*सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत १२७ गर्भवतियों महिलाओं की हुई जाँच। चंदन चौधरी की रिपोर्ट, मुजफ्फरपुर बिहार। सब पे नजर सब की खबर, हर खबर के लिए:- 8709017809, W:- 9431406262, 9470616268 पर संपर्क करें।*

 

चंदन चौधरी की रिपोर्ट,
मुजफ्फरपुर बिहार।

मुजफ्फरपुर:- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत सोमवार को सदर अस्पताल में 127 गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क जाँच की गयी, साथ ही जाँच के माध्यम से उच्च जोख़िम वाली गर्भवतियों महिलाओं को चिन्हित भी किया गया और विशेष सलाह भी दीया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ० रश्मि रेखा ने बताया कि प्रत्येक महीने की 9 वीं तारीख को जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला अस्पताल पर गर्भवती महिलाओं को गुणवत्ता पूर्ण प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। लेकिन 9 तारीख रविवार या छुट्टी होने पर यह जांच सोमवार या अवकाश के दूसरे दिन को होती है। इस मौके पर सदर अस्पताल में भी निशुल्क जाँच और सलाह दी जाती है। इसमें उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जाँच, मधुमेह एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जाँच कीया गया, साथ ही जाँच में एनीमिक महिला की पहचान किये जाने पर आयरन फोलिक एसिड की दवा देकर इसका नियमित सेवन करने की सलाह दी गयी है। आज गर्भवतियों महिलाओं के पोषण पर विशेष जानकारी देने के लिए डाइटीसीयन भी सम्मिलित हुई।
राज्य स्वास्थ समिति से आई डॉ० ने बताया कि बेहतर पोषण ही गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जाँच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी गयी है।, हरी साग- सब्जी, दूध, सोयाबीन, फ़ल, और असानी से मिलने वाले हर पोषित आहार को खाने मे सम्मिलित करने की बात कही। गर्भावस्था के आखिरी दिनों वाली महिलाओं को दिन में कम से कम चार बार खाना खाने की भी सलाह दी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती है और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है। उच्च जोख़िम गर्भधारण से बचाव है जरुरी:- गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जाँच प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लाता है। गर्भावस्था में 7 ग्राम से खून का कम होना, मधुमेह का होना, अत्यधिक वजन का कम होना, पूर्व में सिजेरियन प्रसव का होना, उच्च रक्तचाप की शिकायत होना इत्यादि उच्च जोख़िम गर्भधारण की पहचान होती है। सबसे अधिक मातृ मृत्य दर इसके ही करण होती है। इससे बचाव के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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