जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने किया आंदोलन का ऐलान धरना से करेंगे शुरुआत रेल रोकने से लेकर बिहार बंदी तक की शंखनाद

जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने किया आंदोलन का ऐलान धरना से करेंगे शुरुआत रेल रोकने से लेकर बिहार बंदी तक की शंखनाद

कहा- 2024 का चुनाव जीतने के लिए मोदी सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी नेताओं को कर रही परेशान

शिक्षक नियमावली पर नीतीश सरकार से पुनर्विचार करने की मांग

पप्पू यादव ने कहा- पुलवामा अटैक की सुप्रीम कोर्ट के जजों की समिति से कराई जाए जांच
जे टी न्यूज़


पटना : जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के सुप्रीमो पप्पू यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीन मुद्दों पर चरणबद्ध आंदोलन चलाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 2024 का लोकसभा चुनाव व कर्नाटक का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग करते हुए विपक्ष के नेताओं पर लगातार हमले करा रही हैं। ममता दीदी, स्टालिन, उद्धव ठाकरे, राहुल गांधी, राजद परिवार के बाद अब अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाया जा रहा है। दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर जिसका राज होता है वही देश पर राज करता है। मोदी सरकार ने अरविंद केजरीवाल के मंत्री को जेल भिजवाया और अब अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाया जा रहा है। ललित मोदी वैश्य हैं तो क्या अरविंद केजरीवाल वैश्य नहीं हैं? अमित शाह और मोदी को वैश्य क्यों नहीं पच रहे? पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को डर है कि अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी अगर साथ हो गए तो हम दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाएंगे। राहुल को जिस ढंग से सजा करवाई गई वह अलोकतांत्रिक है। इस मुद्दे पर हमारी पार्टी आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।

पप्पू यादव ने कहा कि दूसरा मुद्दा पुलवामा अटैक का मामला है। भाजपा नेता कह रहे है कि दोबारा पीएम बनने के लिए इतने सैनिकों की शहादत ली गई। सर्वोच्च न्यायालय के जजों की चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यों की समिति गठित कर पुलवामा अटैक की जांच होनी चाहिए। पुलवामा में आरडीएक्स कहां से आया? आतंकी कहां से आए, जिन्होंने इस कांड को अंजाम दिया? एक भी आतंकी नहीं पकड़ा गया। मोदी जी अपने ही पूर्व गवर्नर के द्वारा पुलवामा पर उठाए गए सवालों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के द्वारा इसकी जांच कराएं। आज तक क्यों इस मुद्दे पर कोई श्वेत पत्र तक नहीं लाया गया?

पप्पू यादव ने कहा कि तीसरा मुद्दा बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों के संबंध में है। शिक्षकों की नियुक्ति की नई नियमावली लाने से पहले राज्य सरकार को इन शिक्षकों के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता करनी चाहिए थी। हम शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर सरकार से पुनर्विचार करने की मांग करते हैं। शिक्षकों की परीक्षा लेने का निर्णय कहीं से भी उचित नहीं है। आज आईएएस से भी परीक्षा दिलवाई जाए तो वह भी एग्जाम पास नहीं कर सकते। रिटन एग्जाम ही लेना था तो पहले लिए होते। आज अगर शिक्षक फेल होते हैं तो उनके सम्मान को ठेस लगेगी, बिहार के सम्मान को ठेस लगेगी। अतः नीतीश सरकार शिक्षक नियोजन नियमावली पर पुनर्विचार करे। आंदोलन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि इसकी शुरुआत पटना में एक दिवसीय धरना से करेंगे। इसके बाद पूरे बिहार में उनकी पार्टी पुतला दहन करेगी। इस क्रम में तीसरे चरण में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समक्ष उपवास पर बैठेंगे। फिर पूरे बिहार में उपवास का कार्यक्रम होगा। उसके बाद पूरे बिहार में रेल रोकेंगे और उसके बाद बिहार बंद कराएंगे। अब यह आर या पार की लड़ाई होगी। प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव राजेश पप्पू, पूर्व विधायक भाई दिनेश मौजूद थे.

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