवश्य ही सम्मलित होकर निर्डर होकर अपना मतदान करना होगा तथा अपनों को मतदान के लिए प्रेरित करना होगा।फिलहाल आप सभी यह कहते हुए विदा लेते है।ना ही काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर ।खबरीलाल तो माँगे,सबकी खैर ॥फिर मिलेंगे,तीरक्षी नजर से तीखी खबर के संग,तब तक लिए अलविदा।

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