ई. मनोज झा ने उठाए बिहार में बढ़ते अपराध पर गंभीर सवाल, नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था पर साधा निशाना”
सिकटी ।
बिहार में अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, और राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में दो एएसआई अधिकारियों की हत्या की घटनाओं ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल उठाए हैं। इस पर महागठबंधन के कद्दावर नेता और समाजसेवी ई. मनोज झा ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया है और आरोप लगाया है कि राज्य सरकार अब अपराधियों के खिलाफ कुछ नहीं कर पा रही है।
*दो एएसआई की हत्या और बढ़ती हिंसा पर गहरा चिंता*
बिहार में पिछले कुछ दिनों में दो एएसआई अधिकारियों की हत्या की घटनाएं हुईं। सबसे पहले अररिया में एएसआई राजीव रंजन मल्ल की हत्या कर दी गई और फिर मुंगेर में एएसआई संतोष कुमार को भी अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया। इन दोनों घटनाओं ने बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। इसके अलावा, भागलपुर और मधुबनी जिलों में भी पुलिसकर्मियों पर हमले हुए, जिससे राज्य में अपराधियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ।
*ई. मनोज झा का आरोप: “बिहार में अब कोई कानून-व्यवस्था नहीं है”*
ई. मनोज झा ने बिहार सरकार की निंदा करते हुए कहा कि राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाएं यह साबित करती हैं कि बिहार में अब कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उनका कहना था कि नीतीश सरकार की पूरी कोशिशें विफल हो चुकी हैं, और अपराधी पुलिसकर्मियों को भी निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर यह स्थिति बनी रही, तो बिहार में अपराधियों के खिलाफ कोई डर नहीं रहेगा।”
*मधुबनी में पुलिस अधिकारी पर हमला, राज्य सरकार पर और बढ़े सवाल!*
मधुबनी के खुटौना थाना क्षेत्र में भी एक हिंसक घटना सामने आई, जहां जमीन विवाद के चलते पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक पुलिस अधिकारी का सिर भी फट गया। यह घटना और बढ़ते अपराधों ने राज्य सरकार के खिलाफ जनमानस में नाराजगी पैदा कर दी है।
*नीतीश सरकार के ‘सुशासन’ पर निशाना*
ई. मनोज झा ने नीतीश कुमार के ‘सुशासन’ मॉडल पर भी सवाल उठाए और कहा कि बिहार में अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “बिहार में सुशासन का दावा अब सिर्फ एक दिखावा बनकर रह गया है, जो केवल चुनावी भाषणों तक सीमित है।”
ई. मनोज झा के इन आरोपों के बाद, अब यह देखना होगा कि बिहार सरकार अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए क्या कदम उठाती है और राज्य में कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या नई रणनीति अपनाई जाती है।