लड़ेंगे जीतेंगे! निकलो घर मकानों से जंग लड़ो बेईमानों से,खेत,खेती,गाँव बचाओ

लड़ेंगे जीतेंगे! निकलो घर मकानों से जंग लड़ो बेईमानों से,खेत,खेती,गाँव बचाओजे टी न्यूज, बक्सर: किसान बचाओ, देश बचाओ! की गगन भेदी नारों से चौसा थर्मल का मुख्य गेट क्षेत्र गुंजायमान हो गया। हजारों हजार किसानों का विशाल महापंचायत की शुरुआत राष्ट्रीय किसान नेता श्री राकेश टिकैत ने चौसा किसान आंदोलन की वीरांगना तेतरी देवी को सम्मानित कर धरना की शुरूआत किया। सर्वप्रथम अतिथियों में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत,स्थानीय सांसद श्री सुधाकर सिंह, हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम जी,सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह,बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, किसान नेता दिनेश कुमार और अशोक प्रसाद सिंह,हल्ला बोल के महासचिव प्रशांत कमल सहित अन्य अतिथियों को फूलमाला एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि किसान साल भर किसान रहते है, मगर वोट के समय जातियों में बंट जाते है। किसान अपने को भूल जाते हैं कि किसान है, तब तक किसानों को जिंदगी में खुशहाली नहीं आएगी। उन्होंने कहा किसानों को डरने की जरूरत नहीं है। आप संगठित होकर संघर्ष करो पूरे देश के किसान आपके साथ है। बिहार के बच्चे दिल्ली में अपने को बिहारी कहना पसंद नहीं करते।अपने बच्चों को अपनी मिट्टी से जोड़ो। केंद्र सरकार जी एम बीज के रूप में जहर लाकर हमारे बीच में परोसना चाहती है। उसके खिलाफ पूरे देश में सड़क से संसद तक और न्यायालय तक हम लड़ाई लड़ेंगे। इस अवसर पर स्थानीय सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि जब मैं सांसद नहीं था,उस समय 3000 एकड़ में चौसा थर्मल को बनाने की बात थी। हमने लड़कर उस फालतू जमीन को कारखाना के नाम पर किसानों से छीनने नहीं दिया। उस समय लड़ कर 1100 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने नहीं दिया। सांसद बनने के बाद एक साल के दरमियान कई सहूलियत दिलाई है और बाकी जो सवाल है वह भी आर&आर कमिटी के अंदर संघर्ष कर उसे पूरा करेंगे। उन्होंने कहा डबल इंजन की सरकार विकास के नाम पर रेल और सड़क की बात करती है। यह रेल और सड़क बिहार के विकास के लिए नहीं बल्कि बिहार से सस्ते श्रम और कच्चा माल मुंबई और गुजरात ले जाकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने और फिर अपने उत्पाद को बिहार और बंगाल के बाजारों में बेचकर मुनाफा कमाने के लिए रेल एवं रोड का विकास किया जा रहा है। यह फोरलेन की सड़क आम किसानों मजदूरों के लिए नहीं बनाई जा रही है। अपने चहेते कारपोरेट के माल को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है।किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा चीन ने अमेरिका का कृषि उत्पाद आयात करना कम कर दिया है।इसीलिए ट्रंप सरकार अपने कृषि उत्पाद को भारत के बाजारों में बेचने के लिए भारत सरकार पर लगातार दबाव बना रही हैं।अमेरिका के कृषि उत्पाद का आयात करने हेतु आयात कर को घटाया जाए। मोदी सरकार अमेरिका के गिरफ्त में फंसे अपने अदानी को बचाने के लिए किसानों का गर्दन फंसाने के लिए कृषि उत्पाद को भारत में लाने के लिए सारे रूकावटों को खत्म कर। बेरोक टोक भारत में लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी नीति आयोग लगातार भारत में अमेरिकी कृषि उत्पाद को लाने के लिए लगातार प्रचार अभियान चला रही है। जिससे भारत के किसान तबाह और बर्बाद होंगे। किसानों का एकमात्र सहारा सहकारिता आंदोलन अंबानी अडानी के हाथ में सुपुर्द करने के लिए कोऑपरेटिव को कंपनी में तब्दील करने की साजिश अमित शाह द्वारा चलाए जा रहा है। उन्होंने कहा कहना है वह साफ कहेंगे करना है,वह खुलकर करेंगे, रात के रही थक मत जाना, सुबह का मंजिल दूर नहीं। किसान नेता दिनेश कुमार ने चौसा किसान आंदोलन के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा देश में यह पहली घटना है जब किसानों पर लाठी चलाने वालों के ऊपर मुकदमा हुआ है।कल तक हमारी बारी थी जेल जाने की आज जिला प्रशासन को जेल जाने की बाड़ी आई है। उन्होंने कहा जब तक किसानों को वाजिब मुआवजा नहीं मिलेगा लड़ाई जा रहेगी।हल्ला बोल आंदोलन के नेता अनुपम जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा पहले तो मैं हल्ला बोल की तरफ से आपके बीच आता था,आज तो मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में आपके बीच हूं।आपकी लड़ाई जायज है और आपकी लड़ाई के साथ हम बुलंदी के साथ खड़ा रहेंगे। सभा को संबोधित करते हुए कोऑपरेटिव बैंक आरा बक्सर के अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने किसानों को ललकारते हुए कहा कि आप संघर्ष के रास्ते आगे बढ़ो हम लोग आपके साथ कदम से कदम मिलाकर संघर्ष में सहभागी बनने के लिए तैयार है।बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अखलाक अहमद ने किसानों को ललकारते हुए कहा जब तक किसान जाति और पार्टियों में बंटे रहेंगे, तब तक किसानों का भला नहीं होगा। देश की हुकूमत ऐसे लोग के हाथ में है जो कहते हैं कि हमारे नसों में गर्म सिंदूर बहता है।उनसे पूछना चाहता हूँ कि इंदिरा गांधी ने 1971 में पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया और बांग्लादेश को अलग देश के रूप में स्थापित कर दिया। 95000 पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया। श्रीमती गांधी ने अमेरिकी साम्राज्यवाद के सामने झुकने से इनकार कर दिया। मोदी जी आपके नसों में गर्म सिंदूर बहता है तो आप पाकिस्तान से ब्लूचिस्तान को अलग करके देश को दिखा दिजिए। सभा को प्रो पी के मिश्रा,प्रशांत कमल, सत्येंद्र सिंह, भोला यादव, पशुपति पटेल,सुनील सिंह, राम प्रवेश सिंह, विजय ना राय, घनश्याम चौधरी, मुखिया ममता देवी आदि ने सभा को संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता नंद कुमार राम ने की जबकि मंच संचालन
शिक्षाविद अजय मिश्रा ने की। धरना का मुख् मांगें है।
(1) चौसा थर्मल में आर & आर कमिटी में पुर्व की तरह प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा से कम से कम पांच और राज्य एवं राष्ट्रीय संघर्षरत किसान संगठनों से एक-एक प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
(2) एस टी पी एल चौसा प्लांट के लिए अधिग्रहित लगभग 1064 एकड़ जमीन का आपातकालिक अधिग्रहण का लाभ के साथ भूमि का वर्तमान बाजार दर से चार गुणा मूल्य निर्धारित कर रैयतों को राशि का अविलंब भुगतान किया जाए। (3)एस टी पी एल चौसा हेतु अधिग्रहित भूमि के चलते बेदखल पर्चाधारियों एवं भूमिहीनों को आवास के लिए तत्काल जमीन दिया जाए।
(4) एस टी पी एल कंपनी चौसा में कार्यरत मजदूरों से 8 घंटा काम और बोर्ड द्वारा निर्धारित मजदूरी दर से मजदूरों को मजदूरी की गारंटी तथा ओभरटाईम का डबल मजदूरी दिया जाए।
(5) एस टी पी एल चौसा के लिए भी डी ए सी का गठन अविलंब किया जाए।
(6) एस टी पी एल चौसा हेतु वाॅटर एवं रेल कॉरिडोर के लिए भुमि अधिग्रहण में सिंचित एवं बहुफसला भुमि कम से कम अधिग्रहण किया जाए।
(7) एन टी पी सी नबीनगर में आर & आर पॉलिसी के तहत देय जमीन का प्रति एकड़ निर्धारित वार्षिकी चौसा थर्मल से प्रभावित किसानों को भी भुगतान किया जाए तथा मजदूरों एवं पौनी को 750 दिनों की मजदूरी एक मुस्त भुगतान किया जाए।
(8)एस टी पी एल चौसा में आर & आर पॉलिसी के तहत प्रभावित रैयतों के बच्चों को रोजगार दिया जाए,रोजगार नहीं देने की स्थिति में परिवार के सभी बालिग लोगों को पांच-पांच लाख रुपया एक मुस्त भुगतान किया जाए।
(9) एन एच 319ए के लिए बनारपुर गांव से बाहर कर्मनाशा नदी किनारे से सड़क बनाने हेतु भूमि का अधिग्रहण किया जाए।
(10)एन एच 319 ए के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु जमीन का प्रकृति निर्धारित करते हुए वर्तमान बाजार मूल्य से चार गुणा मूल्य भुगतान किया जाए।
(11) बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहित होने वाली जमीन का प्रकृति निर्धारित कर वर्तमान बाजार दर से चार गुणा कीमत भुगतान किया जाए।

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