सम्बल योजना के तहत दिव्यागजनो की योजना है- जिलाधिकारी

सम्बल योजना के तहत दिव्यागजनो की योजना है- जिलाधिकारी

जे टी न्यूज़, गया :दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने, उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं उन्हें विकास के समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से 3 दिसम्बर को सम्पूर्ण विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाता है । बिहार सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण एवं उन्हें स्वाबलंबी बनाने हेतु अनेक योजनाएँ एवं कार्यक्रम चला रही है। दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उनके लिए कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण एवं बैट्री चालित ट्राईसाईकिल वितरण तथा विशेष विद्यालय जैसी कल्याणकारी योजनाएँ संचालित हैं ।

इसके साथ ही बिहार सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने वाली आधारभूत सुविधाओं पर सक्रियता से काम कर रही है ताकि उनके लिए समानता और पहुँच के अवसर उपलब्ध हो सके अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ के अवसर पर ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने दिव्यांगजनों को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि जो दिव्यांगगण अब तक योजना से वंचित है। वह जिले में स्थित सामाजिक सुरक्षा कोषांग में आवेदन कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर जिला पदाधिकारी ने गया जिले के दिव्यांगजन के हित में सरकार की कल्याणकारी योजना के तहत दिए गए लाभ के बारे में बताया है कि सम्बल योजना के तहत पिछले 1 साल में जिले के 24 प्रखंड में कुल 233 साधारण ट्राई साइकिल, 10 बैसाखी, 22 व्हीलचेयर, 03 ब्लाइंड स्टिक एव 21 कान का आला जरूरतमंदों के बीच निशुल्क वितरण किया गया है। सम्बल योजना का लाभ लेने के लिए वैसे दिव्यांग गण जो 40% तक दिव्यांग है तथा उनकी आय प्रमाण पत्र 01 लाख रुपया वार्षिक है। वे अपने दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आधार कार्ड के साथ आवेदन पत्र अनुमंडल कार्यालय या जिला सामाजिक सुरक्षा कार्यालय में जमा कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छत्र योजना अंतर्गत संचालित सम्बल योजना के तहत बैटरी संचालित ट्राई साइकिल का लाभ लेने के लिए पात्रता रखने वाले वाले लोगों को हर संभव मदद किया जा रहा है इसमें मुख्य रूप से 60% से ऊपर वाले दिव्यांगजन को मोटराइज्ड साइकिल देने का प्रावधान है। इसके अलावा 60% दिव्यांगजन वाले वैसे छात्र-छात्राएं जिनका अवासान बिहार राज्य स्थित महाविद्यालय या विश्वविद्यालय परिसर से 3 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर हो अथवा वैसे दिव्यांगजन जो स्वावलंबन के उद्देश्य से बिहार राज्य में अपना रोजगार करते हैं।परिवार के कमाओ सदस्य हो एवं उनके आवास से उनका रोजगार स्थल 3 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर हो साथ ही बिहार राज्य के स्थाई निवासी हो इसके अलावा दिव्यांगजन का अधिकतम वार्षिक आय 2 लाख रुपया तक हो। गया जिले मैं पिछले 1 वर्ष में 291 दिव्यांग जनों के बीच मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरण किया गया है। जिम सबसे ज्यादा गया टाउन के अंतर्गत 60, बेला में 30, मानपुर में 34, खिजर सराय 27, बोधगया में 24 शामिल है।बिहार राज्य निशक्तता पेंशन योजना के तहत भी गया जिले में 39672 दिव्यांग जनों को प्रति महीने ₹400 पेंशन के रूप में उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल मिलने के बाद दिव्यांगों के जीवन में आए सुखद परिवर्तन। बबीता कुमारी, पिता मुरारी प्रसाद ग्राम करमौनी प्रखंड डोभी जो स्नातक की छात्रा है और इनका दिव्यंगता 85% है। इनका व्यवसाय ट्यूशन पढ़ना है। इन्होंने बताया कि इन्हें ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से 4 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। इस कारण इन्हें भारी समस्या का सामना करना पड़ता था। पूर्व में यह हाथ से चलाये जाने वाले तिनपहिया ट्राई साइकिल से जाती थी जिसमें बहुत ज्यादा थक जाती थी। पहुंचने में भी विलंब होता था। पर मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल मिलने के बाद उनके जीवन में सुखद परिवर्तन आया है। अब यह बहुत कम समय में गंतव्य पर पहुंच जाती हैं समय भी बचता है और ट्यूशन की संख्या भी बढ़ जाने के कारण आय भी बढ़ गई है। दिलीप विश्वकर्मा, पिता रामचंद्र मिस्त्री, ग्राम कुंडल प्रखंड बांके बाजार इनका दिव्यंगता 80% है। इनका व्यवसाय दुकान है। इन्होंने बताया कि घर से उनकी दुकान 3 किलोमीटर की दूरी पर थी। घर से दुकान पहुंचने में बहुत समय लगता था। हाथ से खींचे जाने वाला तीन पहिया मिला था, पर उसमें थकान भी बहुत आती थी। मोटर युक्त तीन पहिया मिलने के बाद से इनका जीवन बदल गया है। अब यह दुकान समय पर तो पहुंचते ही हैं साथ मे दुकान की सामग्री भी स्वयं क्रय कर ले आते हैं। दूसरों पर निर्भरता तो घटी है इसके साथ मे इनकी आय में वृद्धि भी हुई है।

Pallawi kumari

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