शतरंज के खेल में जीतने वाले जिंदगी में भी होते हैं बाजीगर:- उप-खेल पदाधिकारी, प्रो. अमृत कुमार झा

शतरंज के खेल में जीतने वाले जिंदगी में भी होते हैं बाजीगर:- उप-खेल पदाधिकारी, प्रो. अमृत कुमार झा

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चलें, बोलें प्रधानाचार्य

 

महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, दरभंगा में तीन दिवसीय अंतर महाविद्यालय शतरंज प्रतियोगिता 2023-24 का हुआ समापन

पुरुष वर्ग में गणेश दत्त महाविद्यालय, बेगूसराय के अभिषेक रंजन व महिला वर्ग में महिला महाविद्यालय, समस्तीपुर की सिद्धि कुमारी बनी विजेता

 

जे टी न्यूज, लनामिवि दरभंगा:- आज दिनांक 5 दिसंबर 2023 को स्थानीय महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, दरभंगा में तीन दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता का समापन समारोह प्रधानाचार्य प्रो. शंभू कुमार यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।*

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रधानाचार्य प्रो. शंभू कुमार यादव ने कहा कि सबसे पहले अंतर महाविद्यालय शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को मैं बधाई देता हूँ। जीतने वाले प्रतिभागियों को मेरी ओर से शुभकामनाएं कि जीवन में इसी तरह निरंतर आगे बढ़ते रहे और हारने वाले खिलाड़ियों को मनोबल देता हूँ कि मिर्जा अजीम बेग साहब अजीम फरमाते हैं कि गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चलें। इसीलिए अभी आप नौजवान हैं। अभी डरना नहीं लड़ना है और खेलना है। खेल का परिणाम क्या होगा या तो जीत होगी या फिर हार होगी लेकिन दोनों तो खेल के ही दो पहलू हैं। अब तो समय काफी बदल गया है। पहले कहा जाता था कि खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब। अब इतनी टेक्नालॉजी और जागरूकता आ गयी है कि अब नई परिभाषा गढ़ दी गयी है कि खेलोगे-कूदोगे बनोगे नवाब। आप देखते हैं कि भारत ही नहीं विदेशों में भी खिलाड़ियों को कितना नाम, पद, पैदा और प्रतिष्ठा मिलता है। इसीलिए अब खेल में भी करियर है, आप इसे चुनकर भी आगे बढ़ सकते हैं। हमारी ओर से आप सब जीते व हारे हुए खिलाड़ियों को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ कि आप आगे भी भाग लेते रहे और अपने बेहतर प्रदर्शन से मिथिला विश्वविद्यालय का नाम रौशन करते रहें।*

 

बतौर मुख्य अतिथि मिथिला विश्वविद्यालय के उप-खेल पदाधिकारी अमृत कुमार झा ने कहा कि शतरंज खेल की एक ऐसी सर्वोच्च विधा है जिसे सदैव से सम्मान के खेल के रूप में वर्ल्ड में जाना जाता है। यह माइंड वालों का खेल है। शतरंज के विधा में निपुण खिलाड़ी वास्तविक जीवन में भी गेम चेंजर होते हैं। जो शतरंज के खेल में निपुण हो जाता है, असल जीवन में भी वही बाजीगर होता है और जीवन के हर चुनौती का अच्छे तरीके से सामना करना जानता है। इसीलिए शतरंज हर किसी को खेलना चाहिये। यह खेल बताता है कि आप लाख परेशानियों में घिरे होने के बावजूद अपने सभी काम को स्मार्ट तरीके से करना सीख जाते हैं। मिथिला विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रो. सुरेंद्र सिंह सर मिथिला विश्वविद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिये प्रतिबद्ध हैं। अभी हाल ही में आपने देखा है कि सक्षम व दूरदर्शी सोच के माननीय कुलपति महोदय प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह सर ने प्रोत्साहित टीमवर्क के बदौलत नैक में B++ ग्रेड दिलाकर पूरे सूबे में मिथिला विश्वविद्यालय को सर्वोच्च स्थान पर काबिज करा नजीर पेश कर दिया है। खिलाड़ियों को वो हर सुविधा दे रहे हैं। उनका एक ही सपना है कि मिथिला विश्वविद्यालय हर क्षेत्र में राज्य व देश स्तर पर अपना बेहतर परफार्मेंस प्रस्तुत करें। इसीलिए आपसभी को किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी जायेगी। अपने खिलाड़ियों को तराशने व निखारने के लिये हम अपनी ओर से प्रतिबद्ध हैं। आप सभी को हमारी ओर से ढ़ेर सारी बधाई व शुभकामनाएं।इसके बाद पुरुस्कार वितरण समारोह शुरू किया गया। मुख्य चयनकर्ता डॉ. सरिता कुमारी व साकेत कुमार चौधरी ने महिला वर्ग में प्रथम पुरस्कार विजेता के रूप में महिला महाविद्यालय, समस्तीपुर की सिद्धि कुमारी, द्वितीय पुरुस्कार उप-विजेता के रूप में कुंवर सिंह महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा की जेबा प्रवीण को, तृतीय पुरुस्कार महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा की कशिश मिश्रा को, चतुर्थ पुरुस्कार विश्वविद्यालय इंग्लिश विभाग के प्रथम सेमेस्टर की छात्रा साक्षी प्रिया को, पंचम पुरुस्कार महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, दरभंगा की निक्की कुमारी को व षष्टम पुरुस्कार मिल्लत महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा की सबाना प्रवीण को मिला। वहीं पुरूष वर्ग में प्रथम पुरस्कार विजेता के रूप में गणेश दत्त महाविद्यालय, बेगूसराय के अभिषेक रंजन को, द्वितीय पुरुस्कार उपविजेता के रूप में गणेश दत्त महाविद्यालय, बेगूसराय के शुभम कुमार को, तृतीय पुरुस्कार कुंवर सिंह महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा के अमित कुमार को, चतुर्थ पुरुस्कार कुंवर सिंह महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा के सुमंत सिंह को, पंचम पुरुस्कार चंद्रधारी मिथिला विज्ञान महाविद्यालय, दरभंगा के रणधीर कुमार को व षष्टम पुरुस्कार चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय, दरभंगा के रितिक कुमार को मिला।*

समापन समारोह में अंतर महाविद्यालय शतरंज प्रतियोगिता 2023-24 के आयोजन सचिव डॉ. विजय शंकर झा, आब्जर्वर मनीष राज सहित महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, दरभंगा के डॉ. शौकत अंसारी, डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. संजय कुमार झा व डॉ. शत्रुघ्न मिश्र, चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय, दरभंगा के डॉ. शमसाद अली, महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा के डॉ. चंदन ठाकुर, राम कृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी के डॉ. महेंद्र नाथ महान व आचार्य नरेंद्र देव महाविद्यालय, शाहपुर पटोरी व समस्तीपुर के डॉ. श्याम लाल सिंह उपस्थित थे। मंच संचालन महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार सिंह जबकि धन्यवाद ज्ञापन बर्सर डॉ. अनिल कुमार चौधरी ने किया।*

Pallawi kumari

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