मिथिलांचल सहोदय ने दस सूत्री माँगो के समर्थन में समाहरणालय के सामने दिया धरना

 

जेटी न्यूज मधुबनी

 

समाहरणालय के सामने मियथिलांचल सहोदया सी बी एस ई से मान्यता प्राप्त विद्यालय के निदेशक एवं प्राचार्य एवं शिक्षक विद्यालय बंद रहने के विरोध में एक दिवसीय आंशिक धरना संगठन के अध्यक्ष एवं रीजनल सेकंडरी स्कूल के निदेशक डॉक्टर आर . एस पांडेय के नेतृत्व में दस सूत्री मांगों को लेकर धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर रीजनल सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार झा के संचालन में सभा को संबोधित करते हुए डॉ. आर .एस पांडेय ने कहा कि छात्रों का उज्जवल भविष्य बनाने वाले विद्यालय महीनो से बंद परा हुआ है, जबकि मॉल, जिम, दुकान, वाहन आदि खुला हुआ है।नेता जी का सभा चल रहा है, लेकिन विद्यालय खोलने पर रोक लगा हुआ है। जबकि हमने सरकार के कोरोना के सभी गाइड लाइन को पालन करने के लिए तत्पर है और कर भी रहे है । उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा विलुप्त हो जाएगी तो सभ्यता संस्कृति भी धराशाही हो जाएगी। जबकि 80% छात्रों का भविष्य निजी विद्यालयों पर निर्भर करता है। सरकार के हर कार्य में निजी विद्यालय बढ़ चढ़ कर सहयोग करती रही है। लेकिन चिंता का विषय है कि सरकार ने इस संकट कि घड़ी में निजी विद्यालयों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। आज हम स्कूल को छोड़ कर धरना पर बैठने के लिए मजबूर हो रहे है। इस धरना के माध्यम से प्रशासन को ज्ञापन देकर विद्यालय खोलने की मांग, शिक्षा को जीवंत राखने के लिए विद्यालय खोलने की मांग कर रहा हूँ।वही पोल स्टार के निदेशक कैलास भरद्वाज ने कहा विद्यालय को बंद कर सरकार शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर रहा है।इसलिए बच्चो के भविष्य को देखते हुए विद्यालय खोलने का निर्देश देने चाहिए ।वही ट्रिनिटी विद्यालय के प्राचार्य आर. के झा ने कहा कि विद्यालय को बन्द कर न सिर्फ पढाई लिखाई बंद हो रही है, बल्कि विद्यालय प्रबंधन भयंकर आर्थिक संकट का शिकार होने जा रहा है,जो शिक्षक है वो बेरोजगार हो रहे है।वही डॉन बोस्को झंझारपुर के निदेशक एवं संगठन के उपाध्यक्ष मनोज कुमार झा ने कहा कि आज विद्यालय बंद होने से न सिर्फ विद्यालय प्रबंधन आर्थिक संकट के कारण काफी तनाव झेल रहे है, जबकि वर्षो से काम करने वाले शिक्षक भी सड़क पर आ गए है। जबकि बेनीपट्टी ज्ञान भारती के निदेशक एवं संगठन के जिला सचिव अमरेश मिश्र ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन कब तक लोन को भरता रहेगा, और शिक्षक कहा भटकेगा , उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों में सभी सरकारी परीक्षाएं विद्यालय में लिया जा रहा है चुनाव प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया जा रहा है। लेकिन विद्यालय खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही। विद्यालय बंद होने से विद्यालय प्रबंधन की आर्थिक स्थिति चरमरा सी गई है। लेकिन सरकार को इस ओर कोई ध्यान नही है। इसलिए हमलोगो को आज धरना पर बैठना पड़ा है। जबकि कुंतल जी ने कहा कि आज सब कुछ खुला हुआ है लेकिन विद्यालय बंद है, क्या इसी से होगा शिक्षा का विकास और वर्षो से काम करने वाले शिक्षक अपने आर्थिक संकट दूर करने के लिए कब तक भटकेंगे।सभा को वीरेंदर प्रतिहस्त, प्रत्युष परिमल, धर्मेंद्र जी, राजीव कुमार, वर्षा सहित दर्जनों शिक्षक ने संबोधित किया एवं दस सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला प्रशाशन को दिया गया।

Website Editor :- Neha Kumari

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