समस्तीपुर मंडल के सहरसा से दरभंगा रेलखंड का किया गया ऐतिहासिक निरीक्षण

जेटी न्यूज
आर.के.राय
समस्तीपुर: पूर्व मध्य रेल द्वारा शनिवार को समस्तीपुर मंडल के सहरसा से दरभंगा रेलखंड का ऐतिहासिक निरीक्षण किया गया । यह निरीक्षण कोसी रेल ब्रिज होते हुए वाया सुपौल-सरायगढ़-निर्मली-झंझारपुर होकर किया गया। इस दौरान सहरसा और दरभंगा के बीच स्थित छोटे-बड़े स्टेशनों, रेल पुलों, रेलवे ट्रैक, समपार फाटक, स्टेशन परिसर, प्रतीक्षालय एवं रेल काॅलोनियों आदि का गहन निरीक्षण किया गया एवं साफ सफाई का जायजा लिया गया ।
ज्ञातव्य हो कि भारतीय रेल में पहली बार आज महाप्रबंधक स्पेशल का परिचालन पूर्णतया महिला रेलकर्मियों द्वारा किया गया । आज के महाप्रबंधक स्पेशल ट्रेन के पायलट, गार्ड सहित सभी क्रू मेंबर महिला रेलकर्मी थीं। यहाँ तक कि इस स्पेशल ट्रेन के सुरक्षा की जिम्मेवारी भी महिला रेल सुरक्षा बल के कर्मियों द्वारा की गयी । महाप्रबंधक स्पेशल का संचालन महिला लोको पायलट संयुक्ता कुमारी, सहायक लोको पायलट मिनाक्षी सुंडी एवं गार्ड दीपा कुमारी द्वारा किया गया । महाप्रबंधक ने इन महिला रेलकर्मियों को सम्मानित किया ।

पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री ललित चंद्र त्रिवेदी मुख्यालय के विभागाध्यक्षों एवं समस्तीपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री अषोक महेष्वरी तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ सर्वप्रथम सहरसा स्टेशन पहुंचे जहां इस अत्याधुनिक ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट से 24 कोच युक्त रेक की सफाई मात्र 7-8 मिनट में पूरी कर ली जाएगी। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सफाई में लगनेवाले 80 प्रतिशत पानी को रिसाइकिल कर इसे दुबारा उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे कम समय में अधिक से अधिक ट्रेनों की उच्च गुणवत्तायुक्त सफाई हो सकेगी।

साथ ही पानी की बचत से पर्यावरण संरक्षण में भी यह मददगार होगा।
यात्रियों के समय और धन दोनों की बचत होगी। यह इस क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा तथा लोगों के समृद्धि के द्वार खुलेंगे ।
निरीक्षण के क्रम में महाप्रबंधक महोदय द्व़ारा सहरसा और पंचगछिया के बीच लघु पुल संख्या-23 एवं समपार संख्या 41 का गहन निरीक्षण किया गया। इसके उपरांत महाप्रबंधक महोदय द्वारा गढ़बरूआरी और सुपौल के बीच समपार संख्या 45 एवं वृहत पुल संख्या 19ए का गहन निरीक्षण किया गया । तत्पष्चात् महाप्रबंधक सुपौल स्टेशन पहुँचे निरीक्षण के क्रम में महाप्रबंधक महोदय द्वारा सरायगढ़ से राघोपुर एवं राघोपुर से वापस सरायगढ़ तक स्पीड ट्रायल/निरीक्षण किया गया । साथ ही सरायगढ़ से झंझारपुर के बीच पड़ने वाले निर्मली,
निरीक्षण के दौरान पूर्व मध्य रेल मुख्यालय से प्रधान मुख्य इंजीनियर श्री बृजेश कुमार, प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री रमेश चन्द्र, प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री आलोक कुमार मिश्र, प्रधान मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री राजेश कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण/उत्तर श्री देश रत्न गुप्ता, प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक श्री सलिल कुमार झा, प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक श्री एस.के.शर्मा, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी श्री जे.के.पी.सिंह, प्रधान वित सलाहकार श्री मधुकर सिन्हा, प्रधान मुख्य समाग्री प्रबंधक श्री एन.पी.सिन्हा, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्री एस.मयंक, प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक डाॅ. पी.के.सरदार, वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक श्री सुजीत कुमार मिश्रा सहित समस्तीपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री अशोक माहेश्वरी सहित मुख्यालय एवं समस्तीपुर मंडल के अन्य उच्चाधिकारीगण उपस्थित थेे ।

वर्तमान पुल का निर्माण निर्मली एवं सरायगढ़ के बीच किया गया है. निर्मली जहां दरभंगा-सकरी-झंझारपुर मीटर गेज लाइन पर अवस्थित एक टर्मिनल स्टेशन था वहीं सरायगढ़, सहरसा और फारबिसगंज मीटर गेज रेलखंड पर अवस्थित था । सन 1887 में बंगाल नॉर्थ-वेस्ट रेलवे ने निर्मली और सरायगढ़ (भपटियाही) के बीच एक मीटर गेज रेल लाइन का निर्माण किया था। उस समय कोसी नदी का बहाव इन दोनों स्टेशनों के मध्य नहीं था । उस समय कोसी की एक सहायक नदी तिलयु्गा इन स्टेशनों के मध्य बहती थी जिसके ऊपर लगभग 250 फीट लंबा एक पुल था । कोसी नदी के पश्चिम दिशा में उत्तरोत्तर विस्थापन के क्रम में सन 1934 में यह पुल ध्वस्त हो गया एवं कोसी नदी निर्मली एवं सरायगढ़ के बीच आ गई ।

कोसी की मनमानी धाराओं को नियंत्रित करने का सफल प्रयास पश्चिमी और पूर्वी तटबंध तथा बैराज निर्माण के साथ 1955 में आरंभ हुआ । निर्मली से सुपौल तक का सफर वर्तमान में रेल मार्ग से वाया दरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया-मानसी-सहरसा होते हुए 272 किलोमीटर का है । इस पुल के निर्माण से यह 272 किलोमीटर की दूरी घटकर मात्र 22 किलोमीटर में सिमट जाएगी।

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