*1मई 2020 को 11:00 बजे से 12:00 बजे दिन तक किसान मजदूरों के ज्वलंत मांगों को लेकर होगा राज्य व्यापी विरोध प्रदर्शन।*

ठाकुर वरुण कुमार।

पटना :;- बिहार हार राज्य किसान सभा एवं बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के संयुक्त तत्वाधान में किसान सभा एवं खेतिहर मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता/समर्थक सरकारी एजेंसी द्वारा रबि के फसलों का समर्थन मूल्य पर तुरंत खरीद शुरू करने, आंधी- तूफान, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन, आम, लीची के हुए नुकसान क्षतिपूर्ति का मुआवजा कर जल्द भुगतान, प्रवासी बिहारी मजदूरों के सुरक्षित घर वापसी का प्रबंध करने सभी जरूरतमंद वंचित परिवारों को राशन, प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को ₹7500आर्थिक सहायता, खरीफ फसलों के लिए बीज, खाद एवं कीटनाशक और सिंचाई का समुचित प्रबंध की मांग को लेकर 1 मई 2020 को 11:00 बजे से 12:00 बजे दिन तक लाॅक डाउन एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों का पालन करते हुए दरवाजे या स्थानीय कार्यालय में शारीरिक दूरी बनाकर मांगों से संबंधित तख्ती प्ले कार्ड लेकर नारा लगाते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे।

विगत दिनों आई तेज आंधी, बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से पूरे बिहार खासकर उत्तर बिहार में गेहूं, मक्का, दलहन, आम, लीची का बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई है। प्राकृतिक आपदा के कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति एवं लाॅक डाउन से फूल, सब्जी उत्पादक, पशुपालकों, मुर्गी पालकों, मत्स्य पालन एवं कृषि से संबंधित अन्य क्षेत्रों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

प्राकृतिक आपदा से बचे रबी फसलों का सरकारी एजेंसी द्वारा समय पर खरीद नहीं किए जाने के चलते किसान अपने फसल को बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों पर बेचने को विवश हैं। 15 अप्रैल से पैक्स द्वारा समर्थन मूल्य पर रबी फसलों का खरीद शुरू किया जाने तथा प्राकृतिक आपदा से फसलों के हुए नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति राशि भुगतान का सरकारी घोषणा हवा-हवाई साबित हो रहा है।

इसी प्रकार केंद्र सरकार द्वारा बिना तैयारी एवं पूर्व सूचना का लाॅक डाउन की घोषणा से देश के विभिन्न प्रांतों में फंसे लाखों बिहारी प्रवासी मजदूरों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है। प्रवासी बिहारी मजदूर काम बंद हो जाने के चलते भारी संकट में हैं और वे सुरक्षित अपने घर लौटना चाहते हैं।

लेकिन बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार की संवेदनहीनता तथा हठघर्मिता के कारण वे घर नहीं लौट पा रहे हैं। प्रवासी बिहारी मजदूरों में सरकार के रवैये के प्रति काफी आक्रोश है। जिसका प्रस्फुटन पूरे देश में देखा जा सकता है। 1 महीने से अधिक हो जाने के बाद भी सरकार एवं सरकारी तंत्र की अकर्मण्यता के कारण राशन कार्ड से वंचित लाखों जरूरतमंद परिवार सरकार द्वारा घोषित राशन एवं नगद राशि से वंचित हैं।

इसी पृष्ठभूमि में बिहार राज्य किसान सभा एवं बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन बिहार
राज्य कमिटी केंद्र एवं बिहार का ध्यान किसान मजदूरों के उपरोक्त पीड़ा एवं समस्या की ओर आकर्षित करने के लिए 1 मई 2020 को सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का आवाहन किया है।

उक्त आशय की जानकारी विनोद कुमार राज्य महासचिव ने दी है।

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