*बिहार के दूसरे रेल सुरंग से चलेगी राजधानी एक्‍सप्रेस*

*बिहार के दूसरे रेल सुरंग से चलेगी राजधानी एक्‍सप्रेस*

जेटी न्यूज।

जमालपुर::- बिहार में पूर्व रेलवे के मालदा रेल मंडल स्थित जमालपुर-बरियारपुर स्टेशन के बीच बनकर राज्य की दूसरी रेल सुरंग बनकर तैयार हो गया है। यह सुरंग एक साथ कई सौगात लेकर आएगी। इस रूट से पहली राजधानी एक्सप्रेस चलाने की हरी झंडी मिली है। नए साल से नई सुरंग होकर राजधानी का परिचालन होना। साथ ही इसके बनने से ट्रेनों और मालगाडिय़ों को भी नई गति मिलेगी। नए सुरंग से ट्रेनें 80 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। सुरंग में विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया है। इस माह के आखिरी सप्ताह में मुख्य संरक्षा आयुक्त 24 कोच की ट्रेन दौड़ाकर नए सुरंग की जांच करेंगे। मुख्य संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के एक सप्ताह बाद ओके रिपोर्ट पूर्व रेलवे मुख्यालय और मालदा रेल मंडल को भेज दी जाएगी। दोनों दिशाओं की ट्रेनें अलग-अलग ट्रैक से चलेंगी। अभी तक एक सुरंग होने के कारण लगभग तीन किमी तक अप और डाउन दिशा की ट्रेनों का परिचालन एक ही लाइन से किया जा रहा है।

मालदा मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने बताया कि नई रेल सुरंग चालू होने से रेल विकास को नया पंख लगेगा। सुरंग पूरी तरह बनकर तैयार है। दरअसल, इस रूट से राजधानी एक्सप्रेस चलाने की मांग कई वर्षों से चल रही थी। स‍िंगल लाइन और सुरंग की पेच से राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन शुरू नहीं हो रहा था। अब सभी बाधाएं दूर होने के बाद राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन की सहमति मिल गई।

मालदा से किऊल के बीच 276 किमी रेलवे ट्रैक पूरी तरह दोहरीकरण हो गया है। जमालपुर से रतनपुर तक ङ्क्षसगल लाइन पर ही दोनों दिशाओं में एक ही लाइन से दोनों दिशाओं की ट्रेनें चल रही है। एक सुरंग होने के कारण इतनी दूरी का डबल लाइन का काम रूका था। नई सुरंग बनने के बाद यह बाधाएं दूर हो गई। अब मालदा-किऊल रेलखंड पूरी तरह दोहरीकरण हो गया है। मुख्य संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण रिपोर्ट के बाद नए सुरंग से परिचालन शुरू हो जाएगा।

बिहार का पहला सुरंग भी जमालपुर में ही है। पुराने सुरंग के पास ही नए सुरंग का निर्माण हुआ है। नए रेल सुरंग में आस्ट्रेलिया की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। रेलवे के इंजीनियर ने कहा कि नए सुरंग पहले की सुरंग से अलग बनाया गया है। इसकी डिजाइन भी अलग है। सुरंग के ऊपरी और चारों तरफ के हिस्सों को नया लुक दिया गया है। सुरंग के दोनों ओर बड़ी आबादी है। लोग सुरंग होकर ही आना-जाना करते हैं। पुराने सुरंग की चौड़ाई कम होने से लोगों को दिक्कत होती है। ऐसे में नए सुरंग में पैदल चलने के लिए दोनों तरफ से छह-छह फीट का रास्ता भी दिया गया है, सुरंग से गुजरते वक्त कोई ट्रेन भी आ जाए तो दिक्कत नहीं होगी।

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