सफलता को प्राप्त करने के लिए व्यक्तित्व को कैसे सुधारें – मेजी़ क्लैन्सी तायडे, फ्रीलांसर

सफलता को प्राप्त करने के लिए व्यक्तित्व को कैसे सुधारें – मेजी़ क्लैन्सी तायडे, फ्रीलांसर


जे टी न्यूज़, मेरठ(उत्तर प्रदेश) : सफलता को प्राप्त करने के लिए व्यक्तित्व को कैसे सुधारें? यह प्रश्न आज प्रत्येक उस युवा के लिए चुनौती बना हुआ है, जो अपना जीविका के साधनों को पाने के लिए प्रयासरत है। डॉ नंदकिशोर साह द्वारा सफलता का सोपान इंटरव्यू पुस्तक ऐसे ही युवकों व युवतियों की सहायता के प्रयत्न स्वरूप लिखी गयी है। इसमें सफलता का कोई अचूक सूत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है, क्योंकि ऐसा कोई सूत्र है ही नहीं। वास्तव में यह पुस्तक सभी वर्ग के पाठकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सभी पाठकों को प्रोत्साहित करती है कि वह अपने निजी विश्वास, धारणा और आचरणों का मूल्यांकन करें। यद्यपि उद्देश्य प्राप्ति के लिये लिखे गये ये अध्याय महत्वपूर्ण एवं आवश्यक हैं और मौलिक परिस्थितियों व त्रुटियों से हमें अवगत कराते हैं। सफलता पाने के “छोटे रास्तों“ से बचकर सकारात्मक प्रयासों को करना ही सफलता प्राप्त करने का रहस्य है। इस पुस्तक की रचना उपरोक्त विषय पर आधारित अधिकतर प्रश्नों का उत्तर देती प्रतीत होती है। इसे लिखने का विशेष उद्देश्य यह है कि आप स्वयं पर भरोसा रखें। सफलता की न तो कोई रूपरेखा बनायी जा सकती है और न ही इसे क्रमबद्ध किया जा सकता है। जो व्यक्ति असफलता से संतुष्ट होने का दावा करता है वह अपरिपक्व है।सफलता की मूल विशेषता यह है कि वह आवश्यक रूप से हमारे जीवन और हमारी आत्मा की परिशुद्धता पर आधारित होती है। यह पुस्तक हमें यह समझने में सहायता करती है कि हमें तबतक तलाश और प्रयास नहीं छोड़ने चाहिए जबतक हम संतुष्ट न हो जायें। यह पुस्तक संघर्षरत युवक युवतियों का मार्गदर्शन करती है और लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों व प्राप्त शिक्षा से सुसज्जित है। इसमें लेखक द्वारा परिस्थितियों और व्यक्तित्वों का बारीक अवलोकन स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होता है।


लेखक द्वारा मानसिकता व मनोदशा का स्पष्ट अंतर प्रदर्शित किया गया है और एक सधी हुई प्रतिक्रिया कैसे हमारी सफलता का मुख्य बिंदु हो सकता है वह भी दर्शाया गया है। सामान्य धारणा यही है कि सफलता पाना कठिन है। इसके विपरीत यह सोचा जाना चाहिए कि इसे कैसे प्राप्त किया जाये? लेखक इस पुस्तक के माध्यम से यही समझाने का प्रयास करता प्रतीत  होता है कि सफलता एक चरणबद्ध, संयोजनात्मक प्राप्ति है।प्रसन्नता की बात यह है कि इसके सभी पाठ बहुत ही व्यवहारिक तथा नैतिक अनुशासन से सराबोर हैं। मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस पुस्तक को पढ़िए। विचार कीजिए, अनुपालन कीजिए और चुनौती को पूर्ण सकारात्मकता के साथ स्वीकार कीजिए। मुझे आशा है कि इस पुस्तक से सफलता प्राप्ति में अत्यधिक सहायता मिलेगी। परमेश्वर से प्रार्थना है कि यह पुस्तक आपके मन को न केवल ज्ञान और जानकारी दे अपितु यह आपके व्यक्तित्व को और भी जागृत व समाज के लिए लाभकारी बना सके।

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