भूकंप से नहीं मरते बल्कि कमजोर मकानों से होती है मौतें –जिलाधिकारी  

भूकंप से नहीं मरते बल्कि कमजोर मकानों से होती है मौतें –जिलाधिकारी

आपदा प्रबंधन विभाग 15 से 21 जनवरी तक मनाया रहा है भूकम्प सुरक्षा सप्ताह

 

जे टी न्यूज, मधुबनी : जिला आपदा प्रबंधन विभाग, मधुबनी के तत्वाधान में भूकम्प सुरक्षा सप्ताह 15 से 21 जनवरी 2023 तक मनाया जा रहा है। इस दौरान एसडीआरएफ की टीम द्वारा जिले के विभिन्न स्थलों पर जाकर अधिकारियों, कर्मियों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं आमजनों को भूकम्प से बचाव को लेकर विस्तृत जानकारी दी जा रही है तथा मॉक ड्रिल भी कराया जा रहा है।

इसी कड़ी में एसडीआरएफ की टीम द्वारा समाहरणालय मधुबनी एवं रेलवे स्टेशन मधुबनी के परिसर में भूकम्प से बचव की जानकारी दी गई एवं मॉकड्रिल भी कराया गया। भूकम्प से पूर्व,भूकम्प के समय एवं भूकम्प के बाद बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा पूर्व तैयारी एवं बचाव की पूरी जानकारी के द्वारा ही हम आपदा के प्रभाव को काफी कम कर सकते है। उन्होंने कहा कि भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के तहत जिले के अधिक से अधिक लोगो को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि भूकम्प आपदा के समय किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि लोक भूकंप से नहीं मरते बल्कि कमजोर मकानों के ढहने से मरते हैं । जानकारी के अभाव में मकानों की मजबूती नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि जब पूरे मकान को एक मजबूत बक्से की तरह बनाते हैं खड़ी दिशा में नींव से छत और पड़ी दिशा में सभी दीवारों को बांध देते हैं तो पूरा मकान एक साथ डोलता है कोई भी अंग अलग नहीं हो पाता है।उन्होंनेकहा की जानकार इंजीनियर से प्राप्त डिजाइन के अनुसार ही पिलर के ऊपर मकान बनाना चाहिए। उन्होंने कहां की इस संबंध में जिले के राज में स्त्रियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।उन्होंने कहा की आपदा प्रबंधन विभाग भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के तहत बेहतर तरीके से प्रशिक्षण, मॉक ड्रिल कराएं।

एसडीआरएफ की टीम के द्वारा भूकम्प से बचाव के लिए क्या करे, क्या न करें के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि मधुबनी जिला भूकंपीय क्षेत्र 05 के अंतर्गत आता है। इसलिए यहां भी भूकम्प से बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, की जानकारी होनी ही चाहिए।

उनके द्वारा बताया गया कि भूकम्प से पहले झुको, ढ़को और पकड़ो, भूकम्प के समय मजबूत टेबुल या ऊंचे पलंग के नीचे छिप जाएं, गिरने वाले चीजों से दूर रहें, कमरे के अंदरूनी कोने के पास रहें, यदि सिनेमा घर/मॉल/अपार्टमेंट/कार्यालय में हों, तो अपनी जगह पर शांत रहें, झटका रूकने पर, क्रम से बाहर निकलें। उनके द्वारा बताया गया कि भूकम्प के बाद गैस सिलिन्डर बन्द करें, विद्युत मेन स्वीच ऑफ करें, बिजली पोल, विज्ञापन बोर्ड, पेड़ से दूर रहें, लिफ्ट का उपयोग न करें।

 

उनके द्वारा बताया गया कि भूकम्प के समय अपने आसपास सुरक्षित स्थानों की पहचान कर लें एवं कमरे के अंदरूनी किनारे के पास रहें। गिरने वाली चीजों से दूरी बनाए रखें, सिर को पहले बचाएं। बिजली पोल, निर्माणाधीन मकान, पेड़, टेलीफोन खंभे के पास न जाएं एवं भगदड़ की स्थिति में बिल्कुल न आएं।

 

इस क्रम में बताया गया कि भूकम्प के दौरान कमजोर मकानों के ढ़हने से जान-माल की क्षति होती है, इसलिए भूकम्परोधी मकान बनायें। इस दौरान कुछ बातों का अनुपालन करना आवश्यक है। निर्माण हेतु बालू एवं गिट्टी को पॉलिथीन शीट से ढ़क कर रखें। ईंट को जोड़ने से पहले 04 से 06 घंटे तक साफ पानी में डुबा कर रखें। दीवारों के जोड़ पर, बैंड में छड़ को सही तरीका से बांधें। दो ईंटों के बीच 10 से 12 एमएम का गैप रखें, गैप में पूरा-पूरा मसाला भरें। स्टील छड़ों को कंक्रीट के अंदर छुपाने के लिए, छड़ों के नीचे कभर ब्लॉक लगायें। कंक्रीट में पानी की उचित मात्रा को गोला बनाकर जांच लें।

मॉक ड्रिल के दौरान स्टेप 01 से लेकर स्टेप 08 तक की विस्तृत जानकारी यथा-अलार्म, ड्रॉप, कभर, होल्ड, निकास, एकत्रित होने के लिए सुरक्षित स्थल, गिनती, खोज, बचाव, फर्स्ट एड, अंतिम गिनती, पीड़ित व्यक्ति को एंबुलेंस/अस्पताल तक पहुंचाना आदि से अवगत कराया गया।प्रशिक्षण के उपरांत मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया,जिसमे जिलाधिकारी सहित सभी अधिकारियों,कर्मियों एवं आम जन ने भाग लिया। उक्त अवसर पर एडीएम आपदा संतोष कुमार,डीपीआरओ सह प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन विभाग,परिमल कुमार, सहित कई अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

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