भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चम्पारण जिला कमिटी की बैठक बेतिया पार्टी कार्यालय में सम्पन्न

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चम्पारण जिला कमिटी की बैठक बेतिया पार्टी कार्यालय में सम्पन्न

जे टी न्यूज़

बेतिया:-भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चम्पारण जिला कमिटी की बैठक बेतिया पार्टी कार्यालय रिक्शा मजदूर सभा भवन में हुई । बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य सचिवमंडल सदस्य का. प्रभुराज नारायण राव ने बताया कि आज देश में भाजपा और आर एस एस की सरकार चल रही है । आजादी के 75 वीं साल को अमृत महोत्सव के रुप में मनाया जा रहा है । हमें आजादी के उत्सव को बड़े पैमाने पर मनाना है । हर पार्टी और जन संगठनों के ब्रांचों में 15 अगस्त को राष्ट्रीय झण्डा फहराना है ।

हमारी पार्टी के नेताओं की आजादी की लड़ाई में बड़ी भूमिका रही है । माकपा की प्रथम पोलित ब्यूरो की नव सदस्यीय नेताओं को नवरत्न के रुप में जाना जाता है । जिसके सभी नेताओं ने आजादी की लड़ाई में गिरफ्तारियां दी तथा कालापानी की सजा को झेला है । का. हरकिशन सिंह सुरजीत ने पंजाब के होशियारपुर जिला कलेक्ट्रेट पर अंग्रेजी झण्डा को उतार कर तिरंगा झण्डा को फहराया और गिरफ्तारियां भी दी । उन्होंने कोर्ट के सामने अपना नाम लंदनतोड़ सिंह बताया था । 17 साल जेल जीवन बिताने वाले का. ए के गोपालन ने जेल में ही अंग्रेजी झण्डा उतार कर तिरंगा झण्डा फहराया था । का. बी टी रणदिवे , का. पी सुन्दरैया , का. ई एम एस नंबूदीरीपाद , का. पी राममूर्ति , का. ज्योति बसु , का. एम बासवपुनैया , का. प्रमोद दास गुप्ता ने ब्रिटिश हुकूमत से लड़ने में जेलों में जीवन बिताया । भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के सहयोगी रहे का. शिव वर्मा कालापानी की सजा पूरा करने के बाद अंडमान निकोबार सेल्युलर जेल से लौटने पर बताया कि अंडमान निकोबार सेल्युलर जेल के बंदियों ने निर्णय लिया की सजा पूरा होने के बाद वापस लौटने पर सभी लोग कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होंगे ।मेरठ कांसीप्रेसी केस , कानपुर कांसीप्रेसी केस , लाहौर कांसीप्रेसी केस में , सहारनपुर कांसीप्रेसी केस सिर्फ कायूनिस्ट नेताओं पर कर के गिरफ्तारी और यातनाएं दी गई । 1934 में भयभीत हो अंग्रेजों ने कम्युनिस्ट पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया । उस दौर में हजारों कामरेड की गिरफ्तारियां की गई ।

 


ठीक इसके विपरित आर एस एस और भाजपा के लोग अंग्रेजों की चाटुकारी कर रहे थे । आजादी की लड़ाई में एक कतरा खून तक नहीं बहाया । महात्मा गांधी द्वारा 1930 में हर घर पर तिरंगा झण्डा फहराने की घोषणा की गई तो आर एस एस के लोगों ने उसका बहिष्कार किया था । जब 1946 में तिरंगा झण्डा को राष्ट्रीय मान्यता दी जा रही थी तो आर एस एस के अंग्रेजी अखबार ऑर्गनाइजर में गोलवरकर ने लिखा की राष्ट्रीय झण्डा भगवा होना चाहिए । 1950 के बाद 52 साल बाद 2002 में संघ कार्यालय में झण्डा फहराया था । बैठक में जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव ने जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । जिसपर का. विजय नाथ तिवारी , रामा यादव , प्रभुनाथ गुप्ता , म. हनीफ ,

शंकर कुमार राव , नीरज बरनवाल , प्रकाश वर्मा , महफुज राजा , सुशील श्रीवास्तव , जगरनाथ प्रसाद यादव , म. वहीद आदि साथियों ने अपने विचारों को रखा । बैठक में निर्णय लिया गया कि किसान , खेत मजदूर , छात्र तथा नौजवानों के संगठन को मजबूत बनाया जाय तथा सभी संगठनों का जिला सम्मेलन जल्द किया जाय । सभी जगहों पर राष्ट्रीय झण्डा 15 अगस्त को फहराया जाय ।
5 सितंबर को दिल्ली किसान , मजदूरों के कन्वेंशन में यहां से साथी भाग लेंगे ।

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