*भाषण नहीं! राशन दो!! कार्यक्रम आयोजित*
*500-1000 बैंक खाते में देने की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा फोरन जैसा- अवधेश कुमार।*
*भाषण नहीं! राशन दो!! कार्यक्रम आयोजित*
*500-1000 बैंक खाते में देने की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा फोरन जैसा- अवधेश कुमार।*
ठाकुर वरुण कुमार।
पटना::- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने बताया कि “भाषण नहीं! राशन दो!!” नारे को लेकर देश्व्यापी कार्यक्रम के तहत बिहार में जनता का व्यापक समर्थन मिला। लॉक डाउन का पालन करते हुए जन संगठनों के कार्यकर्ता /नेता अपने अपने घरों के बालकनी, दरवाजों, संगठनों के दफ्तरों में खड़े होकर भाषण नहीं! राशन दो!!, “गोदामों में भरा अनाज, फिर क्यों जनता भूखी आज?” जैसे पोस्टर लेकर खड़े होकर नारे लगाएं।
कार्यक्रम का आयोजन सीटू, किसान सभा, खेतिहर मजदूर यूनियन, एडवा, एस. एफ.आई, डी.वाई. एफ.आई के आह्वान पर किया गया।
करोना महामारी के चलते लॉक डाउन का करीब एक महीना पूरा होने को है, जिसके चलते प्रवासी एवं दिहाड़ी मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या मुंह बाए खड़ी है। निम्न मध्यवर्ग, मध्यवर्ग की आर्थिक हालत भी अब चरमरा रही है। प्रवासी मजदूरों के रहने, भोजन एवं स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था नहीं किए जाने के फलस्वरूप हजारों की संख्या में दिल्ली एवं अन्य जगहों से सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर घर पहुंचने के क्रम में ही सैकड़ों मजदूरों की रास्ते में ही मृत्यु हो गई। अनेकों परिवारों मे राशन पानी खत्म होने के चलते आत्महत्या की खबरें भी आ रही है।
केंद्र सरकार के गोदामों में अनाज की कोई कमी नहीं है, लेकिन जरूरतमंदों के घरों तक पहुंचाने में वह असफल हैं। मात्र 500 या 1000 रुपया बैंक खाते में देने की घोषणा भी ‘ऊंट के मुंह में जीरा के फोरण’ के समान है।
पार्टी मांग करती है की –
बिना कोई भेदभाव किए, सभी जरूरतमंदो को 35 किलो अनाज मुफ्त में डी जाय।
प्रवासी, दिहाड़ी, ग्रामीण एवं शहरी गरीबों को प्रति परिवार 7500 रुपया नगद दी जाए।
कोरोना वायरस की जांच की प्रक्रिया में तेजी लाया जाए और जायदा से जायदा लोगों की जांच हो।
सभी स्वास्थ्य कर्मियों को व्यक्ति सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराया जाय।
मजदूरों से 12 घंटे काम लेने की नीति वापस लिया जाय।